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मुंबई इंडियंस की बल्लेबाज़ी पर शिकंजा कसने के बाद राहुल, गेल ने पंजाब किंग्स को दिलाई मुश्किल जीत

रोहित शर्मा का अर्धशतक, राहुल चाहर की फिरकी का जादू मुंबई के लिए रहा व्यर्थ

पंजाब किंग्स 132/1 (राहुल 60*, गेल 43*) ने मुंबई इंडियंस 131/6 (शर्मा 63, यादव 33, शमी 2-21, बिश्नोई 2-21) को नौ विकेटों से हराया
केवल पंजाब किंग्स ही नौ-विकेट की इस जीत को अस्तित्वगत संकट की तरह बना सकती थी। चेपॉक में एक और स्पिन के लिए अनुकूल पिच पर, उन्हें 132 रन के छोटे लक्ष्य का पीछा करते हुए भी, हर एक रन के लिए संघर्ष करना पड़ा। गत चैंपियन मुंबई इंडियंस ने एक स्पष्ट रूप से अपने स्पिन गेंदबाज़ों का रुख किया और मैच को अंतिम ओवरों तक ले जाने में सफल रहे।
के एल राहुल और क्रिस गेल के बीच 62 गेंदों में 79 रनों की अनुशासित साझेदारी की बदौलत, पंजाब ने रन-चेस को अंततः 14 गेंदें रहते सील कर दिया गया। तेज गति से रन बनाने के लिए जाने जाते राहुल और गेल, अपने अभिमान को बाहर छोड़, सूझबूझ के साथ बल्लेबाज़ी कर रहे थे। भले ही उन्होंने काफी डॉट गेंदें खेली लेकिन कभी भी जरूरी रन रेट को पकड़ से बाहर जाने नहीं दिया।
फिर एक बार, लेगस्पिनर राहुल चाहर ने (4-0-19-1) के शानदार स्पेल के साथ गेंदबाज़ी क्रम का नेतृत्व किया। उन्हें जयंत यादव (4-0-20-0) का बखूबी साथ मिला, 15 वें ओवर में जिनकी गेंद पर गेल ने लांग ऑन के ऊपर से बड़ा छक्का लगाया जो अनजाने में ही सही पर मुंबई के हित में गया। क्योंकि रिप्लेसमेंट के तौर पर आई सूखी गेंद नए सिरे से सूखी सतह पर कांटा बदलने लगी। उसने दोनों बल्लेबाजों के कुछ समय के लिए असमंजस में डाल दिया। पर राहुल को ज्यादा परेशानी नहीं हुई, जिन्होंने स्क्वेयर लेग की दिशा में नो-मैन लैंड पर बाहरी किनारे के साथ रन-अ-बॉल अर्धशतक पूरा किया।
अनिवार्य रूप से, यह यूनिवर्स बॉस पर छोड़ दिया गया था कि वह जीत सुनिश्चित करे। गेंदबाज़ी क्रम में वापसी कर रहे ट्रेंट बाल्ट की पहली गेंद पर एक करारा पुल लगाकर गेंद को दर्शक दीर्घा में भेज दिया। इस बेहती गंगा में लांग ऑन के ऊपर से छक्का लगाकर राहुल ने भी अपने हाथ धो लिए। अंततः थर्डमैन की दिशा में बाहरी किनारे से लगे चौके के साथ पंजाब किंग्स ने पहले मुकाबले के बाद अपनी पहली जीत हासिल की।
किंग्स के लिए पांचवा गेंदबाज पहले
मोजेस ऑनरीकेज ने इस टूर्नामेंट में आज तक केवल एक ओवर डाला था और वह भी पिछले हफ्ते सनराइज़र्स के ख़िलाफ़ मिली नौ विकेटों की हार में, जहां एक तेज शुरुआत से हताश होकर कप्तान ने उन्हें गेंद थमाई थी। लेकिन इसमें एक चालाक योजना की शुरुआत हुई, जिसमें - तीन सस्ते ओवरों के साथ - ऑनरीकेज और दीपक हुड्डा को पावरप्ले में मुंबई की शैली को समेटने की जिम्मेदारी दी गई, जो किसी भी पारी में इतनी जल्दी बुलाए जाने से बेखबर थे।
इस जोड़ी, और बाद में मोहम्मद शमी को, एक अजीब तौर से असंगत रोहित शर्मा द्वारा सहायता प्राप्त हुई, जिनके इरादे इस पिच पर संवेदनाहारी थे, जिसके साथ मुंबई अपने पहले चार मैचों के दौरान अच्छे ढंग से परिचित हो गया था।
शर्मा मैच की दूसरी ही गेंद पर अपने पहले रन के लिए जॉगिंग करते रन आउट होने से बाल बाल बचे। उन्हें सावधान होने की चेतावनी मिली जब मोजेस की फुल टॉस गेंद को घुटनों के पास से वह लांग ऑन पर हवा में मार बैठे, और वो भी केवल एक रन के लिए। अगले ही ओवर में मुंबई की पहली बाउंड्री लगाकर वे टी20 क्रिकेट में 1200 बाउंड्री के आंकड़े के पार पहुंचे।
क्विंटन डिकॉक की शुरुआत निराशाजनक रही, और हुड्डा की तेज ऑफ-ब्रेक गेंदों ने उन्हें मिड-ऑन पर एक तेज़ ड्राइव लगाने का लालच दिया। आदतन ईशान किशन भी पहले गियर से बचने में असमर्थ रहे और मुंबई ने पहले छह ओवरों में 1 विकेट पर केवल 21 रन बनाए। आईपीएल इतिहास में यह उनका संयुक्त-दूसरा-सबसे कम पावरप्ले स्कोर है। इसी बीच, पंजाब ने अपने कम आंके जाने वाले गेंदबाजों से पांच ओवर निकलवा लिए। साथ ही एम अश्विन की जगह टीम में शामिल किए गए रवि बिश्नोई ने अपने ओपनिंग ओवर में गुगली के साथ बेगाने किशन को दीवाना बना दिया।
रोहित ने जलाई फुलझडियां, पर आतिशबाज़ी करने में रहे असमर्थ
शर्मा को पारी का निर्माण करने के लिए अपना समय लेने से कभी डर नहीं लगा। फेबियन ऐलन की पहली दो गेंदों पर दो स्टीयर बाउंड्री ने उनके स्ट्राइक-रेट को 100 के पार पहुंचाया। आठवें ओवर में 22 गेंदों में से 25 रन के साथ, वह अब पारी को अंत तक ले जाने के लिए तैयार थे। ऐलन के अगले ही ओवर में, शर्मा ने मुंबई के पहले छक्के के लिए, उन्हें लेग साइड पर बड़ा शॉट लगाया। हुड्डा का भी यही हश्र हुआ जब वह 12 वें ओवर में दस रन देकर लौटे। सूर्यकुमार यादव को टेंपो बदलते देख, शर्मा ने बिश्नोई की गेंद पर बैकवर्ड पॉइंट के जरिए चौका लगाकर 40 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया।
लेकिन किंग्स के शुरुआती पकड़ को कभी भी पूरी तरह से ढीला नहीं किया, यहां तक कि तब भी जब सूर्यकुमार ने बिश्नोई के ख़िलाफ़ बैकवर्ड स्क्वेयर लेग के ऊपर स्कूप और शमी की गेंद पर लांग ऑफ की दिशा में एक शानदार पिक-अप शॉट के साथ रन गति में इज़ाफ़ा किया। आखिरकार, 33 रन के स्कोर पर वह बिश्नोई की गेंद पर लगाई स्विच-हिट सीधे शॉर्ट थर्डमैन पर तैनात गेल के हाथों में मार बैठे। कायरन पोलार्ड,अभी भी 0 पर, उनकी तेज और सटीक लाइन वाले स्पेल की अंतिम गेंदों को रोकने का काम कर रहे थे, जब बिश्नोई ने गुगली के साथ उनको छकाया और गेंद कीपर राहुल को बीट कर बेल्स के थोड़ी ऊपर से चली गई।
एक ओवर के बाद, किंग्स ने बड़ी मछली को फंसाया जाल में। शमी के गेंदबाज़ी पर लौटने के बाद, शर्मा ने डीप मिडविकेट के हाथों में एक पुल लगाया, और 52 गेंदों में 63 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। यह इस अभियान में अब तक मुंबई का सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर था, और एक स्पष्ट संकेत था कि इस सतह पर रन-बनाना सरल तो बिल्कुल नहीं होगा।
शुरुआत तेज, धीमा अंत
मुंबई ने अपने बचाव की शुरुआत बोल्ट के किफ़ायती ओवर के साथ की, जो सिर्फ एक रन के लिए गया, परंतु पावरप्ले में क्रुणाल पंड्या को लेकर आना एक असफल निर्णय रहा। राहुल द्वारा लगाए गए दो चौकों के साथ-साथ मयंक अग्रवाल ने एक्स्ट्रा कवर के ऊपर से एक शानदार छक्का जड़कर टीम को तेज शुरुआत दिलाई, जो अंत में बेहद महत्वपूर्ण साबित हुई।
लेकिन चाहर, अभी तक इस टूर्नामेंट में 4/27 और 3/19 के विश्लेषण के साथ, फॉर्म में चल रहे हैं। उन्होंने अपनी तीसरी गेंद पर लगभग के एल को चलता किया, जब राहुल ने जोरदार तरीके से गेंद को हवा में धकेला लेकिन वह गेंदबाज की पहुंच से बाहर रहा। एक ऐसा कैच जिसने कप्तान को अपनी घुमाव और उछाल वाली लेगब्रेक के साथ लंबा खेल खेलने के लिए मजबूर किया।
25 के निजी स्कोर पर अग्रवाल, चाहर की लाइन और लूप से सम्मोहित होकर लांग ऑन की दिशा में एक आधे-अधूरे ड्राइव के लिए चले गए, और सूर्यकुमार के कैच लपकने से पहले ही स्वीप खेलने का पूर्वाभ्यास कर वापस चल पड़े।
समय व्यर्थ किए बिना, शर्मा ने जयंत को ऑफ-स्पिन डालने के लिए बुलाया, जिन्होंने एकल रन के ओवरों के साथ प्रेशर बनाया। गेल अपने बल्ले के बीच से गेंद का संपर्क करवाने के लिए लगातार फ्रंटफुट पर आ रहे थे। जैसे ही उन्होंने राहुल के साथ चाहर के तीसरे ओवर में भी सिंगल लिए, पंजाब को 7.5 के आवश्यक दर के साथ रन गति में बढ़ौतरी करने का संकेत मिला।
गेल थोड़े समय के लिए संयम खो बैठे और चाहर के अंतिम ओवर में एक खराब कट शॉट खेलने के चक्कर में अपना ऑफ स्टंप खोने से बाल बाल बचे। किन्तु पिछे फाइन लेग की दिशा में एक घुमते हुए पुल याद ने दिलाया कि बेहतरीन गेंदबाज़ भी कभी-कभार चूक जाते हैं। इसी चाल ने गेल की पारी को ठीक तरह से आगे बढ़ाया और जयंत के अगले ओवर में उन्होंने पगबाधा होने का जोखिम उठाकर स्क्वेयर लेग के पीछे एक और चौका लगाया।
उस समय, जयंत आखिरकार गेल के पाले में गेंद कर बैठे जिसे लांग ऑन के ऊपर से मारने में गेल को कोई परेशानी नहीं हुई। लेकिन वे उस गेंद पर पड़ने वाले आखिरी रन थे, क्योंकि बदली हुई सूखी गेंद उपद्रव मचाते हुए ओवर की शेष गेंदों पर बाहरी किनारे को बीट करती चली गई। क्रुनाल ने वापसी पर इसी तरह की सहायता पाई, लेकिन अंततः मुंबई को एक बल्लेबाज़ी प्रदर्शन का खामियाज़ा उठाना पड़ा, जो परिस्थितियों के अनुसार बहुत ही निराशाजनक था। खुश खबर ये हैं कि कम से कम वे अगले सप्ताह दिल्ली के लिए रवाना होंगे। चेन्नई में पांच में से दो जीत एक आपदा तो नहीं है, लेकिन इसने गत-चैंपियनों को कैच-अप खेलने पर मजबूर जरूर कर दिया है।

एंड्रयू मिलर ESPNcricinfo के UK एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब-एडिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।