Features

शॉर्ट गेंद की कमज़ोरी के बावजूद श्रेयस अय्यर पीछे हटने वालों में से नहीं हैं

भारतीय बल्लेबाज़ ने कहा कि उन्हें तीसरे नंबर पर बल्लेबाज़ी करना पसंद है

भारत की वर्ल्ड रिकॉर्ड सीरीज़ जीत की तीन अहम बातें - क्या अक्षर ने जाडेजा की कमी नहीं खलने दी ?

भारत की वर्ल्ड रिकॉर्ड सीरीज़ जीत की तीन अहम बातें - क्या अक्षर ने जाडेजा की कमी नहीं खलने दी ?

अक्षर पटेल की आतिशी बल्लेबाज़ी के दम पर कैरेबियाई टीम के ख़िलाफ़ लगातार 12वीं सीरीज़ जीत

हर एक विपक्षी टीम को शॉर्ट गेंद के विरुद्ध श्रेयस अय्यर की कमज़ोरी पता है।

Loading ...

रविवार को अल्ज़ारी जोसेफ़ ने श्रेयस को शॉर्ट गेंदों से तंग करने की शुरुआत की। श्रेयस तब तक सेट हो चुके थे लेकिन फिर भी वह तीन मौक़ों पर बीट हुए। एक बार तो शॉर्ट गेंद उनके हाथ पर लगकर विकेटकीपर के पास गई।

ना जोसेफ़ और ना ही शॉर्ट गेंदों का अंदाज़ा लगा रहे श्रेयस पीछे नहीं हटने वाले थे। आउट होना होता तो वह आक्रामक होने के प्रयास में आउट होना पसंद करते।

इसका दूसरा पहलू यह है कि यह कई बार अहंकार की लड़ाई में बदल सकता है। लेकिन श्रेयस को अपने खेल की समझ है, और उनकी कमज़ोरी, भले ही उन्होंने इसके बारे में ख़ुलकर बात न की हो, संभवतः इस मुद्दे पर काम चल रहा है।

श्रेयस ने बताया की उन्होंने राहुल द्रविड़ और बल्लेबाज़ी कोच विक्रम राठौर के साथ अधिक मेहनत की थी। श्रेयस जानते हैं कि मौक़े कम मिलेंगे और इसलिए वह अपने खेल पर काम कर रहे थे और राठौर को कई बार उन्हें नेट से बाहर निकालना पड़ा।

इंग्लैंड में उन्हें केवल एक मैच मिला। जब बड़े खिलाड़ी वापस आए तो श्रेयस को बेंच पर बैठना पड़ा। अब वह एकादश में लौट आए हैं क्योंकि वरिष्ठ खिलाड़ियों को आराम दिया गया है और कैरेबियन में दो पारियों में उन्होंने दो मैच जिताऊ अर्धशतक लगाए हैं।

"मुझे अर्धशतक बनाने की ख़ुशी है लेकिन मैं अपने आउट होने के तरीक़े से नाराज़ हूं"  AFP/Getty Images

पहले मैच में उनके आउट होने के बाद ऐसा लगा जैसे उन्होंने शतक बनाने का मौक़ा गंवा दिया। रविवार को भाग्य ने उनका साथ नहीं दिया और वह अंपायर्स कॉल के कारण ऐसी गेंद पर पगबाधा हुए जो लेग स्टंप के बाहरी हिस्से पर जाकर लगती। संजू सैमसन के साथ 99 रनों की उनकी साझेदारी ने भारत को मैच में बनाए रखा जहां टीम 312 के लक्ष्य का पीछा कर रही थी।

श्रेयस ने मैच के बाद कहा, "मुझे यह स्कोर बनाने की ख़ुशी है लेकिन मैं अपने आउट होने के तरीक़े से नाराज़ हूं। मुझे लगा कि मैं टीम को आसानी से जीत के पास लेकर जा सकता था। मैं लक्ष्य की तरफ़ आगे बढ़ रहा था लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण अंदाज़ से आउट हुआ। आशा करता हूं कि मुझे अगले मैच में शतक बनाने का अवसर मिलेगा।"

किसी कारणवश वनडे एकादश के नियमित सदस्य नहीं होने के बावजूद श्रेयस ने आंकड़े शानदार है - 42.56 की औसत और 95 के स्ट्राइक रेट से 1064 रन। पिछले साल कंधे की चोट ने उन्हें छह महीनों के लिए खेल से बाहर कर दिया। चौथे नंबर पर ख़ुद को स्थापित करने के बाद वह टीम से बाहर हो गए। शॉर्ट गेंदों पर उनकी कमज़ोरी सामने आने के बाद अब वह सफलता की सीढ़ी पर ऊपर चढ़ने का प्रयास कर रहे थे।

इसका साफ़ उदाहरण देखने को मिला जब एजबेस्टन टेस्ट के दौरान बालकनी से ब्रेंडन मक्कलम ने इंग्लैंड के गेंदबाज़ों को इशारा किया कि वह श्रेयस को कंधे के पास गेंद डाले। इसके छह हफ़्ते पहले तक कोलकाता नाइट राइडर्स के ख़ेमे में वह श्रेयस की इस समस्या का समाधान खोजने में जुटे हुए थे।

अपने करियर के दौरान श्रेयस ने कई कोचों के साथ काम किया है लेकिन वरिष्ठ स्तर पर द्रविड़ के साथ उनका संबंध सबसे लंबा रहा है। 2015 में सबसे पहले उन्होंने दिल्ली डेयरडेविल्स के साथ जुड़ने के बाद द्रविड़ के साथ ताम किया। फिर यह रिश्ता इंडिया ए के लिए कई दौरों पर जाने के दौरान गहरा हुआ। यहां एक ऐसा आराम कारक है जिससे श्रेयस को स्पष्टता मिलती है।

शॉर्ट गेंद के विरुद्ध किए गए काम पर श्रेयस ने कहा, "आप जो भी मेहनत कर रहे हो, वह पर्दे के पीछे होती है। यहां आपको सिर्फ़ फल दिखता है। मुझे मेहनत करना पसंद है। मैं बहुत मेहनत कर रहा हूं। विकेट और परिस्थितियां बदलती है, मैच आते रहते हैं। आपको फ़िट रहकर ख़ुद को प्रेरित करना होता है।"

श्रेयस ने आगे कहा, "मैं उनके (द्रविड़ और राठौर) के साथ कई वर्षों से काम कर रहा हूं। हम प्रत्येक मैच के अनुसार तकनीक और मानसिकता पर बात करते हैं। टीम मीटिंग के दौरान हर व्यक्ति बात करता है। हम नतीजे पर आने की बजाय एक-दूसरे के नज़रिए से सीखते हैं। राहुल सर हमेशा से समर्थन करते आए हैं और वह दबाव नहीं डालते।"

श्रेयस को नंबर तीन पर बल्लेबाज़ी करना पसंद है। वह यह नहीं कहते कि मैं टीम के अनुसार किसी भी स्थान पर बल्लेबाज़ी करूंगा। वह बस प्रत्येक मौक़े का पूरा फ़ायदा उठाना चाहते हैं। अर्धशतकों से प्रसन्न होने की बजाय वह उन्हें बड़े स्कोर में तब्दील करना चाहते हैं।

उन्होंने कहा, "नंबर तीन वनडे में सर्वश्रेष्ठ स्थान है। ओपनरों के जल्दी आउट होने के बाद आप कठिन स्थिति में क्रीज़ पर जाते हैं। फिर आपको नई गेंद का सामना करते हुए अपनी पारी को आगे बढ़ाना पड़ता है। हालांकि अगर ओपरनों की शुरुआत अच्छी होती है तो आपको उसी लय को बरक़रार रखना है। यह एक मज़ेदार स्थान है और मुझे आनंद आ रहा है।"

श्रेयस ने आगे कहा, "मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे अर्धशतक बनाने का मौक़ा मिला लेकिन मुझे इसे शतक में बदलना होगा। आपको अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में ऐसे मौक़े बहुत कम मिलते हैं। आज एक अच्छा अवसर था। पिछले मैच में मैं एक अच्छे कैच पर आउट हुआ। मैं नहीं कहूंगा कि मैंने विकेट फेंकी। जब तक टीम जीत रही है और मैं योगदान दे रहा हूं, मुझे अच्छा लगता है।"

"टीम में खेलना मेरे हाथों में नहीं है। मैं मैदान से बाहर जमकर अभ्यास कर सकता हूं। जब मैं मैदान से बाहर जाता हूं तो मुझे कोई पछतावा नहीं होता है।"

Shreyas IyerIndiaWest Indies vs IndiaIndia tour of West Indies and United States of America

शशांक किशोर ESPNcricinfo में सीनियर सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।