शुभमन गिल : मुझे कप्तानी करने में मज़ा आता है और मैं अपना सर्वश्रेष्ठ देता हूं
भारतीय कप्तान ने कहा कि युवा खिलाड़ियों की अगुवाई करने का अनुभव अलग ही था

ज़िम्बाब्वे पर 4-1 से सीरीज़ जीत के बाद भारतीय दल के कप्तान शुभमन गिल का मानना है कि कप्तानी करने के दौरान उनका 'सर्वश्रेष्ठ' सामने आता है और वह मैदान पर खेल का भरपूर लुत्फ़ उठाते हैं। पांचवें T20I में मिली जीत के बाद गिल ने कहा, "मुझे कप्तानी करने में मज़ा आता है। इससे मेरा सर्वश्रेष्ठ निकलकर आता है क्योंकि मैं हर समय खेल में बना रहता हूं। यह मेरे व्यक्तित्व का एक अलग ही पक्ष सामने लाता है, जिसका मैं मैदान पर पूरा लुत्फ़ उठाता हूं।"
यह पहला मौक़ा था, जब गिल अंतर्राष्ट्रीय मैचों में कप्तानी कर रहे थे। इससे पहले उन्होंने IPL 2024 में गुजरात टाइटंस (GT) की कप्तानी की थी। इस सीरीज़ में भारतीय टीम को पहले मैच में क़रारी और अप्रत्याशित हार मिली थी। लेकिन इसके बाद गिल की युवा टीम ने वापसी करते हुए लगातार चार मैच जीते और आसानी से सीरीज़ को 4-1 से अपने नाम कर लिया।
गिल ने स्वीकार किया कि उनके और उनकी टीम के ऊपर दबाव था, लेकिन उन्होंने इस दबाव से उबरते हुए एक बड़ी जीत हासिल की।
उन्होंने कहा, "दबाव ज़रूर था, भले ही कोई 'अतिरिक्त दबाव' ना हो। जब आप सिर्फ़ एक बल्लेबाज़ के रूप में खेलते हो और रन नहीं बना पाते हो, तब भी आप पर दबाव होता है, लेकिन यही तो इस खेल की ख़ूबसूरती है कि आप एक साथ कई मनोभावों से गुजरते हो, दबाव भी उनमें से एक है। और जब आप उसे जीतकर बाहर निकल जाते हो, तो एक अलग तरह की ही संतुष्टि मिलती है।"
भारत इस दौरे पर बहुत ही कम अनुभव वाले खिलाड़ियों के साथ गया था। कप्तान गिल का ही अनुभव सिर्फ़14 T20I मैचों का था। लेकिन गिल ने इन युवा प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की अगुवाई करने के अनुभव को बहुत ही बेहतरीन बताया।
उन्होंने कहा, "इन प्रतिभाशाली युवाओं की अगुवाई करने का अनुभव बेहतरीन था। इनके साथ या ख़िलाफ़ मैं किसी ना किसी स्तर पर एज़-ग्रुप, अंडर-19, IPL या घरेलू क्रिकेट खेल चुका हूं। इससे मेरा काम और भी आसान हो गया क्योंकि मैं उन्हें ना सिर्फ़ एक खिलाड़ी बल्कि एक इंसान के रूप में भी बेहतर ढंग से जानता हूं।"
गिल ने कहा कि वह किसी एक को कप्तान के रूप में अपना आदर्श नहीं मानते, लेकिन रोहित शर्मा ज़रूर ऐसे कप्तान हैं, जिनसे वह प्रेरणा लेते हैं।
गिल ने कहा, "रोहित (शर्मा) भाई, माही (एमएस धोनी) भाई, विराट (कोहली) भाई, हार्दिक (पंड्या) भाई- सबसे कुछ ना कुछ लिया जा सकता है। मैं सबसे अधिक रोहित भाई के अधीन खेला हूं तो मैं उनसे बहुत कुछ सीखता हूं और मुझे उनकी कप्तानी में खेलने में मज़ा भी आता है।"
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