निरंतरता, पावर-हिटिंग और आत्मविश्वास: शेफ़ाली के विश्व कप जीतने के तीन मंत्र
शेफ़ाली ने अब तक जो अपने करियर में सीखा है, उसका प्रयोग आगामी T20 विश्व कप में करना चाहती हैं
Shafali: 'I have worked on the mental side of my game'
The India opener talks about the areas she has improved in the last few years and India's chances at the World Cupनिरंतरता, पावर-हिटिंग और आत्मविश्वास। शेफ़ाली वर्मा आगामी महिला T20 विश्व कप में इन तीनों चीज़ों को एक साथ लेकर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहती हैं, जिसे उन्होंने अपने करियर के अलग-अलग पड़ाव पर सीखा है।
उनके पास पावर-हिटिंग पहले से था क्योंकि यह उनका स्वाभाविक खेल है। निरंतरता उन्होंने हाल ही में सीखा, जब उन्होंने अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय शतक लगाया। वहीं आत्मविश्वास उन्हें पिछले सालअंडर-19 विश्व कप से मिला, जहां वह विश्व विजेता कप्तान के साथ-साथ तीसरी सर्वाधिक रन बनाने वाली खिलाड़ी बनीं।
शेफ़ाली ने हाल ही में QUA ब्रैंड शूट के मौक़े पर ESPNcricinfo से बात करते हुए कहा, "पिछले साल के अंडर-19 विश्व कप जीत से मुझे बहुत प्रेरणा मिली है। ICC ट्रॉफ़ी जीतना भारत में महिला क्रिकेट के लिए बहुत बड़ी बात है। यह मेरी ज़िंदगी का सबसे बड़ा पल था और उससे प्रेरणा लेकर मैं उम्मीद करती हूं कि इस साल विश्व कप भी आएगा।"
"अभी हमारे लिए सबसे ज़रूरी चीज़ है कि हमारी टीम जीते, व्यक्तिगत रिकॉर्ड्स तो बनते ही रहते हैं। जब हमारी टीम जीत रही होती है, तो उससे अच्छी अनुभूति कुछ नहीं हो सकती है। जीत वाली रात मुझे सुकून की नींद आती है," शेफ़ाली ने आगे कहा।
शेफ़ाली हाल ही में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (NCA), बेंगलुरु में आयोजित हुए भारतीय टीम के अभ्यास शिविर का हिस्सा थीं। उन्होंने जुलाई में हुए T20 एशिया कप के बाद कोई प्रतिस्पर्धी क्रिकेट नहीं खेला है। वह द हंड्रेड का हिस्सा नहीं थीं, इसके अलावा आने वाले WBBL सीज़न के ड्राफ़्ट में भी उनका नाम नहीं है। वह इस खाली समय का उपयोग अपने आपको अलग-अलग तरीके से बेहतर करने में कर रही हैं।
शेफ़ाली ने कहा, "मैं अभी WBBL और हंड्रेड नहीं खेल रही हूं क्योंकि मैं अपनी फ़िटनेस और मेंटल स्ट्रेंथ पर काम कर रही हूं। लेकिन जब मैं वहां खेलती थी तो मैंने सीखा कि फ़िटनेस बहुत ज़रूरी है। अगर आपको लंबी पारियां खेलनी है, तो ज़रूरी है कि आप अपनी फ़िटनेस बनाए रखें।"
ऐसी ही एक लंबी पारी शेफ़ाली ने साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ जून में खेली थी, जब उन्होंने एकमात्र टेस्ट में दोहरा शतक लगाया था। मिताली राज के बाद वह दोहरा शतक लगाने वाली सिर्फ़ दूसरी भारतीय महिला क्रिकेटर बनी थीं।
उस पारी को याद करते हुए शेफ़ाली ने कहा, "उस दिन मैंने ख़ुद से कहा कि जितना हो सके, मुझे लंबा खेलना है। उससे पहले मुझे पता नहीं कि मेरे करियर में कितने बुरे दौर आए, मैंने कितना संघर्ष किया। इतनी लंबी पारियां बहुत कम ही खेली जाती हैं। लेकिन उस दिन सब कुछ अच्छा चल रहा था और मैंने यही सोचा कि मैं जितना लंबा हो सके, इस पारी को लेकर जाऊं।"
"ऐसा भी नहीं है कि अगर आपको कोई चीज़ स्वाभाविक रूप से आती है, तो आपको उस पर मेहनत नहीं करनी होती है। अगर आप अपनी कमज़ोरियों पर मेहनत कर रहे हैं, तो ज़रूरी है कि आप अपने मज़बूती पर भी काम करें।अपनी पावर हिंटिंग पर <b>शेफ़ाली वर्मा</b>
अपनी निरंतरता पर आगे बात करते हुए शेफ़ाली ने कहा, "करियर की शुरुआत में मेरे साथ बस यही था कि क्रीज़ पर जाकर बस मारो, लेकिन अभी मैंने इसमें मानसिक रूप से काफी बदलाव किया है। अभी ऐसा लगता है कि एक दो गेंद मैं रोक भी सकती हूं, नीचे भी खेल सकती हूं। जब आपका गेम प्लान मानसिक रूप से बदल जाता है तो फिर आपकी निरंतरता भी बढ़ जाती है। उम्मीद करती हूं कि इसी निरंतरता के साथ आगे भी मैं अपनी टीम के लिए अच्छा करूं।"
"2020 का T20 विश्व कप मेरा पहला विश्व कप था और उस समय मैं हर गेंद मारने के लिए जाती थी। शुरु में तो ऐसी चीजे चलती हैं, लेकिन एक समय के बाद आपकी वीडियो एनालिसिस शुरु हो जाता है। लोगों को आपका पूरा गेम प्लान पता होता है और धीरे-धीरे उनको पता लग जाता है कि आपकी मज़बूती क्या है और कमज़ोरी क्या है। 2023 विश्व कप में भी मैं अच्छा नहीं कर पाई, लेकिन उस टूर्नामेंट से भी मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला।"
"लेकिन अब लोग बोल रहे है, मेरी निरंतरता कुछ बेहतर हुई है और पिछले 3-4 साल से मुझे समझ में आ गया है कि क्रिकेट में निरंतरता कितनी ज़रूरी होती है। अभी मैं सिर्फ़ 20 साल की हूं और जितना पिछले 3-4 साल में सीखी हूं, उससे सबक लेकर भविष्य में मैं कुछ अच्छा करूंगी," शेफ़ाली ने आगे कहा।
लेकिन निरंतरता के साथ-साथ शेफ़ाली अपने पावर हिटिंग को भी नहीं खोना चाहती हैं, जो कि शुरू से ही उनकी ताक़त रही है। उन्होंने कहा, "पावर हिटिंग जैसी चीजें बचपन से सीखी जाती हैं और मैंने बचपन से ही इस पर काफ़ी मेहनत की है। अब मैं कह सकती हूं कि यह मेरे लिए काफ़ी नेचुरल हो गया है। लेकिन ऐसा भी नहीं है कि अगर कोई चीज़ नेचुरल हो गया है तो आपको मेहनत नहीं करनी पड़ती। अगर आप अपनी कमज़ोरियों पर मेहनत कर रहे हैं, तो ज़रूरी है कि आप अपने मज़बूती पर भी काम करें।"
दया सागर ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं।dayasagar95
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