हरमनप्रीत के मास्टरक्लास ने दिल्ली कैपिटल्स को ख़िताब से किया दूर
फ़ाइनल में जब MI कप्तान आई तो स्कोर दो विकेट पर 14 रन था और उन्होंने कमाल का काउंटर अटैक किया

जैसे ही अंपायर की उंगली शेफ़ाली वर्मा के आउट होने का संकेत देने के लिए उठी, गुस्से में शबनिम इस्माइल ने कवर पर खड़ी कप्तान हरमनप्रीत कौर की तरफ़ हवा में हाथ उठाया। इस्माइल ने जोर की दहाड़ लगाई। हरमनप्रीत ने भी जोर से दहाड़ लगाई। एक बार जब वे आमने-सामने थी तो मुट्ठियां हवा में लहरा रही थीं, और जैसे ही उनके आसपास का शोर अपने चरम पर पहुंचा तो वे एक सेकंड के लिए रुक गए और अचानक एक-दूसरे के गले लग गए।
दिल्ली कैपिटल्स मामूली लक्ष्य का पीछा करते हुए मेग लानिंग के आउट होने के बाद तीसरे ओवर में शेफ़ाली का विकेट भी गंवा दिया, जहां मुंबई इंडियंस ने लगभग आधी लड़ाई जीत ली थी और कप्तान जो शायद ही कभी शुरुआती विकेटों का जश्न मनाती है, वह हाथ को दिल पर रखे देखी गई। इससे पहले, जब मुंबई ने बल्लेबाज़ी की तो उन्होंने अकेले ही चीज़ों को बदल दिया था। यह इस तथ्य के बारे में इतना नहीं था कि उसने मुंबई के 149 के कुल स्कोर का लगभग आधे (66) रन बनाए, बल्कि इस बात के बारे में कि उन्होंने WPL के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़ी आक्रमणों में से एक के ख़िलाफ़ किस तरह से पलटवार किया और टीम को ऐसा स्कोर दिया जिसका वे बचाव करने के बारे में सोच सकते थे।
शुरुआत में बाउंड्री आना मुश्किल था, शुरुआती 27 गेंद में केवल एक बाउंड्री आई, कोई रिस्क नहीं लिया जा रहा था। जिस समय हरमनप्रीत दो विकेट पर 14 रन के स्कोर पर क्रीज़ पर आई तब DC के क्षेत्ररक्षक शीर्ष पर थे और गेंदबाज़ों ने पूरा दबाव बनाया हुआ था।
सौभाग्य से, उनके पास दूसरे छोर पर शानदार नैट सीवर-ब्रंट थी और एनाबेल सदरलैंड ने अपने पहले ओवर में उन्हें बाहर की तरफ़ हाथ खोलने का मौक़ा दिया, जिसे हरमनप्रीत ने चार रन के लिए भेज दिया। अधिक सोचने की कोई ज़रूरत नहीं थी, अनावश्यक जोख़िम क्यों उठाना है, बस बैकफ़ुट से मिडिल पर गेंद को खेला। पावरप्ले ज़ल्द ही दो विकेट पर 20 रन पर समाप्त हो गया, जो MI का दूसरा सबसे कम स्कोर था और यह एक फाइनल था।
एक बार जब मारिज़ान काप ने लगातार चार ओवर पूरे कर लिए, तो हरमनप्रीत स्पिनरों पर हावी होना चाहती थी, लेकिन मेग लानिंग ने स्वीप के लिए लेग-साइड बाउंड्री पर पर्याप्त सुरक्षा के साथ दो बाएं हाथ के स्पिनरों को लाया। हरमनप्रीत ने जेस जोनासन और श्री चरणी के दो ओवरों में पांच गेंदों का सामना किया, लेकिन कोई बड़ा शॉट लगाने की कोशिश नहीं की। सौभाग्य से, लानिंग ने एक और गेंदबाज़ी परिवर्तन किया और जैसे ही सदरलैंड ने मिडिल स्टंप पर एक गुड लेंथ की, हरमनप्रीत ने स्क्वायर के पीछे एक बेहतरीन पिकअप शॉट पर छक्का मारा। तीन गेंदों के बाद उन्हें हाफ़-वॉली दी गई और हरमनप्रीत ने कवर की ओर उसको चार रनों के लिए भेज दिया। सिर्फ़ 18 गेंदों का सामना करते हुए हरमनप्रीत ने तीन को बाउंड्री तक भेजा था। हरमनप्रीत ने यह स्पष्ट कर दिया था कि मैच की स्थिति उसके स्ट्राइक रेट को निर्धारित नहीं करने वाली थी। यह इसके विपरीत होने वाला था।
जब जोनासन 11वें ओवर में वापस लौटी, तो लेग साइड पर फिर से बाउंड्री लगी हुई थी, हरमनप्रीत ने तीसरी गेंद को चौके के लिए कट किया। लेकिन अगली गेंद पर शॉट आने वाली सभी मुश्किलों का असली संकेत था। लेग की ओर एक छोटा क़दम और उन्होंने गेंद को कवर के ऊपर से अपिश कवर ड्राइव लगाकर गेंद को शानदार तरीके़ से चार रन के लिए भेज दिया। पहले छक्के और इस ऊंचे स्ट्रोक के साथ अब यह स्पष्ट हो गया था कि हरमनप्रीत की बल्लेबाज़ी दूसरों की तुलना में शानदार थी और उन्होंने जोनासन की लगातार तीन गेंदों पर चौके लगाकर इसे साबित कर दिया। तब MI ने दो ओवर में 26 रन बटोरे थे।
लानिंग के पास गेंदबाज़ी के बहुत सारे विकल्प थे और उन्होंने शिखा पांडे को वापस बुलाया। हरमनप्रीत ने पहली गेंद पर कवर्स के ऊपर से बाउंड्री के लिए भेज दिया। जिससे यह स्पष्ट हो गया कि दिल्ली कैपिटल्स के पीछे हारमोन्स्टर आ रहा है। अधिकांश अन्य बल्लेबाज़ों ने 4.3 ओवर में 14 रन पर दो विकेट गंवाने के बाद सीवर-ब्रंट के साथ पारी को आगे बढ़ाने की कोशिश की होगी, लेकिन हरमनप्रीत लगातार जोख़िम उठा रही थी और वे सभी उसके लिए फ़ायदेमंद साबित हो रहे थे। मुंबई के लिए बल्लेबाज़ी करने के लिए बहुत कुछ नहीं था। अमेलिया कर ने इस सीज़न में शायद ही कोई रन बनाया था और उसके बाद कुछ अनुभवहीन भारतीय खिलाड़ी इंतज़ार कर रहे थे।
12 ओवर पूरे होने तक हरमनप्रीत जम चुकी थी और लानिंग को आखिरकार एक ऑफ़ स्पिनर को लाना पड़ा। मिन्नू मनी की पहली गेंद पर हरमनप्रीत ने डीप स्क्वायर लेग और डीप मिडविकेट के बीच से गेंद को मारा। बाद में, उन्होंने ऑन साइड पर शॉट मारा, अपनी कलाई को इतना घुमाया कि गेंद वाइड लांग ऑन बाउंड्री पर जा गिरी और सिर्फ़ 33 गेंदों पर शानदार अर्धशतक पूरा किया।
MI की मुख्य कोच चार्लोट एडवर्ड्स ने कहा कि हरमनप्रीत के साथ उनकी कोई विशेष बातचीत नहीं हुई, सिवाय "आक्रामक होने" और "गेंदबाज़ों पर दबाव डालने" जैसी सामान्य बातों के।
एडवर्ड्स ने ब्रेबोर्न स्टेडियम की परिस्थितियों से MI के परिचित होने के बारे में कहा, "हां, मुझे लगता है कि इससे हमें मदद मिली है कि हमने यहां तीन मैच खेले हैं। हमें पता था कि हम पारी में बाद में बढ़त हासिल कर सकते हैं और यह हमेशा कठिन होता था। इस मैदान पर पहले छह ओवरों में, हमें हमेशा लगा कि पिच में कुछ ख़ास है, इसलिए मुझे लगता है कि उन्होंने परिस्थितियों को शानदार ढंग से पढ़ा। वह जानती थी कि किस गेंदबाज़ के ख़िलाफ़ आक्रामक करना है और यह वाकई एक शानदार पारी थी और वास्तव में हमें स्थापित कर दिया।"
मनी द्वारा किए गए 13वें ओवर के बाद, हरमनप्रीत ने अपने बाएं पैर में थोड़ी चोट भी झेली, लेकिन इससे वह और भी धमाकेदार प्रदर्शन करने से पीछे नहीं हटीं। उन्होंने आखिरकार जोनासन के ख़िलाफ़ अपने ट्रेडमार्क स्लॉग स्वीप से छक्का जड़ा और 18वें ओवर में शानदार इनसाइड आउट ड्राइव लगाया, लेकिन इस गेंद को काप ने सुरक्षित तरीके़ से कैच कर लिया। हरमनप्रीत का सिर झुका और उन्होंने छह विकेट पर 118 रन के स्कोर पर अपना विकेट गंवा दिया और स्कोर अभी भी प्रतिस्पर्धा से कोसो दूर था।
भारतीय खिलाड़ियों से बना वही निचला क्रम, जो पिछले साल रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के ख़िलाफ़ एलिमिनेटर में हरमनप्रीत के आउट होने के बाद अच्छा प्रदर्शन करने में विफल रहा था। इस बार उनको खुद को सुधारने का मौक़ा मिला और उन्होंने अंतिम तीन ओवरों में 31 रन बनाकर लगभग 150 का स्कोर छू लिया। इसके बाद गेंदबाज़ों ने दिल्ली कैपिटल्स के बल्लेबाज़ों पर हमला बोल दिया और जैसे ही विकेट गिरने लगे, हरमनप्रीत ने एक के बाद एक जोशपूर्ण जश्न मनाया।
विशाल दीक्षित ESPNcricinfo में असिस्टेंट एडिटर हैं।
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