अंडर 19 महिला विश्व कप : वेस्टइंडीज़ को करारी शिकस्त देकर भारत का जीत से विश्व कप का आग़ाज़
भारतीय गेंदबाज़ों ने वेस्टइंडीज़ को महज़ 44 के स्कोर पर समेट दिया और नौ विकेट के बड़े अंतर से जीत हासिल कर ली
ESPNcricinfo स्टाफ़
19-Jan-2025
बाएं हाथ की स्पिनर Parunika Sisodia ने सात रन देकर तीन विकेट चटकाए • ICC/Getty Images
गतविजेता भारत ने महिला अंडर-19 T20 विश्व कप में अपने अभियान का आग़ाज़ वेस्टइंडीज़ को नौ विकेट के बड़े अंतर से हराकर किया है। इतना ही नहीं भारतीय गेंदबाज़ों ने वेस्टइंडीज़ को महज़ 44 के स्कोर पर समेट भी दिया जिसके चलते भारतीय बल्लेबाज़ों को जीत के लिए मशक्कत नहीं करनी पड़ी।
दिन के दूसरे मैच में भारत ने टॉस जीतकर गेंदबाज़ी का फ़ैसला किया था और भारतीय गेंदबाज़ों ने स्विंग और स्पिन से वेस्टइंडीज़ की बल्लेबज़ों पर दबाव बनाकर पहले गेंदबाज़ी के फ़ैसले को सही साबित किया।
तेज़ गेंदबाज़ वीजे जोशिता ने एक ही ओवर में दो विकेट झटके जबकि बाएं हाथ की स्पिन जोड़ी आयुषी शुक्ला और पारुनिका सिसोदिया ने लगातार दो ओवर के अंतराल पर दो विकेट झटकर 5.1 ओवर में वेस्टइंडीज़ का स्कोर 17 पर 4 विकेट कर दिया। इसके बाद तीन रनआउट ने वेस्टइंडीज़ की परेशानी को और बढ़ा दिया और अब वेस्टइंडीज़ 39 के स्कोर पर अपने सात विकेट गंवा चुका था।
इसके बाद सिसोदिया और शुक्ला ने मिलकर वेस्टइंडीज़ को 44 के स्कोर पर ढेर कर दिया। सिसोदिया ने सात रन देकर तीन विकेट झटके जबकि जोशिता और शुक्ला को दो-दो विकेट हासिल हुए।
रन चेज़ में भारत ने सिर्फ़ जी तृषा का ही विकेट गंवाया, वह चार के निजी स्कोर पर पवेलियन लौट गईं। लेकिन जी कमालिनी और सनिका चलके ने मिलकर पांचवें ओवर की दूसरी गेंद पर ही भारत को लक्ष्य तक पहुंचा दिया।
दिन के पहले मैच में मेज़बान मलेशिया की टीम भी श्रीलंका के सामने सिर्फ़ 23 रन पर ढेर हो गई। महिला T20 अंडर-19 विश्व कप में मलेशिया पहली बार हिस्सा ले रहा है और उनका पहला मैच भूलने योग्य रहा। श्रीलंका ने मलेशिया को 139 रनों के बड़े अंतर से हराया और श्रीलंका की इस जीत में संजना कविंदी (13 गेंद पर 30 रन) और देहामी सनेतमा (52 गेंद पर 55 रन) ने अहम भूमिका निभाई। श्रीलंका को पहले बल्लेबाज़ी के लिए आमंत्रित किया गया और उन्होंने 20 ओवर में स्कोरबोर्ड पर 162 रन जोड़े थे।
जवाब में मलेशिया की टीम 14.2 ओवर तक ही बल्लेबाज़ी कर पाई। मलेशिया की एक भी बल्लेबाज़ दहाई के अंक तक नहीं पहुंच पाई जबकि छह बल्लेबाज़ अपना खाता तक नहीं खोल पाईं।