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डेब्यू मैच में शतक से चूकीं शेफ़ाली वर्मा, दिन के अंतिम घंटे में इंग्लैंड की जोरदार वापसी

17 वर्षीय शेफ़ाली ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट की अपनी पहली पारी में 96 रन बनाए और स्मृति मांधना के साथ 167 रनों की ओपनिंग साझेदारी की, वहीं इंग्लैंड के गेंदबाज़ों ने दिन के अंतिम घंटे में सिर्फ 16 रन और 10 ओवरों के अंतराल में 5 विकेट झटक लिए।

अपनी धाकड़ पारी के दौरान शेफ़ाली वर्मा  •  Getty Images

अपनी धाकड़ पारी के दौरान शेफ़ाली वर्मा  •  Getty Images

भारत 187/5 (शेफ़ाली वर्मा 96, मांधना 78, हेदर नाइट 2/1), इंग्लैंड 396/9 पारी घोषित (डंकली 74*, श्रबसोल 47, स्नेह राणा 4/131, दीप्ति शर्मा 3/65) से 209 रन पीछे
इस मैच के शुरू होने से पहले इंग्लैंड के उपकप्तान नैटली सीवर ने शेफ़ाली वर्मा को 'निडर' की संज्ञा दी थी और उन्होंने अपने टेस्ट डेब्यू के पहली पारी में ही इसे साबित कर दिया। 17 वर्षीय इस सलामी बल्लेबाज़ ने रिकॉर्डतोड़ 96 रन की पारी खेली, जिसकी बदौलत भारत इंग्लैंड से टेस्ट मैच में कहीं आगे था। लेकिन दिन के अंतिम घंटे में इंग्लैंड ने भारत के 5 विकेट लेकर मैच में अपनी वापसी कर ली। इससे पहले इंग्लैंड ने अपनी पारी 396 रन के बड़े स्कोर पर घोषित की थी और उसके 9 विकेट गिरे थे।
शेफ़ाली और मांधना ने पहले विकेट के लिए 167 रन की साझेदारी की, जो कि भारतीय टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सबसे बड़ी ओपनिंग साझेदारी है। लेकिन 16 रनों के अंतराल में 5 विकेट गंवाने के कारण भारत का स्कोर दिन के अंत तक 187/5 हो गया। टीम इंडिया अभी भी इंग्लैंड की टीम से 209 रन पीछे है।
धीमी पिच पर इंग्लैंड सिर्फ एक विशेषज्ञ स्पिनर सोफ़ी एकलस्टन के साथ खेल रही थी। इसलिए दोनों सलामी बल्लेबाज़ों के आउट होने के बाद कप्तान हेदर नाइट ने अपने आप को खुद गेंदबाज़ी पर लगाया और अपनी पार्ट टाइम ऑफ़ स्पिन गेंदबाज़ी से उन्होंने 6 ओवर के स्पेल में 5 मेडन डालने के साथ सिर्फ एक रन देकर दो महत्वपूर्ण विकेट झटके और भारत के मध्यक्रम को झंकझोर के रख दिया।
वर्मा उस समय महज़ सात महीने की रही होंगी जब कैथरीन ब्रंट ने अपना टेस्ट डेब्यू किया था और जब भारत ने अपना आखिरी टेस्ट मैच खेला था तो वह सिर्फ 10 साल की थीं। लेकिन 2019 में साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ टेस्ट डेब्यू के बाद लगता है कि वह सब रिकॉर्ड अपने नाम करना चाहती हैं। उन्होंने दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ हुए तीन मैचों की टी20 सीरीज़ में क्रमशः 23, 47 और 60 के स्कोर किए थे। उन्होंने इस मैच में भी अपने उस फ़ॉर्म को बरकरार रखा।
टेस्ट मैच के पहले दिन स्लिप और शॉर्ट लेग पर फिल्डिंग के दौरान असहज दिखने वाली शेफ़ाली ने दिन के दूसरे हिस्से में अपने इस डर का दूर किया था, जब उन्होंने खतरनाक दिख रहीं इंग्लिश ओपनर टैमी बोमॉन्ट (66 रन) को शॉर्ट लेग पर एक बेहतरीन कैच लपक कर चलता किया। वहीं दूसरे दिन इंग्लैंड के टेस्ट इतिहास के छठे सबसे बड़े स्कोर (396 रन) के दबाव में आए बिना उन्होंने बेहद ही परिपक्वता, संयम और सूझबूझ से बल्लेबाज़ी की।
वह अपने शतक से भले ही सिर्फ एक बॉउंड्री दूर रह गईं लेकिन उनकी पारी में 13 चौके और दो छक्के शुमार थे। यह भारतीय महिला टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में बस पहला मौका था, जब किसी बल्लेबाज़ ने दो छक्के लगाए। वास्तव में भारत की ओर से टेस्ट क्रिकेट में अभी तक सिर्फ एक छक्का लगा था, जिसे एक और सलामी बल्लेबाज़ तिरुष कामिनी ने 2014 में दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ लगाया था।
उन्होंने अपनी इस बेहतरीन पारी से ना सिर्फ मैदान के दर्शकों बल्कि दुनिया भर में टीवी से चिपके दर्शकों का मनोरंजन किया। उन्होंने पहले सीवर पर तीन चौके जड़े और फिर इसी ही गेंदबाज़ को लांग ऑफ के ऊपर से एक छक्का लगाया। चाय के बाद लेफ़्ट आर्म स्पिनर सोफ़ी एकलस्टन को निशाना बनाते हुए पहले मिडविकेट पर चौका लगाकर अर्धशतक पूरा किया और फिर लांग ऑन के ऊपर एक बेहतरीन छक्का जड़ा।
76 के स्कोर पर पहुंचने के बाद ही शेफ़ाली डेब्यू मैच में सर्वाधिक रन बनाने वाली भारतीय महिला बल्लेबाज़ बन गई। उन्होंने 1995 में न्यूज़ीलैंड के विरूद्ध बनाए गए चंद्रकांता कौल के 75 रन का रिकॉर्ड तोड़ा। हालांकि वह दुर्भाग्यशाली रहीं और अपने मेडन शतक से बस चार रन से चूक गईं।
ऐसा नहीं है कि शेफ़ाली ने सिर्फ बड़े शॉट खेलें। उन्होंने कुछ लेट कट, ड्राइव, पुल और फ्लिक शॉट भी खेलें। 90 के स्कोर के बाद उन्होंने केटी क्रॉस की एक गेंद को लेट कट कर थर्डमैन बॉउंड्री तक पहुंचाया, लेकिन तीन गेंद के बाद एक बड़ा शॉट खेलने के चक्कर में वह आन्या श्रबसोल के हाथों मिड ऑफ़ पर लपकी गईं। इस पारी के दौरान महिला टेस्ट में डेब्यू करते हुए शेफ़ाली अर्धशतक बनाने वाली सबसे कम उम्र की सलामी बल्लेबाज़ बनीं और उनके सामने खेल रही मांधना का ही रिकॉर्ड तोड़ा।
दूसरी तरफ से मांधना अपने अंदाज में ही बहुत सहज तरीके से खेल रही थीं। उन्होंने 78 रन की पारी के दौरान 14 चौके जड़े। ब्रंट की एक छोटी गेंद को डीप बैकवर्ड स्क्वेयर और फाइन लेग के बीच में पुल करके उन्होंने अपना अर्धशतक पूरा किया। हालांकि उन्हें अपनी इस पारी के दौरान कई जीवनदान भी मिले।
23 रन के स्कोर पर केटी क्रॉस ने अपने फॉलो थ्रू में ही उनका एक कठिन कैच छोड़ा और फिर 41 रन के स्कोर पर कैथरीन ब्रंट के गेंद पर विकेटकीपर एमी जोंस ने एक बाहरी किनारे का कैच छोड़ा। इसके बाद 51 के स्कोर पर आन्या श्रबसोल की फुलटॉस गेंद पर कवर के क्षेत्र में सोफ़िया डंकली ने एक और आसान कैच छोड़ा। लेकिन 78 के स्कोर पर वह सीवर की गेंद पर मिड ऑन पर ब्रंट के हाथों लपकी गईं।
दोनों सलामी बल्लेबाज़ों के आउट होने के बाद चौथे नंबर पर बल्लेबाज़ी करने नाइट वाचमैन शिखा पांडे आई थी और उनका प्रमुख काम था विकेट को दिन के अंत तक बचाए रखना। लेकिन वह कप्तान हीदर नाइट की गेंद पर उन्हीं को कैच दे बैठीं। कप्तान मिताली राज आईं और वह लेफ्ट आर्म स्पिनर एकलस्टन की गेंद पर शॉर्ट लेग पर टैमी बोमॉन्ट के हाथों सिर्फ दो रन के निजी स्कोर पर लपकी गई। टीम इंडिया की भरोसेमंद बल्लेबाज़ मानी जा रहीं और अच्छे फॉर्म में चल रहीं पूनम राउत भी दो के स्कोर पर कप्तान नाइट का शिकार हुईं।
इससे पहले सोफ़िया डंकली ने कल के 269 रन पर 6 विकेट के स्कोर को आगे बढ़ाते हुए नाबाद 74 रन की पारी खेली और टीम के स्कोर को 396 तक पहुंचाने में एक अहम भूमिका निभाई। बादलों की लुका-छिपी और बारिश की भविष्यवाणी के बीच दिन की 12वीं गेंद पर झूलन गोस्वामी ने ब्रंट को पगबाधा आउट कर भारत के लिए अच्छी शुरूआत दी।
वहीं दूसरी छोर पर डंकली बेहतरीन फॉर्म में नज़र आ रही थीं। 12 रन से शुरूआत करते हुए उन्होंने गोस्वामी को तीन गेंदों पर दो चौके जड़े। दीप्ति शर्मा ने अपनी ही गेंद पर उनका आसान कैच छोड़ा, जब वह 27 रन पर थीं। इसके बाद उन्होंने एकलस्टन के साथ 50 रन की साझेदारी की और अपना अर्धशतक भी पूरा किया। 46 के स्कोर पर उन्हें एक जीवनदान और मिला, जब अंपायर के द्वारा पगबाधा आउट देने के बाद उन्होंने डीआरएस लिया, जिससे पता चला कि गेंद लेग स्टंप को मिस कर रही थी।
एकलस्टन को भी इसी तरह का एक जीवनदान मिला, जब डीआरएस ने एक पगबाधा के निर्णय को पलट दिया। लेकिन दो गेंद के बाद ही वह 17 रन के स्कोर पर दीप्ति शर्मा की गेंद पर शिखा पांडे को मिड ऑन पर कैच दे बैठीं। यह शर्मा का तीसरा विकेट था।
इसके बाद सोफ़िया डंकली का साथ देने आईं आन्या श्रबसोल ने आतिशबाज़ी भरी बल्लेबाज़ी की। उन्होंने सिर्फ 33 गेंदों में 6 चौके और एक छक्के की मदद से 47 रन की ताबड़तोड़ पारी खेली। लंच के बाद 16 से 47 रन के स्कोर तक पहुंचने के लिए उन्होंने सिर्फ 14 गेंद लिए। पारी की सबसे सफल गेंदबाज़ स्नेह राणा ने उन्हें बोल्ड कर इस मनोरंजक पारी का अंत किया। इसके बाद कप्तान हेदर नाइट ने पारी घोषित कर दी। दूसरे छोर पर उस समय डेब्यू कर रहीं सोफ़िया डंकली 74 रन बनाकर खड़ी थीं।

वैल्केरी बेंस ESPNcricinfo में जनरल एडिटर हैं। हिंदी अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर दया सागर ने किया है।