जायसवाल इस स्कोर को दोहरे शतक से आगे ले जाना चाहते हैं
भारतीय ओपनर ने इंग्लैंड के ख़िलाफ़ दूसरे टेस्ट के पहले दिन करियर का सर्वश्रेष्ठ स्कोर नाबाद 179 बनाया

भारत का दारोमदार यशस्वी जायसवाल के कंधों पर है, 22 वर्षीय सलामी बल्लेबाज़ ने विशाखापटनम टेस्ट के पहले दिन आधे से अधिक रन बनाए। मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने हैदराबाद में हार के बाद बड़े शतकों की मांग की थी और जायसवाल ने पहली बार में ही यह काम कर दिया, लेकिन उनकी टीम के बाक़ी साथी उनका समर्थन करने में असमर्थ रहे। पारी में अब तक का अगला उच्चतम स्कोर शुभमन गिल का 34 रन है। पहले पांच विकेटों के लिए साझेदारियां कम से कम 40 रनों की थीं, लेकिन उच्चतम केवल 90 रन का रहा। इंग्लैंड ने पूरे दिन भारत को बड़ी साझेदारियां नहीं करने दी।अक्षर पटेल और केएस भरत अपने आउट गंवाने के बारे में एक बार जरूर सोचे होंगे। भारत ने वैसे छह विकेट के नुकसान पर 336 रन बना लिए थे।
हो सकता है कि पिच का इससे कुछ लेना-देना हो। पहले दिन के खेल के बाद जायसवाल ने मेज़बान ब्रॉडकास्टर को बताया, "शुरुआत में विकेट थोड़ा नम था और स्पिन और उछाल था और यहां तक कि गेंद भी सीम कर रही थी।"
इसने उन्हें सावधान रहने के साथ-साथ अवसरों की तलाश में रहने के लिए भी प्रेरित किया। "मेरे मन में था कि मुझे सत्र दर सत्र खेलना है। मैं बस यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा था कि क्या वे अच्छी गेंदबाज़ी कर रहे हैं, मैंने यह सुनिश्चित किया कि मैं वह स्पैल खेलूं।"
"दोपहर में जब मैं बीच में था तो विकेट थोड़ा सही था, लेकिन जब गेंद पुरानी होती गई तो उन्हें थोड़ा स्पिन और उछाल भी मिल रहा था और मैं बस यह सोच रहा था कि शॉट्स को कैसे खेलूं, मैं क्या खेल सकता हूं और मैं अंत तक कैसे खेल सकता हूं क्योंकि राहुल सर और रोहित भाई, वे मुझे संदेश देते रहते हैं। वैसे भी इस बड़े मंच पर बदलने की ज़रूरत है और सुनिश्चित करना कि आप अंत तक खेलते रहें।"
"मैं इस स्कोर को दोहरे शतक में तब्दील करना पसंद करूंगा और सुनिश्चित करूंगा कि मैं आगे बढ़ता रहूं और सुनिश्चित करूं कि मैं अपनी टीम के लिए अंत तक खेलूं और मैं कल अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करूंगा।"
जायसवाल की टीम के साथी समझते हैं कि उन्होंने कितनी बड़ी पारी खेली है और यह भी कि उन्होंने उन्हें पर्याप्त समर्थन नहीं दिया है। पदार्पण करने वाले रजत पाटीदार 72 गेंदों में 32 रन बनाकर काफ़ी मज़बूत दिखे और विशेष रूप से रोमांचक खेल का आनंद लिया, जहां उन्होंने जो रूट को स्वीप किया और इसके बाद इन साइड आउट पर चौका लगाया। 30 वर्षीय बल्लेबाज़ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी पहली पारी में नरम हाथों से और उद्देश्यपूर्ण तरीके़ से खेलते दिख रहे थे, लेकिन थोड़ी विडंबना यह थी कि जब एक गेंद उन्हीं नरम हाथों से बचाव करने के प्रयास में मिस हुई और स्टंप्स पर जा लगी।
पाटीदार ने मैच के बाद पत्रकार वार्ता में कहा, "अगर मैं कहूं कि मेरी पारी अच्छी थी, लेकिन मुझे इसे बड़ा बनाना होगा।" वह नवंबर 2015 से प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेल रहे हैं, लेकिन इस बारे में उत्सुक थे कि कैसे खेलने के अवसर मिलेंगे। टेस्ट टीम में जगह इतनी बार नहीं आती। उन्होंने कहा, "इतने लंबे समय तक इंतज़ार करना भारतीय क्रिकेट में आम बात है। बहुत सारे खिलाड़ी हैं, मैं सिर्फ़ उन चीज़ों पर ध्यान केंद्रित कर रहा था जो मेरे हाथ में हैं। जिस तरह से 30 साल की उम्र में मैं यहां आया उसमें मैं अच्छा महसूस कर रहा था।"
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