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युवराज सिंह : मैं भारतीय दल में युज़वेंद्र चहल या वॉशिंगटन सुंदर को देखना चाहता था

पूर्व विश्व कप विजेता का मानना है कि जसप्रीत बुमराह विश्व कप में भारतीय अभियान के अहम हिस्सा साबित होंगे

वनडे विश्व कप टीम में चहल और सुंदर को देखना चाहते थे युवराज  Associated Press

पूर्व भारतीय ऑलराउंडर और 2011 विश्व कप के प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट रहे युवराज सिंह का मानना है कि 2023 के विश्व कप के लिए भारतीय स्क्वॉड में अच्छे खिलाड़ी ज़रूर हैं, लेकिन वह युज़वेंद्र चहल या वॉशिंगटन सुंदर को चयनित होते देखना चाहते थे।

28 सितंबर को ऑलराउंडर अक्षर पटेल को क्वॉड्रिसेप्स में चोट के चलते भारत के 15-सदस्यीय दल से बाहर जाना पड़ा था। उनकी जगह पर आर अश्विन को भारतीय दल में चुना गया है।

युवराज ने पीटीआई से बात करते हुए कहा, "मेरी व्यक्तिगत राय है कि चहल इस टीम से एक बड़े मिस हैं। इस टीम में इकलौता पहलू जो कवर नहीं हुआ है, वह है एक लेग-स्पिनर। अगर हम युज़ी को नहीं चुनने वाले थे, तो मैं सुंदर को देखना चाहता था। शायद टीम को एक अनुभवी स्पिनर की ज़रूरत थी और तभी अश्विन को चुना गया है।"

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युवराज विश्व कप ऐंथम के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में बात कर रहे थे। उनके अनुसार, भारत के अभियान का सबसे अहम हिस्सा जसप्रीत बुमराह बनेंगे।

युवराज ने कहा, "जसप्रीत एक मैच-विनर हैं, जैसे ज़ैक [ज़हीर ख़ान] 2011 में हमारी टीम के लिए मैच-विनर थे। उनमें रफ़्तार के साथ काफ़ी कौशल भी है। पीठ की इंजरी से वापसी करना भी बड़ी बात है। ऐसे गेंदबाज़ के होने से आप हमेशा मैच जीतने की उम्मीद रखते हैं। बुमराह ने पिछले कुछ सालों में बढ़िया परिपक्वता भी दिखाई है। वह कप्तानी भी कर चुके हैं। रोहित [शर्मा] उनका सही उपयोग करना भी जानते हैं क्योंकि वह मुंबई इंडियंस के भी कप्तान हैं।

"बुमराह जैसा गेंदबाज़ शुरुआत में विकेट तो दिलाता ही है, लेकिन अगर शुरू में रन देने लगे, तो वह बाद में रन गति को भी रोक सकता है। वनडे क्रिकेट में आप कई बार 300 या 350 के स्कोर बनाकर मैच जीतेंगे, लेकिन बुमराह जैसे गेंदबाज़ आपको 250-260 के स्कोर पर भी विजेता बना सकते हैं।"

युवराज ने भारतीय बल्लेबाज़ों के मौजूदा फ़ॉर्म पर भी संतुष्टि जताई।

उन्होंने कहा, "यह अच्छी बात है कि मध्यक्रम के सभी बल्लेबाज़ - के एल [राहुल], इशान [किशन] और श्रेयस अय्यर - अच्छे फ़ॉर्म में हैं, लेकिन टीम प्रबंधन को अपने आख़िरी XI पर मन बना लेना चाहिए और फिर टीम को सेट्ल करवा लेना चाहिए।"

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अपने 2011 के विजयी अभियान पर बात करते हुए युवराज ने कहा, "हमने गैरी [कर्स्टन] के कोच बनने के पहले दिन से ही विश्व कप के लिए योजनाओं को बनाना शुरू कर दिया था। पहला पड़ाव था टेस्ट, वनडे और टी20आई किसी भी प्रारूप में विश्व का नंबर 1 टीम बनना। जब तक विश्व कप आया, तब तक कई खिलाड़ी अपने चरम फ़ॉर्म में थे। युवा खिलाड़ी भी परिपक्व हो गए थे। यह एक संपूर्ण टीम एफ़र्ट था।"

युवराज प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट बने थे, लेकिन विश्व कप से पहले उनके व्यक्तिगत फ़िटनेस और स्वास्थ्य को लेकर कई प्रश्नचिन्ह थे। टूर्नामेंट के बाद इसे कैंसर के तौर पर डायगनोज़ किया गया था। युवराज ने कहा, "मुझे विश्व कप से पहले कई परेशानियां थीं...गर्दन और उंगलियों का ऐसा हाल था कि सांस लेने में भी कठिनाई होती थी। मैंने इस सब को किनारे करते हुए अपना ध्यान केवल विश्व कप पर लगाया।

2011 विश्व कप के मैच में विकेट मिलने के बाद जश्न मनाते अश्विन  AFP

"जब आप ऐसी शारीरिक स्थिति में होते हैं तो आपकी जान की बाज़ी लगा देते हैं। 28 साल बाद विश्व कप जीतने के लिए ऐसी ही मेहनत की ज़रूरत थी।"

युवराज ने विश्वास जताया कि रोहित की टीम भी 12 साल के अंतराल के बाद विश्व कप जीत सकती है। युवराज ने कहा, "मैं इन लड़कों से स्नेह करता हूं और कई लोगों के साथ खेला भी हूं। मुझे लगता है रोहित और विराट [कोहली] यह टूर्नामेंट जीतने के योग्य हैं। यह बहुत ज़रूरी है कि सब इकट्ठे ज़ोर लगाएं। मैं इनसे कहूंगा कि और चीज़ों से डिस्ट्रैक्ट ना हों - मीडिया, दोस्त, इत्यादि। गेम पर ध्यान दें। सचिन पाजी [तेंदुलकर] ने भी हमें यही सलाह दी थी।"

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