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आने वाले महत्वपूर्ण मैचों से पहले भारत को अपनी खामियां दुरुस्त करनी होंगी

सही संयोजन की तलाश, बाएं हाथ के स्पिन के ख़िलाफ़ परेशानी, फ़ील्डिंग में चूकें और बल्लेबाज़ी में धीमी शुरुआत भारत के लिए परेशानी का सबब बन सकता है

Two wins in two, but scratchy start for India?

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Women's World Cup 2025: Week one in review

मेज़बान भारत के लिए निश्चित रूप से यह थोड़ी राहत की बात रही होगी कि महिला विश्व कप की शुरुआत में ही दो मैच जीत कर वह आठ टीमों की तालिका में शीर्ष पर पहुंच गया हैं। लेकिन हरमनप्रीत कौर ने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ 88 रन की जीत के बाद प्रेज़ेंटेशन के दौरान यह माना था कि "अभी भी हमारी टीम को कई चीज़ों पर काम करने की ज़रूरत है।"

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भारत के अगले तीन मैच साउथ अफ़्रीका, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के ख़िलाफ़ हैं। तीनों ही टीम मज़बूत हैं और सेमीफ़ाइनल के दावेदार भी हैं। आइए देखते हैं कि पहले दो मैचों में भारत ने जिस तरह प्रदर्शन किया, उसके आधार वे कहां सुधार या बदलाव कर सकते हैं।

पांच गेंदबाज़ों का कॉम्बिनेशन और सही संतुलन की तलाश

कोलंबो में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ हुए मैच के बाद हरमनप्रीत इस बात को लेकर ख़ुश थीं कि अब उनकी टीम को पांचों मैच भारत में ही खेलना पड़ेगा। उन्होंने इस संदर्भ में कहा था, "हमारे लिए यह अब समझना आसान होगा कि सर्वश्रेष्ठ संयोजन क्या है।" अब तक खेले गए दो मैचों में भारत ने सिर्फ़ पांच गेंदबाज़ों के साथ उतरने का फ़ैसला किया था। उसमें भी दो ऑलराउंडर थे। लेकिन यह रणनीति मज़बूत टीमों के ख़िलाफ़ जोखिम भरी साबित हो सकती है। क्रांति गौड़ की तेज़ गति और दीप्ति शर्मा, स्नेह राणा और श्री चरणी की स्पिन तिकड़ी ने श्रीलंका और पाकिस्तान को मुश्किल में डाला, लेकिन अगर विशाखापट्टनम की पिच सपाट रही तो टीम को छठे गेंदबाज़ की ज़रूरत महसूस हो सकती है।

हाल ही में भारत ने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ वनडे सीरीज़ के दौरान अंतिम दो मैचों में छह गेंदबाज़ों के साथ खेला था। हालांकि तब यह बदलाव इसलिए हुआ था क्योंकि नंबर 5 बल्लेबाज़ जेमिमाह रॉड्रिग्स पहले मैच के बाद बीमार पड़ गई थीं। उनकी जगह गेंदबाज़ को शामिल करने का फ़ायदा टीम को मिला, और भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 190 पर समेट दिया। अब जब रॉड्रिग्स फ़िट होकर इस साल दो शतक जड़ चुकी हैं, तो टीम के सामने यह चुनौती है कि बिना संतुलन बिगाड़े छठे गेंदबाज़ को कैसे शामिल किया जाए।

भारत की दिक्कतें यहीं ख़त्म नहीं होतीं। ऑलराउंडर अमनजोत कौर हल्की चोट के कारण पाकिस्तान मैच से बाहर रहीं, और उनकी जगह उतरीं रेणुका सिंह ने कोलंबो में बेहतरीन गेंदबाज़ी करते हुए 10 ओवर में सिर्फ़ 29 रन दिए। ऐसे में अगर अमनजोत फ़िट भी हो जाती हैं तो रेणुका को बाहर करना आसान नहीं होगा। अमनजोत ने मंगलवार शाम विशाखापट्टनम नेट्स में एक घंटे गेंदबाज़ी और आधे घंटे बल्लेबाज़ी की, जो टीम की गहराई के लिए अच्छा संकेत है।

अमनजोत कौर के फ़िट होने पर भी रेणुका सिंह को बाहर करना मुश्किल हो सकता है  ICC via Getty Images

बाएं हाथ के स्पिनर का ख़तरा

गुवाहाटी में श्रीलंका की बाएं हाथ की स्पिनर इनोका रणवीरा ने जिस गेंद पर रॉड्रिग्स को पहली ही गेंद पर बोल्ड किया था, उसे इस टूर्नामेंट की सर्वश्रेष्ठ गेंदों में से एक मानी जा रही है। रणवीरा ने उसी ओवर में हरलीन देओल का विकेट लिया था। स्थिति ऐसी थी कि भारत 121 के स्कोर पर पांच विकेट गंवा चुका था। इसके बाद भारत के निचले मध्यक्रम के बल्लेबाज़ों ने टीम को मुश्किल परिस्थिति से निकाला। पाकिस्तान के ख़िलाफ़ स्थिति उतनी ख़राब नहीं थी, लेकिन उनकी लेफ़्ट-आर्म स्पिनर सादिया इक़बाल ने दूसरी स्पेल में छह ओवर में सिर्फ़ 14 रन देकर दाएं हाथ की बल्लेबाज़ों प्रतिका रावल, देओल और हरमनप्रीत को बांधे रखा। रावल ने एक चौका लगाया लेकिन अगली गेंद पर उनकी ऑफ़ स्टंप उड़ गई। अगली ओवर में इक़बाल ने हरमनप्रीत को भी परेशान किया और कई बार उन्हें टर्न और उछाल से मात दी।

गुरुवार को भारत की बल्लेबाज़ों का सामना साउथ अफ़्रीका की लेफ़्ट-आर्म स्पिनर म्लाबा से होगा। उन्होंने इंदौर में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ चार विकेट लेकर शानदार गेंदबाज़ी की थी। म्लाबा ने अपनी गति में बदलाव और अलग-्अलग कोण का प्रयोग करते हुए न्यूज़ीलैंड की बल्लेबाज़ों को चौंका दिया था। यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत के दाएं हाथ की बल्लेबाज़ उन्हें कैसे खेलते हैं। यह टक्कर मैच का नतीजा तय कर सकता है।

स्मृति मंधाना बल्लेबाज़ी और फ़ील्डिंग में सही लय में नज़र नहीं आ रही हैं  Associated Press

क्षेत्ररक्षण में लगातार ग़लतियां कर रहा है भारत

तीन महीने पहले भारत ने इंग्लैंड में ऐतिहासिक सीरीज़ जीत हासिल की थी। इसमें टीम की बेहतरीन फ़ील्डिंग ने अहम भूमिका निभाई थी। ऐसा लगता है कि अब वह बस एक याद की तरह है। सीमा रेखा पर लिए कुछ कमाल के कैच, तेज़ थ्रो और सर्कल में फुर्तीले मूवमेंट - उस सीरीज़ में भारतीय फ़ील्डर्स बेहतरीन लय में थे। लेकिन विश्व कप में भारत की शुरुआत औसत फ़ील्डिंग प्रदर्शन के साथ हुई है। गेंदबाज़ों ने विकेट के मौके बनाए, लेकिन फ़ील्डरों ने कई आसान कैच टपका दिए। अब तक इसका नुकसान नहीं हुआ, लेकिन जैसे-जैसे टूर्नामेंट आगे बढ़ेगा, ये ग़लती भारी पड़ सकती है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि पाकिस्तान के ख़िलाफ़ पहले 25 ओवरों में लगभग तीन मिसफ़ील्ड हरमनप्रीत और स्मृति मंधाना से हुईं। ऐसा भी नहीं था कि तब ओस था, जिससे फ़ील्डिंग में कोई परेशानी हो।

धीमी शुरुआत और लगातार ढहता मध्यक्रम

अब तक भारत को विश्व कप में सपाट पिचों पर बल्लेबाज़ी का लाभ नहीं मिला, लेकिन उनकी धीमी शुरुआत और बीच के ओवरों में लगातार विकेट गिरने की समस्या साफ़ नज़र आई है। भारत ने पावरप्ले में अब तक सिर्फ़ 43 और 54 रन बनाए हैं। मंधाना के कम स्कोर (8 और 23) के चलते रन रेट गिरा है। हाल ही में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ दूसरा सबसे तेज़ महिला वनडे शतक जड़ा था, लेकिन अब उन्हें आक्रामक शेफ़ाली वर्मा की जगह प्रतिका रावल के साथ टिक कर खेलना पड़ रहा है। रावल अधिक स्थिर हैं, लेकिन उनका स्ट्राइक रेट 83.65 है जबकि मंधाना 109.49 के स्ट्राइक रेट से रन बनाती हैं।

प्रतिका और हरलीन को बाउंड्री निकालने में काफ़ी समस्या हो रही है  Getty Images

भारत की नंबर तीन बल्लेबाज़ हरलीन का स्ट्राइक रेट इस साल सिर्फ़ 77.18 रहा है। जब रावल और देओल साथ खेलती हैं तो रन रेट और नीचे चला जाता है। पाकिस्तान के ख़िलाफ़ उनकी साझेदारी 35 गेंदों में सिर्फ़ 19 रन की रही, जिनमें 27 डॉट बॉल थीं। श्रीलंका के ख़िलाफ़ उन्होंने 96 गेंदों में 67 रन बनाए, जिसमें सिर्फ़ दो चौके और एक सिक्सर लगाया गया था।

अब तक भारत की सबसे बड़ी चिंता उनका लगातार ढहता मध्यक्रम रहा है। श्रीलंका के ख़िलाफ़ भारत ने 124 के स्कोर पर 6 विकेट गंवा दिए थे। इसके बाद पाकिस्तान के ख़िलाफ़ भारत का पांचवा विकेट 159 के स्कोर पर गिरा था। निचले क्रम ने इन दोनों मैचों में टीम को बचाया, लेकिन साउथ अफ़्रीका, ऑस्ट्रेलिया या इंग्लैंड जैसी टीमों के सामने भारत को अपनी अनुभवी तिकड़ी मांधना, हरमनप्रीत और रॉड्रिग्स से ज़्यादा योगदान चाहिए होगा, जिनका अब तक संयुक्त रूप से सर्वोच्च स्कोर सिर्फ़ 32 रहा है।

आंकड़े: दीप गाधिया

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