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डब्ल्यूटीसी का विजेता घोषित करने के लिए बेस्ट ऑफ थ्री ही आदर्श : शास्त्री

भारतीय टीम सोचती है कि विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के विजेता की घोषणा बेस्ट ऑफ थ्री सीरीज के हिसाब से होनी चाहिए, क्योंकि यह फाइनल दो सालों की कड़ी मेहनत के बाद कोई दो टीम खेलती हैं। डब्ल्यूटीसी के पहले संस्करण का फाइनल भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेला जाएगा, जिसके लिए भारतीय टीम दो जून को इंग्लैंड के लिए रवाना होगी। कोच रवि शास्त्री ने बुधवार को पत्रकार वार्ता में कहा कि वह समझते हैं क्रिकेट कैलेंडर बहुत व्यस्त है, लेकिन उम्मीद है कि फाइनल तीन मैचों की टेस्ट सीरीज होनी चाहिए।

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शास्त्री ने कहा कि आदर्श रुप से लंबे समय को देखते हुए तीन मैचों की टेस्ट सीरीज से फाइनलके विजेता की घोषणा होनी चाहिए। दो से ढाई साल तक पूरी दुनिया में क्रिकेट के लिए घूमने के बाद बेस्ट ऑफ थ्री से परिणाम आना अच्छा रहेगा, लेकिन हमें यह जल्द से जल्द खत्म करना होगा क्योंकि एफटीपी दोबारा से शुरू हो जाएगी।

हालांकि, शास्त्री ने कहा कि यह मैच बड़ा है। यह पहली बार है जब आप डब्ल्यूटीसी फाइनल में हो। उन्होंने आगे कहा कि जब आप देखो तो इस मुकाबले की महत्वता बहुत बड़ी है, अब तक का सबसे बड़ा, क्योंकि यह क्रिकेट का सबसे मुश्किल प्रारूप है। यह वह प्रारूप है जो आपकी परीक्षा लेता है। यह तीन दिन या तीन महीने में मुमकिन होना मुश्किल है। यह दो वर्षो से ज्यादा चलता है, जहां टीम एक दूसरे के खिलाफ पूरी दुनिया में खेली हैं और फाइनल में पहुंचने की अपनी उम्मीदों को आगे ले जाती हैं। वाकई यह बड़ा टूर्नामेंट है।

कप्तान कोहली भी अपने कोच की बातों से सहमत दिखे। उन्होंने कहा कि यह बहुत मायने रखता है। वो भी तब जब यह पहली बार आयोजित हो रहा हो और क्रिकेट का सबसे मुश्किल प्रारूप हो। हम सभी टेस्ट क्रिकेट खेलना सम्मान मानते हैं और जिस तरह से हम यहां तक पहुंचने हैं वह उदाहरण है कि टेस्ट क्रिकेट हमारे लिए क्या मायने रखता है। एक टीम के तौर पर हम सभी के लिए, जो भी इस टीम का हिस्सा रहे हैं, यह उस तरह से है कि हमने सारी मेहनत झोंक दी है, केवल डब्ल्यूटीसी के लिए नहीं बल्कि वो मेहनत जो हमने पांच से छह सालों में की है। उस समय से जब हम रैंकिंग में चढ़ रहे थे और एक टीम को तैयार कर रहे थे और अब फाइनल खेलते हुए अच्छा लग रहा है।

कोहली ने आगे कहा कि यह किसी भी टीम के लिए गलत होगा कि चैंपियनिशप का विजेता एक टेस्ट से चुना जाए, लेकिन शास्त्री और कोहली ने कहा कि एक फाइनल वह तय नहीं कर सकता है जो उनकी टीम ने पिछले कुछ सालों में किया है।

शास्त्री ने कहा कि एक फाइनल एक फाइनल ही है और लड़कों ने उसे कमाया है। यह वह टीम नहीं है जो एक रात में बनी हे। पांच साल से नंबर एक, जब आप शीर्ष पर पहुंचने की तैयारी करते हैं और उच्चस्तीय क्रिकेट खेलते हैं या किसी बेहतरीन टीम के खिलाफ, आपको अपनी काबिलियत से बढ़कर आगे प्रदर्शन करना होता है। जैसा कि आपने समय के साथ कई बार देखा है इस टीम ने बड़ी परेशानियों से निकालकर सीरीज जीती है। ऐसे में मुझे लगता है कि फाइनल जीतना लड़कों के लिए बड़ी विजय होगी।

कोहली ने कहा कि वह फाइनल या इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के बारे में नहीं देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता है कि हमें इसके बारे में सोचना चाहिए। अगर आप हमारे सुधार को देखेंगे तो यह बहुत ही साफ रहा है, क्योंकि हम सभी भारतीय क्रिकेट को शीर्ष पर ले जाना चाहे हैं। हम दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम बनना चाहते हैं। हम यह प्रयास जारी रखेंगे। पिछले कुछ सालों से टेस्ट​ क्रिकेट में हम कई बार लगातार दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम रहे हैं।

कोहली ने आगे कहा कि अब आप देख रहे हैं कि युवा आगे आ रहे हैं और उनके लिए भी यह सुधार का समय है, तो मैं फाइनल के बारे में नहीं सोच रहा हूं, मैं एक और बदलाव की ओर देख रहा हूं। इसके बाद हमें नहीं पता है कि हम कहां होंगे। यह मौजूदा प्रक्रिया है जो भारतीय क्रिकेट को शीर्ष पर ले जाना चाहती है और हमने पिछले पांच से छह सालों में अपनी जिम्मेदारी अच्छे से निभाई है। अब जब सुधार और बदलाव का समय है तो हम सभी की जिम्मेदारी यही है कि इसी प्रयास को आगे भी कई सालों तक जारी रखें और क्रिकेट में यही सही प्रक्रिया है।

भारतीय कप्तान ने आगे कहा कि हमने फाइनल के लिए कड़ी मेहनत की है। किसी के भी दिमाग में इसके लिए कोई सवाल नहीं है। हम फाइनल में पहुंचने वाली पहली टीम होते, क्योंकि हमने कुछ सालों में बेहतरीन क्रिकेट खेला है। हम बस उस स्तर को बनाए रखना चाहते हैं। अगर आप चैंपियनशिप जीत जाते हो, तो आप मेहनत करना रोक नहीं सकते। आप दो, तीन या चार दौरे जीतना चाहते हो। यही हम चाहते हैं। अगर आप एक बार फाइनल में पहुंचते हो तो निश्चित तौर पर आप उसे जीतना चाहते हो। इसके बाद दोबारा हमें तैयारी करनी होगी, रणनीति बनानी होगी और अगले तीन से चार सालों के बारे में सोचना होगा और दोबारा दुनिया की नंबर एक टीम बनना होगा।

भारत तीनों की प्रारूपों में इस वक्त दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम है, लेकिन 2013 से हम कोई आईसीसी खिताब नहीं जीते हैं। हमारी पिछली दोनों हार इंग्लैंड में ही आई हैं, जब हम चैंपियंस ट्रॉफी और विश्व कप एक बेहतरीन टीम लगने के बावजूद हार गए। कोहली ने आगे कहा कि यह टीम दबाव लेने की जगह फाइनल खेलने का लुत्फ लेगी। उन्होंने कहा कि मेरे लिए कोई चुनौती नहीं है। टीम के नजरिए से सोचूं तो यह बहुत चुनौतीपूर्ण दौर रहा। अब यह समय लुत्फ लेने का है। हमने पांच से छह सालों में कड़ी मेहनत की है। हम बाहर के लोगों की तरह नहीं सोचते। अगर हमने ऐसा सोचना शुरू किया तो हम प्रदर्शन नहीं कर पाएंगे।

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सिद्धार्थ मोंगा ESPNcricinfo में असिस्टेंट एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में एसोसिएट सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।