रोहितः हमारी एकाग्रता में कोई कमी नहीं थी, हम अलग तरह से बल्लेबाज़ी करना चाहते थे
रोहित ने डब्ल्यूटीसी फ़ाइनल के बाद टीम की बल्लेबाज़ी और वनडे विश्व कप के योजना के बारे में बात की
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ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ WTC फ़ाइनल में भारत की हार से जुड़े सवालों पर संजय मांजरेकर का फ़ैसलाविश्व टेस्ट चैंपियनशिप में भारत ने दोनों बार (2021 और 2023) फ़ाइनल में प्रवेश किया। हालांकि दोनों ही मौक़ों पर भारतीय टीम जीत की लाइन को क्रॉस करने में क़ामयाब नहीं हो पाई। अगर दोनों फ़ाइनलों में देखा जाए तो एक बात कॉमन थी कि भारतीय बल्लेबाज़ बेहतरीन तेज़ गेंदबाज़ों के सामने टिकने में सफल नहीं हो पाए।
हालांकि बढ़िया तेज़ गेंदबाज़ी के अलावा भारतीय बल्लेबाज़ों ने हालिया बीते फ़ाइनल में कुछ ऐसे शॉट खेले जो शायद उन्हें नहीं खेलना चाहिए था। ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ पांचवें दिन विराट कोहली और अजिंक्य रहाणे के शॉट को देखा जाए तो यह साफ़ था कि उन गेंदों को आसानी से छोड़ा जा सकता था। साथ ही रोहित शर्मा चौथे दिन जिस तरह से नाथन लायन की गेंद पर स्वीप मारने गए या फिर चेतेश्वर पुजारा जैसे बल्लेबाज़ जिस तरह से अपर कट लगाने गए, उस पर काफ़ी सवालिया निशान हैं।
क्या वे कमज़ोर शॉट्स थे? रोहित मोटे तौर पर इस बात से सहमत थे, लेकिन वह भारत के आक्रामक रवैये से बिल्कुल ख़ुश थे। रोहित ने मैच के बाद कहा, "हमने अच्छी बल्लेबाज़ी नहीं की। आज सुबह भी बल्लेबाज़ों ने कुछ ढीले शॉट लगाए और इस वजह से हम लक्ष्य तक नहीं पहुंच सके।"
"[लेकिन] खिलाड़ियों के लिए हमारा संदेश साफ़ था कि वह आज़ादी से खेलें। अगर बड़े शॉट्स लगाने का मन हो तो लगाइए। चाहे वह टेस्ट क्रिकेट हो या टी20 क्रिकेट या वनडे क्रिकेट, हमें दबाव में नहीं खेलना चाहिए। अगर आप देखें कि दूसरी पारी में गिल और मैंने किस तरह से शुरुआत की, तो हमारी योजना सकारात्मक रूप से खेलने और उन पर दबाव बनाने की थी। इसलिए हम दस ओवरों में शायद 60 रन बना चुके थे, लेकिन अगर आप उस मानसिकता के साथ खेलते हैं, तो संभावना है कि आप आउट भीा हो सकते हो। जब ऐसा होता है, तो ये एकाग्रता की कमी वाली टिप्पणियां आती हैं। [लेकिन] ऐसा नहीं है, हम अलग तरह से खेलना चाहते थे।"
इस तरह का खुले विचारों वाला दृष्टिकोण 2021 डब्ल्यूटीसी फ़ाइनल में भारत की बल्लेबाज़ी की मानसिकता के विपरीत है, जब उस वक़्त के कप्तान कोहली ने कहा था कि उनके बल्लेबाज़ों ने न्यूज़ीलैंड के गेंदबाज़ों को चुनौती देने के लिए पर्याप्त जोखिम नहीं उठाया था। रोहित ने कहा कि वह अपने खिलाड़ियों के लिए बहुत आलोचनात्मक नहीं होंगे क्योंकि उनमें से अधिकांश उन टीमों का हिस्सा रहे हैं जिन्होंने पटौदी ट्रॉफ़ी में 2021 में इंग्लैंड में टेस्ट जीते हैं।
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ऑस्ट्रेलिया के हाथों भारत की WTC फ़ाइनल में मिली हार का सटीक विश्लेषण और आगे की रणनीति संजय मांजरेकर के साथहमने कम समय में भी अच्छी तैयारी की: रोहित
रोहित ने माना कि अनुभवी खिलाड़ी इस मैच में अपने प्रदर्शन से अंतर पैदा करने में नाक़ाम रहे। रोहित ने कहा, 'मैं इसे लेकर ज़्यादा आलोचनात्मक नहीं होना चाहता क्योंकि पिछली बार जब हम यहां थे तो कई सीनियर बल्लेबाज़ों ने वास्तव में बढ़िया प्रदर्शन किया और सीरीज़ में हमें आगे बढ़ाया था। मेरा मतलब है कि इस तरह की चीजे़ं हो सकती हैं। हमने पिछले दो वर्षों में वास्तव में अच्छा प्रदर्शन किया है, चाहे हम ऑस्ट्रेलिया या इंग्लैंड में खेले हों। हालांकि अगर किसी मैच में आप मानसिक रूप से मानसिक रूप से तैयार नहीं हो तो आप मैच हार सकते हैं और ठीक वही हुआ है।"
"हम ईमानदारी से इसे अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाह रहे थे। हमारे पास जितना भी समय था, उसमें सभी खिलाड़ियों ने वास्तव में अच्छी तैयारी की। आप बस इतना ही कर सकते हैं।"
अक्तूबर में जब विश्व कप होगा, हमारी योजना एक अलग ब्रांड की क्रिकेट खेलने और कुछ अलग करने की कोशिश करने की होगी। पिछले आठ-नौ साल से हम एक ही तरह से सोचते आ रहे हैं कि यह मैच महत्वपूर्ण है या यह घटना महत्वपूर्ण है, और यह हमारे लिए कारगर नहीं रहा है। इसलिए हमें अलग तरीके़ से सोचना होगारोहित शर्मा
रोहित ने ट्रैविस हेड और स्टीवन स्मिथ की पहली पारी में चौथे विकेट के लिए 285 रन की साझेदारी की ओर इशारा किया, जिसने ऑस्ट्रेलिया को फ्रंटफ़ुट पर ला दिया था। भारतीय टीम की तरफ़ से ऐसी कोई साझेदारी नहीं हुई।
रोहित ने कहा, "विपक्षी टीम के दो खिलाड़ियों ने अच्छे रन बनाएं और उन्हें उस स्थिति में पहुंचाया जहां से वे लड़ सकते थे। हमारी तरफ़ से भी इसी की आवश्यकता था।"
लेकिन रोहित स्पष्ट थे कि उन्हें भारत के बल्लेबाज़ी के दृष्टिकोण में कुछ भी ग़लत नहीं लगा। "जब कुछ खिलाड़ी एक आक्रामक तरीक़े से खेलते हैं, तो मुझे नहीं लगता कि यह एकाग्रता में कमी है। कभी-कभी आप खेल से आगे रहना चाहते हैं, आप गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ रन बनाना चाहते हैं। इन दिनों टेस्ट क्रिकेट अलग तरह से खेला जा रहा है। और इसी तरह हम भी खेलना चाहते हैं।"
आईसीसी ट्रॉफ़ी का न मिलना
इंग्लैंड में 2013 चैंपियंस ट्रॉफ़ी जीतने के बाद से भारत ने वैश्विक टूर्नामेंटों में लगातार चार नॉकआउट गेम गंवाए हैं: 2017 चैंपियंस ट्रॉफ़ी फ़ाइनल पाकिस्तान के ख़िलाफ़, 2019 वनडे विश्व कप सेमीफ़ाइनल न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़, और दो डब्ल्यूटीसी फ़ाइनल। चारों मौक़ों पर उनकी बल्लेबाज़ी लचर रही है।
भारत अब इस साल के अंत में 50 ओवरों के विश्व कप की मेज़बानी करने के लिए तैयार हो रहा है। रोहित ने कहा कि वह चाहते हैं कि उनकी टीम चीज़ों को "अलग तरीक़े से" करने का लक्ष्य रखे। "हम कुछ अलग करना चाहते हैं। हमने बहुत सारे आईसीसी टूर्नामेंट खेले हैं और लेकिन जीत नहीं मिली है। इसलिए अब हमारा इरादा अलग तरीके़ से खेलने और कुछ अलग करने की कोशिश करने का है।"
"अक्तूबर में जब विश्व कप होगा, हमारी योजना एक अलग ब्रांड की क्रिकेट खेलने और कुछ अलग करने की कोशिश करने की होगी। पिछले आठ-नौ साल से हम एक ही तरह से सोचते आ रहे हैं कि यह मैच महत्वपूर्ण है या यह घटना महत्वपूर्ण है, और यह हमारे लिए कारगर नहीं रहा है। इसलिए हमें अलग तरीके़ से सोचना होगा और चीज़ों को अलग तरीके़ से करना होगा।"
नागराज गोलापुड़ी ESPNcricinfo के न्यूज़ एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर राजन राज ने किया है।
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