ऑस्ट्रेलिया 86 पर 1 (मैकस्वीनी 38*, लाबुशेन 20*, बुमराह 13 पर 1) भारत 180 (रेड्डी 42, राहुल 37, गिल 31, स्टार्क 48 पर 6) से 94 रन पीछे
एडिलेड में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले जा रहे
पिंक बॉल टेस्ट का पहला दिन
मिचेल स्टार्क और ऑस्ट्रेलिया के नाम रहा। स्टार्क ने टेस्ट में पहली बार भारत के ख़िलाफ़ पंजा खोला और मेहमान टीम
नीतीश कुमार रेड्डी की 42 रनों की उपयोगी पारी की बदौलत महज़ 180 रन तक पहुंच पाई। स्टार्क ने कुल छह विकेट चटकाए और पिंक बॉल टेस्ट में यह उनका चौथा पंजा भी है।
भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी का फ़ैसला किया था लेकिन स्टार्क ने मैच की पहली ही गेंद पर यशस्वी जायसवाल को अपना शिकार बना लिया। जायसवाल के बाद
शुभमन गिल और
केएल राहुल ने भारतीय पारी को संभालना शुरू किया। हालांकि 18 गेंद खेल चुके राहुल का जब खाता भी नहीं खुला था, तब वह स्कॉट बोलैंड की पहली गेंद पर ही कीपर के हाथों लपके गए थे लेकिन नो बॉल होने के चलते राहुल बाल-बाल बच गए। लेकिन स्टार्क ने राहुल को 37 के निजी स्कोर पर आउट कर दिया जबकि बोलैंड ने भी गिल को 31 के निजी स्कोर पर पवेलियन चलता कर दिया।
रोहित शर्मा ने मध्य क्रम में खेलने का फ़ैसला किया था और उन्होंने
ऋषभ पंत को ख़ुद से ऊपर भेजा था। पंत ने दो चौके भी जड़े लेकिन बोलैंड की शॉर्ट पिच गेंद पर वह नियंत्रण में नहीं रह पाए। वहीं पिछले मैच में शतक जड़ने वाले विराट कोहली भी कुछ ख़ास नहीं कर पाए सात के निजी स्कोर पर कमिंस का शिकार बन गए। राहुल, पंत और कोहली तीनों ही उछाल को भांप नहीं पाने के चलते आउट हुए। कप्तान रोहित भी 23 गेंद खेलने के बाद तीन के निजी स्कोर पर बोलैंड की अंदर आती गेंद को समझ नहीं पाए और पगबाधा हो गए।
109 के स्कोर पर पंत का विकेट गिरा था और अब ज़िम्मेदारी रेड्डी और वॉशिंगटन सुंदर की जगह एकादश में शामिल किए गए आर अश्विन पर थी। आर अश्विन ने शुरुआत अच्छी की थी और वह तीन चौके के साथ 100 से अधिक के स्ट्राइक रेट से भी खेल रहे थे। हालांकि 22 के निजी स्कोर पर वह स्टार्क का शिकार बन गए।
रेड्डी लेकिन रुकने को तैयार नहीं थे और उन्होंने बोलैंड की गेंद पर स्विच करते हुए थर्ड के ऊपर से छक्का मारा था। रेड्डी ने कुल तीन चौके और तीन छक्के जड़े लेकिन लगातार लग रहे झटकों के बीच वह स्टार्क का शिकार बनकर भारत के अंतिम विकेट के रूप में आउट हुए। राहुल और गिल के बीच दूसरे विकेट के लिए 69 रनों की साझेदारी और रेड्डी की पारी के चलते भारत 180 के स्कोर तक पहुंच पाया।
ऑस्ट्रेलियाई पारी की शुरुआत सधी हुई थी। हालांकि जसप्रीत बुमराह ने उस्मान ख्वाजा के रूप में भारत को पहली सफलता भी दिला दी थी लेकिन इसके बाद
मार्नस लाबुशेन और
नेथन मैकस्वीनी दिन के अंत तक टिके रहे। हालांकि मैकस्वीनी दो बार आउट होने से भी बचे थे।
मैकस्वीनी जब 31 के स्कोर पर थे तब हर्षित राणा की गेंद पर एलबीडब्ल्यू की अपील को अंपायर ने नकारा था और भारतीय टीम ने रिव्यू भी लिया था जोकि बेकार चला गया। मैकस्वीनी जब सिर्फ़ तीन के स्कोर पर थे तब बुमराह के ओवर में गेंद कीपर और स्लिप में खड़े रोहित के बीच में गई थी लेकिन पंत कैच लपकने के क्रम में गेंद तक पहुंच नहीं पाए और गेंद उनके दस्ताने पर लगकर रोहित के हथेली पर लगकर छिटक गई। कैच मुख्य तौर पर रोहित का ही था लेकिन पंत का वेट उनके बाएं पैर पर होने के चलते वह भी गेंद तक समय रहते पहुंच नहीं पाए।
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में बुमराह की गेंद पर विकेट कीपर ने कुल नौ कैच ड्रॉप किए हैं, जिसमें पंत ने आठ कैच टपकाए हैं। पंत द्वारा बुमराह की गेंद पर टपकाए आठ कैच उनके द्वारा किसी एक तेज़ गेंदबाज़ के ख़िलाफ़ टपकाए गए सर्वाधिक कैच हैं। पंत ने 122 कैच लपके हैं और कुल 10 कैच छोड़े हैं।