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अविष्का फ़र्नांडो, भानुका राजापक्षा और फिरकी गेंदबाज़ों ने श्रीलंका को दिलाए बहुमूल्य सुपर लीग अंक

बारिश से प्रभावित हुए मैच में एक समय 157 पर 3 विकेट की स्थिति से भारत 225 रनों पर ऑल-आउट हो गया

Akila Dananjaya found purchase with his offbreaks and legbreaks, Sri Lanka vs India, 3rd ODI, Colombo, July 23, 2021

टीम में वापसी कर रहे अकिला धनंजय ने अपनी फिरकी का जादू बिखेरा  •  AFP/Getty Images

श्रीलंका 227 पर 7 (फ़र्नांडो 76, राजापक्षा 65, चाहर 3-54 साकरिया 2-34) ने भारत 225 ऑल-आउट (शॉ 49, अकिला धनंजय 3-44, जयाविक्रमा 3-59) को तीन विकेटों से हराया [47 ओवरों का मैच]
श्रीलंका के स्पिनरों ने बारिश के लंबे अंतराल के बाद 38 रनों के भीतर पांच विकेट लेकर भारत के मध्य क्रम की कमर तोड़ दी। फिर 47 ओवरों में 227 रनों का पीछा करते हुए सलामी बल्लेबाज़ अविष्का फ़र्नांडो ने 98 गेंदों में 76 रन बनाकर श्रीलंका को जीत के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया। मध्य-क्रम में श्रीलंका ने कुछ विकेट ज़रूर गंवाए लेकिन 109 रन की दूसरी विकेट की साझेदारी ने अंततः मेज़बान टीम को इस वर्ष की अपनी दूसरी वनडे जीत दिलाई। तीन विकेट और 48 गेंद शेष रहते श्रीलंका ने जीत हासिल की। इस जीत के साथ श्रीलंका ने 10 मूल्यवान वनडे सुपर लीग अंक अर्जित किए। वे प्वाइंट्स टेबल पर 11वें स्थान पर आ गए हैं। केवल पहली सात टीमों को ही क्वालिफ़िकेशन प्राप्त होती है।
पांच खिलाड़ियों को अपना वनडे डेब्यू करने का मौका देने वाली टीम इंडिया ने मंगलवार को सीरीज़ जीताने वाली टीम में कुल 6 बदलाव किए। पिछले दो मैचों की तुलना में आज भारत ने ज़्यादा गलतियां की। गुच्छे में अपने विकेट गंवाने के अलावा टीम ने ठीक से अपने रिव्यू का इस्तेमाल नहीं किया। और तो और टीम ने कई कैच भी छोड़े। पृथ्वी शॉ और संजू सैमसन के बीच 74 रनों की एक बढ़िया साझेदारी हुई लेकिन बल्लेबाज़ी के लिए अनुकूल परिस्थितियों में टीम का एक भी बल्लेबाज़ अर्धशतक नहीं लगा पाया।
भारत के लगभग तीसरे दर्जे के गेंदबाज़ी क्रम में अनुभव की कमी साफ नज़र आई। आज टीम की गेंदबाज़ी में पिछले मैचों की तरह पैनापन बिल्कुल नहीं था जो युज़वेंद्र चहल और दीपक चाहर इस टीम को प्रदान कर रहे थे। हालांकि राहुल चाहर की फिरकी ने स्पेल के अंत में बल्लेबाज़ों के लिए कुछ समस्याएं पैदा की, वह इस लक्ष्य का बचाव करने के लिए पहली गेंद से संघर्ष कर रहे थे।
मेज़बान टीम के लिए यह जीत दर्ज करना अपने बाएं हाथ का खेल कतई नहीं था। जीत को अंजाम देने की ज़िम्मेदारी नंबर 7 पर आए रमेश मेंडिस और नंबर 9 के बल्लेबाज़ अकिला धनंजय के कंधों पर आ पहुंची थी। अगर शिखर धवन 32 रन पर राजापक्षा का मुश्किल कैच लपक लेते या फिर स्लिप में शॉ पहली गेंद पर रमेश का कैच ना टपकाते, तो श्रीलंका के खेमे में दहशत का माहौल बन जाता।
पहली पारी में बारिश के आगमन से पहले भारत 300 रन के स्कोर की तरफ आसानी से आगे बढ़ रहा था। 23 ओवरों के बाद 3 विकेट के नुक्सान पर टीम ने 147 रन बना लिए थे। एक छोर पर सूर्यकुमार यादव अपना अच्छा फ़ॉर्म जारी रखे हुए थे और दूसरे छोर पर मनीष पांडे उनका बख़ूबी साथ निभा रहे थे। लेकिन लगभग डेढ़ घंटे के अंतराल के बाद जब मैच दोबारा शुरू हुआ तो श्रीलंका के फिरकी गेंदबाज़ कुछ ज़्यादा ही खतरनाक नज़र आए। 25वें ओवर में प्रवीण जयाविक्रमा की गेंद पर पांडे विकेटकीपर के पास कैच आउट हुए और फिर 29वें ओवर में हार्दिक पंड्या एक रिव्यू ज़ाया करने के बाद पगबाधा हुए।
इसके बाद बारी थी अकिला धनंजय की। उनको अपनी ऑफ-स्पिन और लेग-स्पिन गेंदों पर बढ़िया घुमाव मिल रहा था। उन्होंने पहले यादव को 40 रन के स्कोर पर एलबीडब्ल्यू आउट किया और फिर एक सीधी फुल टॉस गेंद पर के गौतम को उसी अंदाज़ में चलता किया। जब राणा उनकी गेंद पर कीपर को एक आसान कैच थमाकर वापस गए, तब भारत का स्कोर आठ विकेट के नुक्सान पर 195 रन ही था। दोनों स्पिन गेंदबाज़ों ने तीन-तीन विकेट चटकाए। धनंजय ने अपने अंतिम पांच ओवर में केवल 14 रन खर्च किए। चमिका करुणारत्ना और दुश्मांता चमीरा ने अपनी शॉर्ट गेंदों से भारत के निचले क्रम को परेशान किया और पूरी टीम 44वें ओवर में ऑल-आउट हो गई।
डकवर्थ-लुइस-स्टर्न प्रणाली के अनुसार 227 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी श्रीलंकाई टीम ने छठे ओवर में मिनोद भानुका का विकेट खो दिया। उनके जोड़ीदार फ़र्नांडो ने संयम के साथ बल्लेबाज़ी की और केवल खराब गेंदों पर आक्रमण करते हुए बहुत कम जोखिम उठाए। भानुका राजापक्षा खतरनाक अंदाज़ में बल्लेबाज़ी कर रहे थे, हार्दिक पंड्या की गेंद ने बल्ले का अंदरूनी किनारा ले लिया था पर वह कीपर को छकाती हुए सीमा रेखा के पार चली गई। इन सबके बीच उन्होंने लाजवाब टाइमिंग के साथ कुछ शानदार चौके लगाए। साथ ही वह स्पिनरों के सामने अपने कदमों का बख़ूबी इस्तेमाल भी कर रहे थे।
एक छोर पर आक्रामक बल्लेबाज़ी कर रहे राजापक्षा के साथ फ़र्नांडो ने दूसरे छोर पर एक-एक, दो-दो रनों के साथ खेल को चलाया। 53 गेंदों पर उन्होंने इस सीरीज़ में अपना दूसरा अर्धशतक पूरा किया। 20वें ओवर में राहुल चाहर की गेंद को रिवर्स स्वीप के सहारे सीमा रेखा पार भेजकर राजापक्षा ने अपने वनडे करियर का पहला अर्धशतक लगाया। वह कुछ ही देर बाद साकरिया की गेंद पर फ़ाइन लेग क्षेत्र में कैच आउट हो गए लेकिन टीम की जीत में एक अहम योगदान देने के बाद।
इस मैच में एकमात्र अन्य बड़ी साझेदारी सैमसन और शॉ के बीच थी। पावरप्ले में धवन के आउट होने के बाद भी भारत ने 66 रन बना लिए थे। मध्य ओवरों में शुरुआत से ही यह जोड़ी विपक्षी फिरकी गेंदबाज़ों पर दबाव बढ़ाने के लिए आक्रमण कर रही थी। शॉ ने जयाविक्रमा के तीसरे ओवर में चार गेंदों पर तीन चौके जड़ दिए। पर दोनों बल्लेबाज़ों की आक्रामकता ही उनके विकेट के पीछे का कारण बनी। दसून शनका के ख़िलाफ़ लेग साइड पर ग्लांस करने में चूक जाने के बाद शॉ को 49 रन के निजी स्कोर पर पगबाधा होकर पवेलियन वापस जाना पड़ा। सैमसन जयाविक्रमा की गेंद को चहलकदमी कर एक्स्ट्रा कवर के ऊपर से मारने के प्रयास में 46 रनों के स्कोर पर कवर क्षेत्र में कैच आउट हो गए।

ऐंड्रयू फ़िडेल फर्नांडो (@afidelf) ESPNcricinfo के श्रीलंकाई संवाददाता हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब-एडिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।