वेस्टइंडीज़ ने चखा सूर्यकुमार यादव की 'क्रूरता' का स्वाद
स्टाइलिश बल्लेबाज़ ने 'करो या मरो' के मुक़ाबले में बिना दबाव के बल्लेबाज़ी की
जाफ़र : सूर्या जब इस रंग में रहते हैं तो फिर गेंदबाज़ों के पास कोई जवाब नहीं होता
वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ प्रॉविडेंस में तीसरे टी20आई में भारत की जीत का विश्लेषण वसीम जाफ़र के साथअकील हुसैन के पहले ओवर में जब सूर्यकुमार यादव स्वीप करने के लिए झुके तो गेंदबाज़ ने इसे पहले ही भांप लिया और ऑफ़ स्टंप से काफ़ी दूर की गेंद फेंकी। उस समय सूर्यकुमार का एक घुटना ज़मीन पर था। लेकिन सूर्यकुमार अपेक्षित लाइन और लेंथ में परिवर्तन से डिगे नहीं और ऑफ़ स्टंप के काफ़ी बाहर की गेंद को आड़े बल्ले से घुटने के बल होकर प्वाइंट के ऊपर से इनसाइड आउट चौका मार दिया।
यह तो बस 'क़त्लेआम' की शुरुआत थी।
प्रॉविडेंस के इस धीमी और दोहरी उछाल वाली पिच पर जहां अधिकतर बल्लेबाज़ संघर्ष करते हुए दिख रहे थे, वहीं सूर्यकुमार ने 44 गेंदों पर 83 रन बनाए। वेस्टइंडीज़ की गेंदबाज़ी उतनी ख़राब भी नहीं थी और पिच भी लगातार धीमी होती चली जा रही थी। लेकिन सूर्यकुमार उन 'अधिकतर' बल्लेबाज़ों में से नहीं हैं। उन्होंने कैरेबियाई गेंदबाज़ी आक्रमण को 'साधारण' और प्रॉविडेंस को 'वानखेड़े' बना दिया।
ऑफ़ साइड में बाउंड्री खाने के बाद अकील ने अपनी लाइन को बदलते हुए स्टंप पर आक्रमण करना शुरू किया। लेकिन सूर्यकुमार की तरकश में तो कई तीर हैं। उन्होंने फ़्लैट स्वीप निकाला और स्क्वेयर बाउंड्री के आगे और पीछे दोनों तरफ़ शॉट लगाते हुए अकील की गेंदबाज़ी लय को तोड़कर रख दिया।
इसके बाद सूर्यकुमार ने तेज़ गेंदबाज़ों पर आक्रमण किया। ओबेद मकॉए ने फ़ुल लेंथ से थोड़ी सी पीछे की गेंद पर यशस्वी जायसवाल को चलता किया था, लेकिन जब उन्होंने सूर्यकुमार को वैसी ही गेंद डाली तो सूर्यकुमार क्रीज़ में ही डटे रहे और गेंद को मिडविकेट के ऊपर से चौके के लिए भेज दिया। इसके बाद मकॉए ने स्टंप की लाइन में ही फ़ुल गेंद फेंकी तो उसे उन्होंने गेंदबाज़ के सिर के ऊपर से ही छक्के के लिए भेज दिया।
लेकिन सूर्यकुमार का सबसे आकर्षक शॉट रोमारियो शेफ़र्ड की गेंद पर आया, जो पारी का 10वां ओवर था। जब शेफ़र्ड ने ऑफ़ स्टंप के काफ़ी बाहर स्लोअर ऑफ़ कटर गेंद फेंकी तो वह गेंद की लाइन तक अक्रॉस आए और शॉर्ट फ़ाइन लेग के ऊपर से आधा स्कूप और आधा स्वीप खेलते हुए गेंद को बाउंड्री पार भेज दिया। यह शॉट खेलते हुए सूर्यकुमार ज़मीन पर गिर गए, लेकिन यही तो उनका स्टाइल है।
इस शॉट ने उस समय कॉमेंट्री कर रहे इयन बिशप को रोहन कन्हाई की याद दिला दी। हालांकि मुझे लगता है कि जिस तरह से सूर्यकुमार मैदान के चारों तरफ़ क्रूरता और आक्रमकता से शॉट लगा रहे थे, वह कन्हाई की जगह विवियन रिचर्ड्स के अधिक क़रीब थे।
मैच के बाद सूर्यकुमार ने कहा, "मुझे लगता है कि जब मैं पावरप्ले में बल्लेबाज़ी के लिए गया, तो मुझे ख़ुद में रहकर अपने मूल स्वभाव को एक्सप्रेस करना था। टीम और टीम प्रबंधन की मुझसे यही मांग थी कि मैं जितना लंबा हो सके, बल्लेबाज़ी करूं। चीज़ें जिस तरह से घटित हुईं, मैं उससे बहुत ख़ुश हूं। जब मैं घर पर (मुंबई में) था तो इस तरह की शॉट का लगातार अभ्यास कर रहा था। मुझे ऐसी चीज़ें करनी पसंद है और मैं इसका लुत्फ़ उठाता हूं।"
इस मैच में सूर्यकुमार ने अपने मुंबई इंडियंस के साथी तिलक वर्मा के साथ तीसरे विकेट के लिए 50 गेंदों में 87 रन की साझेदारी की। 160 रनों के लक्ष्य का पीछा करने के दौरान तिलक ने 37 गेंदों पर नाबाद 49 रन बनाए और अपनी टीम को सात विकेट की बड़ी जीत दिलाकर सीरीज़ को भी ज़िंदा रखा।
सूर्यकुमार ने युवा तिलक के बारे में कहा, "हमने साथ में काफ़ी बल्लेबाज़ी की है। हम दोनों एक दूसरे को बख़ूबी समझते हैं। उन्होंने परिपक्वता से बल्लेबाज़ी की और यह उनका दिन था। जिस तरह से उन्होंने बल्लेबाज़ी की, उससे मुझे भी आत्मविश्वास मिला। मैंने उनसे बस इतना कहा, 'जिस तरह से तुम बल्लेबाज़ी कर रहे हो, उससे मुझे ख़ुद को एक्सप्रेस करने की आज़ादी मिल रही है'। दूसरे छोर से उनकी यह एक बेमिसाल पारी थी।"
हां या ना : सूर्या का ये फ़ॉर्म यहां से भी भारत को सीरीज़ का विजेता बनाएगा
वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ तीसरे टी20आई में भारत की जीत से जुड़े अहम सवालों पर वसीम जाफ़र का फ़ैसलादेवरायण मुुथु ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं
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