क्या रवींद्र जाडेजा बने 'गड़बड़' फ़ैसले का शिकार?
ब्रॉडकास्ट पर समझाया गया कैसे रीप्ले में ग़लती ज़रूर हुई, लेकिन आख़िर में उन्हें आउट देने का फ़ैसला सही था

पोर्ट ऑफ़ स्पेन टेस्ट के दूसरे दिन रवींद्र जाडेजा के संदिग्ध डिसमिसल के बाद टी के दौरान ब्रॉडकास्ट पर स्पष्टीकरण दिया गया है कि डीआरएस प्रक्रिया में "गड़बड़" के बावजूद तीसरे अंपायर द्वारा सही फ़ैसला लिया गया था।
भारत का स्कोर 360 पर पांच विकेट का था, जब 104वें ओवर में केमार रोच के ऑफ़ स्टंप के बाहर की गेंद पर जाडेजा ड्राइव लगाने गए और चूकते दिखे। विकेटकीपर जॉशुआ डासिल्वा तुरंत कैच का जश्न मनाने लगे, लेकिन अंपायर मराय इरासमस पर कोई असर नहीं पड़ा। वेस्टइंडीज़ ने रिव्यू का सहारा लिया और स्पिन-विज़न रीप्ले के मुताबिक़ बल्ला और गेंद काफ़ी क़रीब दिखे। इस पर टीवी अंपायर माइकल गफ़ ने अल्ट्रा-एज की मांग की।
हालांकि ऐसे में जो रीप्ले दिखा, वह गेंद कोई और था। अपील की गई गेंद में जाडेजा ने अपने शरीर से काफ़ी दूर से खेलने का प्रयास किया था, लेकिन जहां अल्ट्रा-एज रिप्ले में हल्का सा स्पर्श नज़र आया, इस रीप्ले में जाडेजा शरीर के काफ़ी पास खेलते नज़र आए। बल्ला का अंदरूनी किनारा उनके पैड से संपर्क करता दिखा। इसके अलावा इस रीप्ले में वह सीधे बल्ले से खेल रहे थे, जबकि मूल गेंद पर वह कवर ड्राइव प्रयास कर रहे थे।
गफ़ संतुष्ट थे कि बाहरी किनारा लगा था और उन्होंने इरासमस को अपना निर्णय बदलने को कहा। जाडेजा भी 152 गेंदों पर 61 बनाकर चुपचाप पवेलियन लौट गए।
बाद में कर्टली ऐम्ब्रोज़ और सैमुएल बद्री के साथ आकलन करते हुए डैरन गंगा ने सही रिप्ले को दिखाते हुए कहा, "यह वास्तविक रीप्ले है। बल्ला पैड से नहीं लगा था। इस पर अल्ट्रा-एज में हरक़त है और सबसे ज़रूरी बात है कि सही निर्णय लिया गया था। बस यह स्पष्ट करना ज़रूरी है कि खिलाड़ियों या अंपायर द्वारा कोई भूल नहीं हुई। गड़बड़ ब्रॉडकास्ट में हुई थी।"
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