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सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर बनने की चाह और रेड्डी की वापसी की कहानी

अरुंधति के तीन विकेटों ने रविवार को भारत को पाकिस्तान के ख़िलाफ़ जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई

क्या भारत ने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ नेट रन-रेट बेहतर करने का मौक़ा गंवा दिया ?

क्या भारत ने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ नेट रन-रेट बेहतर करने का मौक़ा गंवा दिया ?

विश्व कप में भारत की पाकिस्तान पर जीत का विश्लेषण यश झा और विशाल दीक्षित के साथ

"गल्फ़ कब जाना है?"

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यह केरल में समाजिक ओहदे के इतर जीवन यापन के बारे में अधिकतर लोगों से पूछा जाने वाला सवाल है। बहुत संभव है कि अरुंधति रेड्डी को भी ऐसे सवाल से रूबरू होना पड़ा हो, जब उन्होंने मझधार में फंसे अपने करियर का बेड़ा पार लगाने के लिए पिछले वर्ष राज्य की टीम से खेलने का रुख़ किया था।

जुलाई 2021 से ही उन्होंने क्रिकेट नहीं खेला था। लेकिन घरेलू क्रिकेट और WPL में बेहतरीन प्रदर्शन के चलते उनकी वापसी हुई और अगस्त में उन्होंने गर्व के साथ अपने मेंटॉर और भारतीय टीम के पूर्व फ़ील्डिंग कोच बीजू जॉर्ज को यह सुखद समाचार सुनाया।

"मैं दुबई जा रही हूं।"

रविवार को रेड्डी ने दुबई में मैदान में मौजूद 16 हज़ार दर्शकों और टीवी पर देख रहे लाखों लोगों को अपनी गेंदबाज़ी क्षमता से परिचित कराया। उन्होंने 19 रन देकर तीन विकेट चटकाए और महिला T20 वर्ल्ड कप 2024 में भारतीय टीम को मिली पहली जीत में उन्होंने अहम भूमिका निभाई।

हालांकि रेड्डी की यह यात्रा इतनी आसान नहीं थी। टूर्नामेंट शुरु होने से पहले उनके अंतिम एकादश में खेलने पर संशय की स्थिति थी। क्योंकि स्पिन की मददगार परिस्थितियों को देखते हुए भारत के दो तेज़ गेंदबाज़ों के साथ मैदान में उतरने की संभावना थी।

हालांकि संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में रणनीति में हुए बदलाव और रविवार को निगल के चलते पूजा वस्त्रकर की अनुपस्थिति में रेड्डी को न सिर्फ़ नई गेंद मिली बल्कि उन्होंने डेथ में भी गेंदबाज़ी की।

प्लेयर ऑफ़ द मैच का अवॉर्ड लेते समय उन्होंने कहा, "पिछले दो वर्षों से मैंने एक पूर्ण T20 गेंदबाज़ बनने के लिए मेहनत की है। इसके पीछे काफ़ी मेहनत लगी है। मैं एक ऐसी गेंदबाज़ बनना चाहती हूं कि मैं खेल के हर चरण में गेंदबाज़ी कर सकूं।"

अरुंधती के फ़ैसले में जॉर्ज, जो दिल्ली कैपिटल्स से भी जुड़े हुए हैं, उनका भी योगदान रहा है। रेलवेज़ के लिए खेलते हुए रेड्डी के पास अधिक अवसर नहीं थे लेकिन सरकारी नौकरी और वित्तीय स्थिति के चलते रेड्डी कोई बड़ा निर्णय लेना नहीं चाहती थीं। हालांकि WPL ने उन्हें एक साहसिक निर्णय लेने में मदद की।

रेड्डी ने कहा, "मैं भारत के लिए फिर से खेलना चाहती थी। पिछले साढ़े तीन साल मेरे लिए अच्छे नहीं थे। मैंने इस दौरान उन पहलुओं पर काम किया जहां मुझे सुधार करने की ज़रूरत थी। असली ध्यान दुनिया का बेस्ट ऑलराउंडर बनने पर था और मैंने उसी हिसाब से अपनी तैयारी शुरु की। मुझे पता है, मैं भारत के लिए मैच जिता सकती हूं।"

अगर कुछ और कैच भी लपक लिए गए होते तो रेड्डी के खाते में पांच विकेट भी हो सकते थे। और अब यह भी संभव है कि अब अगली बार केरल में उनसे गल्फ़ जाने से जुड़ा सवाल नहीं पूछा जाएगा।

Arundhati ReddyPAK Women vs IND WomenICC Women's T20 World Cup

शशांक किशोर ESPNcricinfo के सीनियर सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के कंसल्टेंट सब एडिटर नवनीत झा ने किया है।