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महिला एशिया कप : भारत प्रबल दावेदार, बांग्लादेश और श्रीलंका को भी नहीं किया जा सकता नज़रअंदाज़

पाकिस्तान की संभावनाएं कितनी हैं? क्या कोई एसोसिएट देश भी उलटफेर कर सकता है?

भारत ने हाल ही में बांग्लादेश को 5-0 से पटखनी दी थी  BCB

महिला क्रिकेट में एशिया कप ने अपनी एक अलग पहचान स्थापित कर ली है। यह टूर्नामेंट अब तक चार बार T20 प्रारूप में खेला गया है, जिसमें तीन बार ट्रॉफ़ी भारत के हाथ लगी है।

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चार बड़ी टीमों, भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका के लिए यह टूर्नामेंट आगामी T20 वर्ल्ड कप की तैयारी के लिहाज़ से सुनहरा अवसर है। हालांकि यह टूर्नामेंट UAE, थाईलैंड, मलेशिया और नेपाल जैसे देशों के लिए भी अवसर के लिहाज़ से काफ़ी महत्वपूर्ण है क्योंकि अमूमन इन्हें शीर्ष रैंक की टीमों के साथ खेलने के पर्याप्त अवसर नहीं मिल पाते।

दो दशक पहले शुरू हुए इस टूर्नामेंट और उसके उद्देश्य में काफ़ी बदलाव आया है। 20 वर्ष पहले सिर्फ़ भारत और श्रीलंका ही इस टूर्नामेंट का हिस्सा थे और विजेता घोषित करने के लिए दोनों टीमों के बीच पांच एकदिवसीय मैचों की श्रृंखला खेली गई थी। 2005-06 में कराची में इस टूर्नामेंट का आयोजन हुआ और पहली बार पाकिस्तान इसका हिस्सा बना। 2008 में खेले गए चौथे संस्करण में बांग्लादेश की भी एंट्री हो गई।

इसके ठीक चार साल बाद यह निर्णय लिया गया कि अब एशिया कप T20 प्रारूप में खेला जाएगा। 2012 में टूर्नामेंट के स्वरूप का और विस्तार हुआ और अब इसमें आठ टीमें हिस्सा लेने जा रही थीं, हॉन्ग कॉन्ग, थाईलैंड, नेपाल और चीन इस टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाली नई टीम थी। भारत 2016 तक लगातार इस टूर्नामेंट का विजेता रहा लेकिन 2018 में मलेशिया में खेले गए इस टूर्नामेंट में बांग्लादेश को जीत मिल गई।

कोरोना महामारी के बाद 2022 में एक बार फिर यह टूर्नामेंट खेला गया। इस संस्करण में सात टीमों ने हिस्सा लिया था और सबसे बड़ा उलटफेर थाईलैंड ने पाकिस्तान को हराकर किया था। आगामी संस्करण में एक बार फिर आठ टीमें हिस्सा लेने जा रही हैं।

एशिया कप 2024 में जगह बनाना एसोसिएट देशों के लिए इतना आसान भी नहीं था। इस टूर्नामेंट में अन्य चार टीमों में अपनी जगह बनाने के लिए ACC प्रीमियर कप में कुल 16 टीमें आपस में भिड़ी थीं। जिसके बाद थाईलैंड, नेपाल, मलेशिया और UAE को प्रवेश मिल पाया।

एशिया कप में एक बार फिर भारत प्रबल दावेदार होगा लेकिन एसोसिएट देश भी अपनी छाप छोड़ने की पूरी कोशिश करेंगे।

भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश की चर्चा करते हैं

भारत साउथ अफ़्रीका के साथ तीन T20 मैचों की श्रृंखला को 1-1 की बराबरी पर समाप्त करते हुए यह टूर्नामेंट खेलने आ रहा है। जबकि इससे पहले भारत ने बांग्लादेश को उसके घर पर 5-0 से पटखनी भी दी थी। इन दो टूर्नामेंट में भारतीय टीम के लिए काफ़ी सकारात्मक पहलू रहे हैं। स्मृति मांधना बेहतरीन फ़ॉर्म में हैं, स्पिन विभाग में भी कोई समस्या नज़र नहीं आ रही है, जबकि पूजा वस्त्रकर तेज़ गेंदबाज़ी आक्रमण में मुख्य हथियार साबित हुई हैं।

निदा डार द्वारा कप्तानी संभालने के बाद पाकिस्तान के प्रदर्शन में निरंतरता की कमी साफ़ तौर पर दिखाई दी है। अप्रैल 2023 से लेकर अब तक पाकिस्तान 19 T20I में से सिर्फ़ सात मैच ही जीत पाया है। इस साल ही पाकिस्तान को आठ में से सात मैचों में हार नसीब हुई है। इसकी बड़ी वजह बल्लेबाज़ी में उनका संघर्ष बना है। उनका बल्लेबाज़ी क्रम इस साल सिदरा अमीन और मुनीबा अली पर ही अधिक निर्भर नज़र आया है।

पाकिस्तान की तरह ही बांग्लादेश ने भी बल्ले के साथ काफ़ी संघर्ष किया है। बांग्लादेश की टीम अपनी कप्तान निगार सुल्ताना पर बहुत हद तक निर्भर है। शीर्ष छह में सिर्फ़ दिलारा अख़्तर अकेली ऐसी बल्लेबाज़ हैं, जिनका स्ट्राइक रेट 100 के ऊपर है। यह बल्लेबाज़ी में बांग्लादेश के धीमेपन को भी दर्शाता है। बांग्लादेश ने इस साल अपने सभी आठ मैच हारे हैं। हालांकि ऑलराउंडर रुमाना अहमद और तेज़ गेंदबाज़ जहानारा आलम की वापसी से बांग्लादेश की उम्मीदें ज़रूर बढ़ेंगी।

इन सभी टीमों के अलावा मेज़बान देश श्रीलंका भी ट्रॉफ़ी की प्रबल दावेदार है। उन्होंने इस साल अपने 12 में से नौ मैच जीते हैं। कप्तान चमारी अतापत्तू से श्रीलंका को काफ़ी उम्मीदें होंगी। हालांकि विष्मि गुणारत्ने ने भी इस साल खेली 12 पारियों में 324 रन बनाए हैं। कविशा दिलहारी ने भी अपने ऑलराउंड खेल से प्रभावित किया है। उन्होंने 136.79 के स्ट्राइक रेट से 145 रन बनाने के साथ साथ 11 मैचों में बाहर विकेट भी हासिल किए हैं।

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श्रीनिधी रामानुजम ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं