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LED गिल्लियों में कमी के कारण बदला WPL का नियम

गिल्लियों के अब पूरी तरह स्टंप से हटने तक देखा जाएगा, पहले लाइट जलने पर दिया जाता था ध्यान

Shikha Pandey मैच के दौरान रन आउट करती हुईं  WPL

दिल्ली कैपिटल्स (DC) और मुंबई इंडियंस (MI) के बीच 15 फ़रवरी को खेले गए मुक़ाबले के दौरान रन आउट को लेकर पनपे विवाद के बीच WPL की सभी टीमों को अब यह बता दिया गया है कि जब गिल्लियां पूरी तरह से स्टंप से हट जाएंगी तभी ही विकेट को ब्रोकन माना जाएगा। रन आउट और स्टंपिंग के लिए फ़ैसला लेते समय अंपायर अब यही देखेंगे की गिल्लियां पूरी तरह से कब स्टंप से हटी हैं। पहले के नियम में जैसे ही लाइट जल जाती थी गिल्ली को स्टंप से अलग़ मान लिया जाता था।

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ESPNcricinfo को पता चला है कि WPL में जो गिल्लियां इस्तेमाल की जा रही हैं वो बहुत कम अवरोध पर ही जल जा रही हैं। ऐसा देखा जा रहा है कि दोनों गिल्लियां स्टंप से ऊपर भी नहीं उठीं और लाइट जल गई। क्रिकेट में जब गिल्लियां पूरी तरह से अपने स्थान से उठ जाती हैं तभी उन्हें स्टंप से अलग माना जाता है। BCCI द्विपक्षीय सीरीज़ के साथ ही घरेलू क्रिकेट में भी LED गिल्लियों का इस्तेमाल करता है। दोनों गिल्लियों में एक माइक्रोप्रोसेसर होता है जो यह डिटेक्ट करता है कि कब गिल्ली अपने स्थान से उठी है और इसी समय लाइट जल जाती है।

WPL में यह देखने को मिला है कि बिना गिल्ली के पूरी तरह अपना स्थान छोड़े भी लाइट जल जा रही है। इसके बाद ही ये निर्णय लिया गया है कि अब तीसरे अंपायर गिल्ली के पूरी तरह स्टंप से हटने कम समय को ध्यान में रखकर ही अपना फ़ैसला सुनाएंगे। यही कारण है कि DC और MI के बीच हुए मैच में थर्ड अंपायर रहीं गायत्री वेणुगोपालन ने रन आउट के तीन निर्णय सुनाते हुए इसी को ध्यान में रखा। इसी वजह से विवाद की स्थिति भी उत्पन्न हुई।

ऐसा बताया जा रहा है कि DC और MI के बीच हुए मैच की सुबह को ही मैच के अधिकारियों को इस नियम के बारे में अवगत कराया गया था। हालांकि, टीमों को इसके बारे में मैच के अगले दिन पता चला।

MI Women vs DC WomenWomen's Premier League

नागराज गोलापुड़ी ESPNcricinfo में न्यूज़ एडिटर हैं