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हरमनप्रीत: 'क्रिकेटर के रूप में हमारे जीवन में इससे बड़ा कुछ नहीं हो सकता'

रविवार को होने वाले फ़ाइनल से पहले भारत ने मानसिक और शारीरिक दोनों रिकवरी पर दिया ध्यान

Harmanpreet Kaur और Laura Wolvaardt विश्व कप ट्रॉफ़ी के साथ  Getty Images

हरमनप्रीत कौर डीवाई पाटिल स्टेडियम में प्री-मैच प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए बैठीं, चेहरा शांत था, लेकिन भीतर एक दहकती आग थी। सिर्फ़ दो रात पहले भारत ने ऑस्ट्रेलिया को सेमीफ़ाइनल में हराकर विश्व कप इतिहास की सबसे बड़ी जीतों में से एक दर्ज की थी। उस जीत के बाद हरमनप्रीत की आंखों से आंसू थम नहीं रहे थे। लेकिन अब वक्त था उस जीत को पीछे छोड़कर अगले कदम पर ध्यान देने का।

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हरमनप्रीत ने साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ फ़ाइनल की पूर्व संध्या पर कहा, "सेमीफ़ाइनल एक बहुत दबाव वाला मैच था। उसके बाद हमने रिकवरी पर ज्यादा ध्यान दिया, क्योंकि जितना ताज़ा दिमाग़ से फ़ाइनल खेलेंगे, उतना बेहतर रहेगा।"

"हम सालों से मेहनत कर रहे हैं। स्किल्स पर काफ़ी काम हो चुका है। अब बस ख़ुद को तरोताज़ा रखना ज़रूरी है। सभी खिलाड़ी इस बात को गंभीरता से ले रहे हैं और उम्मीद है कि कल हम और ज्यादा फ्रेश महसूस करेंगे।"

भारत अपना तीसरा वनडे विश्व कप फ़ाइनल खेलेगा, जबकि साउथ अफ़्रीका के लिए यह पहला होगा।

हरमनप्रीत ने कहा, "संतुलित और फोकस रहना ही सबसे ज़रूरी है। हम लगातार बात कर रहे हैं कि कैसे ख़ुद को रिलैक्स रखते हुए फोकस बनाए रखें, क्योंकि यह हमारे लिए सबसे बड़ा मंच है। घर पर विश्व कप फ़ाइनल खेलने का मौक़ा।"

"लेकिन सबसे अहम बात यह है कि हमें इस पल को एंजॉय करना है। एक खिलाड़ी और कप्तान के तौर पर इससे बड़ा मौक़ा नहीं होता। इसलिए हमारा लक्ष्य है छोटी-छोटी चीज़ों पर ध्यान देना, क्योंकि अगर हम छोटे लक्ष्य पूरे करते रहेंगे, तो बड़ा लक्ष्य अपने आप हासिल हो जाएगा।"

यह हरमनप्रीत का पांचवां विश्व कप है, लेकिन कप्तान के रूप में ये पहला होगा। भारत के लिए यह सफ़र आसान नहीं रहा है। लीग स्टेज़ में सिर्फ़ सात में से तीन जीत लेकिन अब उनकी नज़र सिर्फ़ एक चीज़ पर है और वह है ट्रॉफ़ी।

उन्होंने कहा, "हम जानते हैं फ़ाइनल हारने का दर्द क्या होता है। अब हम जीत का एहसास पाना चाहते हैं। कल का दिन हमारे लिए बहुत ख़ास हो सकता है। मेहनत हमने पूरी कर ली है, अब बस सब कुछ एक साथ सही करने का वक्त है।"

भारत का अभियान उतार-चढ़ाव भरा रहा। श्रीलंका और पाकिस्तान के ख़िलाफ़ शुरुआती मैचों में लड़खड़ाने के बाद भी टीम ने वापसी की। लेकिन साउथ अफ़्रीका, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसी टॉप टीमों के ख़िलाफ़ हार झेलनी पड़ी। नवी मुंबई पहुंचने के बाद टीम का आत्मविश्वास लौटा और प्रदर्शन में स्थिरता आई।

पिछले तीन मैचों में भारत ने शानदार प्रदर्शन किया है। बल्लेबाज़ी में गहराई, गेंदबाज़ी में संतुलन और सेमीफ़ाइनल में ऑस्ट्रेलिया पर ऐतिहासिक जीत। इन सबने टीम के आत्मविश्वास को नई उड़ान दी है। उस रात हरमनप्रीत और जेमिमाह रॉड्रिग्स दोनों की आंखें नम थीं।

हरमनप्रीत ने मुस्कराते हुए कहा, "मैं बहुत इमोशनल इंसान हूं और अक्सर रो पड़ती हूं। सिर्फ़ हार के बाद नहीं, जीत के बाद भी। मेरे साथी खिलाड़ी जानते हैं जब भी हम कुछ अच्छा करते हैं, मैं सबसे पहले रो देती हूं। ऑस्ट्रेलिया जैसी टीम को हराना आसान नहीं होता। लेकिन हमने कर दिखाया और यह हमारे लिए बहुत बड़ा पल था। मैं हमेशा अपनी टीम से कहती हूं, भावनाएं मत रोकिए। यदि रोना है तो रोइए, लेकिन खेल का मज़ा भी लीजिए। यही असली जीत है।"

रविवार के फ़ाइनल के लिए स्टेडियम खचाखच भरा रहने की उम्मीद है।

हरमनप्रीत ने कहा, "पूरी टीम उत्साहित है। एक-दूसरे के लिए प्रार्थना कर रही है। पिछले दो सालों से हमने इस पल के लिए तैयारी की है। अब बस मैदान पर 100 प्रतिशत देना है। यही हमारा मक़सद है।"

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विशाल दीक्षित ESPNcricinfo में असिस्टेंट एडिटर हैं