म्हाम्ब्रे : हेड के ख़िलाफ़ शॉर्ट गेंद की रणनीति पर हम देरी से आए
एक पेचीदा शॉर्ट-बॉल रणनीति से ऑस्ट्रेलिया को मदद मिली, क्योंकि गेंदबाज़ों में अनुशासन और सामर्थ्य की कमी थी

भारतीय टीम की रणनीति ट्रैविस हेड के ख़िलाफ़ शॉर्ट लेंथ गेंद करने की थी, लेकिन भारतीय टीम के गेंदबाज़ी कोच पारस म्हाम्ब्रे का मानना है कि भारतीय टीम ने इस रणनीति पर जाने में बहुत देर कर दी। उनके मुताबिक भारतीय कप्तान रोहित शर्मा शुरुआत में हेड के ख़िलाफ़ इस रणनीति पर नहीं जाना चाहते थे।
शमी ने एक और बाउंसर डाली। इस बार हेड ने देखा और गेंद हेड ही नहीं भरत के सिर के ऊपर से भी निकल गई और बाई का चौका आया। यह ऐसा ही दिन रहा भारत के लिए, जहां उनकी गेंदबाज़ी रणनीति में ख़ामियां दिखाई दी। उनका गेंदबाज़ी लाइनअप बहस का विषय था। शमी को छोड़कर किसी ने भी शुरुआती घंटे की तरह अनुशासन नहीं दिखाया।
हेड को निशाना बनाने के लिए मोहम्मद शमी और मोहम्मद सिराज दोनों ने छोटी और आक्रामक तेज़ गेंदबाज़ी की। इससे पिछले ओवर में सिराज की एक शॉर्ट लेंथ गेंद हेड की ओर आई और उनके ग्लव्स से लगकर हेलमेट पर लगी, जिसके बाद उनका कंकशन टेस्ट हुआ।
लेकिन भारत की ओर से हेड के ख़िलाफ़ आक्रमकता बहुत देरी से आई तब तक वह 99 रनों तक पहुंच गए थे। हेड जब दूसरे सत्र में आए तो क्यों उन्हें फ़्री पास दिया गया ? हेड ने पहली 29 गेंद में से केवल एक शॉर्ट गेंद खेली। ऐसा नहीं है कि इस तरह की गेंद के ख़िलाफ़ उनकी कमजोरी का कोई सबूत है, लेकिन लेग स्लिप लगाते हुए मिडिल एंड लेग स्टंप पर शॉर्ट लेंथ से हेड को फंसाया जा सकता था।
यही ऑन एयर पंडित सलाह दे रहे थे। हेड इस जाल में फंस सकते थे।
भारत के गेंदबाज़ी कोच म्हाम्ब्रे ने स्वीकार किया कि हेड को टारगेट करने से टीम चूक गई। उन्होंने कहा, "हमने इस बारे में अपने गेंदबाज़ों से बात की थी। हमें हमेशा लगता था कि इस एरिया पर गेंदबाज़ी करते हुए उन्हें मुश्किल में डाला जा सकता था।"
म्हाम्ब्रे ने बताया कि कप्तान रोहित शर्मा हेड के आते ही शॉर्ट बॉल रणनीति के साथ नहीं जाना चाहते थे, भले ही यह रणनीति में शामिल हो। हेड छह बाउंड्री के साथ 22 गेंद में 30 रन बना चुके थे और सिराज की एक गेंद उनकी कोहनी पर भी जा लगी लेकिन शॉर्ट बॉल पर कंट्रोल नहीं बनाने के बाद भी वह रन बना रहे थे।
म्हाम्ब्रे ने कहा, "लेकिन हमें लगता है कि हमें इस रणनीति पर जल्दी आना चाहिए था, हो सकता है जब वह 30-40 रनों पर थे। लेकिन आपको कप्तान पर विश्वास करना होता है, उनको लगता था कि उस रणनीति पर जाना अभी सही नहीं है, लेकिन हमें लगता है कि हमें इस रणनीति पर थोड़ा जल्दी जाना चाहिए था।"
तेज़ गेंदबाज़ी आक्रमण भारत की विदेशों में सफलता की कुंजी रहा है। एक खिलाड़ी जो इस लाइनअप में नहीं हैं, वह जसप्रीत बुमराह हैं जो मार्च में कमर की सर्जरी कराने के बाद रिहैब पर हैं। लेकिन भारत ने बुमराह के बिना भी विदेश में अच्छा किया है, क्योंकि उनके तेज़ गेंदबाज़ी आक्रमण ने धैर्य, अनुशासन और ख़त्म करने वाली प्रवृति दिखाई थी।
बुधवार को आसमान बादलों से ढका था और इसी ने रोहित को ऑस्ट्रेलिया को बल्लेबाज़ी करने के लिए बुलाने में अहम रोल निभाया, जिससे उन्हें दूसरे स्पिनर आर अश्विन की जगह चार तेज़ गेंदबाज़ों को खिलाने का विकल्प मिला और उन्हें अपनी गेंदबाज़ी पर आत्मविश्वास था कि विरोधी टीम अधिक दूर तक नहीं जाएगी।
सुबह के पहले घंटे में ऑस्ट्रेलिया 12 ओवर में 29 रन बनाकर एक विकेट खो चुका था। हालांकि, शमी-सिराज की जोड़ी द्वारा उन पर डाला गया दबाव जल्दी से कम हो गया क्योंकि वार्नर ने उमेश यादव को लगातार तीन चौके मारे, जिन्होंने दिन में सिर्फ़ 14 ओवर फ़ेंके और उनमें नियंत्रण या सामर्थ्य की कमी दिखी। 2021 में यही मैदान था जब उमेश ने अपनी रिवर्स स्विंग और गति से इंग्लैंड को मुश्किल में डाला था और उस मैच की जीत में वह भारत के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़ थे। दो साल के डब्ल्यूटीसी फ़ाइनल के पहले दिन उमेश तमाशबीन बने रहे।
शार्दुल ठाकुर ने अच्छी रिदम के साथ शुरुआत की। वह गेंद को बाहर निकाल रहे थे और वह लक्की रहे कि वॉर्नर ने ऐसी गेंद को खेला जिस पर अच्छा शॉट लगाया जा सकता था या छोड़ा जा सकता था। लेकिन शार्दुल अपनी लाइन और लेंथ के साथ प्रयोग करते रहे जिससे वह लगातार दबाव नहीं बना सके।
एक और फ़ैसला रोहित ने अपने अकेले स्पिनर रवींद्र जाडेजा को लेकर लिया जहां उन्हें दूसरे ही सत्र में गेंदबाज़ी पर लाया गया जबकि स्टीवन स्मिथ के ख़िलाफ़ उनका अच्छा मैचअप है। यह भारत में हाल ही में हुई बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी में भी देखा गया। तब तक स्मिथ 28 और हेड 37 रन पर पहुंच गए थे और ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 141 पर 3 था। ओवल में धूप खिल चुकी थी और पिच बल्लेबाज़ों को मदद कर रही थी।
वहीं म्हाम्ब्रे आशावादी बने रहे कि भारत गुरुवार की सुबह वापसी कर सकता है, ख़ासतौर से तब जब उन्होंने पहले दिन स्टंप्स से कुछ देर पहले नई गेंद ले ली गई थी।चुनौती अपने थके हुए तेज़ गेंदबाज़ों को फिर से जीवंत करने की होगी। शमी, सिराज और शार्दुल ने लंबे स्पेल डाले। कुल मिलाकर भारतीय तेज़ गेंदबाज़ों के ग़लत शॉट खिलाने के प्रतिशत कुछ इस प्रकार रहे : शमी (25), सिराज (25.44), शार्दुल (18.52) और उमेश (17.86)।
म्हाम्ब्रे ने कहा, "गेंदबाज़ी में हमें और अनुशासित होना चाहिए था। हमने शुरुआत अच्छी की। पहले 12-15 ओवरों में हमने अच्छी जगह पर गेंद डाली, लेकिन इसके बाद हम अनुशासित नहीं थे। यही वजह है कि हमने अधिक रन लुटा दिए।"
भारत ने दिन की शुरुआत लगातार मेडन के साथ की। लेकिन बाद में कुछ सही नहीं गया। गर्व से भरी गेंदबाज़ी इकाई के लिए यह भूलने वाली शुरुआत थी।
नागराज गोलापुड़ी ESPNcricinfo में न्यूज एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।
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