विकेट का जश्न मनातीं भारतीय स्पिनर दीप्ति शर्मा • Getty Images
भारत 148 पर 4 (वर्मा 48, कौर 31) ने इंग्लैंड 140 पर 8 (बोमॉन्ट 59, नाइट 30, पूनम 2-17, शर्मा 1-18) को आठ रन से हराया
लक्ष्य का पीछा करते हुए अंत में गिरे लगातार विकेटों ने इंग्लैंड की टीम को होव में हुए दूसरे टी20 अंतर्राष्ट्रीय के एक रोमांचक हुए मैच में भारत के हाथों आठ रनों से शिकस्त को मजबूर कर दिया।
इंग्लैंड ने 5.4 ओवर के अंदर ही अपने छह विकेट गंवा दिए जिसमें तीन रन आउट शामिल थे। यही मौका रहा जब भारतीय टीम ने मल्टी फॉर्मेट सीरीज में वापसी कर ली। अब इस जीत को हासिल करते हुए भारतीय टीम ने अपनी उम्मीदें इस सीरीज को बराबरी पर रखने में बनाए रखी हैं, जहां चेम्सफॉर्ड में गुरुवार को होने वाला आखिरी टी20 अंतर्राष्ट्रीय मुकाबला दोनों टीम के लिए महत्वपूर्ण है, अगर भारतय टीम यह मुकाबला जीत जाती है तो उनके पास 8-8 से इस मल्टी फॉर्मेट सीरीज को बराबरी पर छुड़ाने का मौका होगा।
टैमी बोमॉन्ट और कप्तान हेदर नाइट हर मैच की ही तरह इस मैच में भी अपनी टीम को जीत दिलाती नजर आ रही थीं, लेकिन जैसे ही ये दोनों आउट हुईं, इसमें नाइट का रन आउट विवादास्पद हो सकता है। इस अहम विकेट के बाद तो पूनम यादव को एमी जोंस या कैथरीन ब्रंट का विकेट झटकने में किसी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़ा।
भारतीय टीम की ओर से शेफाली वर्मा सबसे बेहतरीन स्कोरर रही, जिन्होंने न सिर्फ 48 रनों की पारी खेली, बल्कि स्मृति मांधना के साथ मिलकर पहले विकेट के लिए 53 गेंद में 70 रनों की अहम साझेदारी भी की। यह इस भारतीय टीम की इंग्लैंड की सरजमीं पर टी20 क्रिकेट में पहले विकेट के लिए पहली बार 50 रनों की साझेदारी भी थी। इससे पहले 12 पारियों के अंदर इनकी सर्वश्रेष्ठ पहले विकेट के लिए साझेदारी 27 रन की थी।
दोनों ही ओपनरों ने पारी की शुरुआत में अच्छा जज्बा दिखाया और यह मांधना थी जो वर्मा के साथ सपोर्टिंग रोल निभा रहीं थीं। वर्मा तो रविवार को शानदार लय में थी, जिन्होंने 38 गेंद में 48 रन की पारी खेली। इस बीच मांधना 16 गेंद में 20 रन ही बना सकी थीं। जिस समय दोनों की जोड़ी खतरनाक साबित होती दिख रही थी, उस वक्त मैडी विलियर्स ने मांधना का विकेट लेकर इस अहम साझेदारी को तोड़ दिया।
वर्मा की ताबड़तोड़ पारी
कैथरीन ब्रंट ने अपने दूसरे ओवर में मात्र 11 रन दिए जब दोनों ही ओपनिंग बल्लेबाज ने थर्ड मैन की दिशा में चौके निकाले। हालांकि, इससे अगला ही ओवर इंग्लैंड की सुपर आउट स्विंग गेंदबाज को भारी पड़ गया, जब युवा शेफाली ने उनकी पांच गेंद पर लगातार पांच चौके जड़ दिए। कुछ मिडविकेट की ओर थे, तो कुछ बैकवर्ड प्वाइंट की ओर कलाईयों का बेहतरीन इस्तेमाल करते हुए थे और अंत में यानि पांचवां चौका तो साइट स्क्रीन की ओर था, जिसे कभी भी निहारा जा सकता है।
नैट सीवर उन्हें इस आक्रामक शैली के दो गेंद बाद ही पवेलियन भेज सकती थीं, लेकिन उन्होंने अपनी ही गेंद पर शेफाली का मुश्किल कैच टपका दिया। ऐसा ही कुछ मौका सोफी एकलस्टन के पास भी आया, वह कैच लेने के लिए अच्छे स्थान पर भी थीं, लेकिन उन्होंने भी शेफाली का कैच टपका दिया था। इसके बाद शेफाली अपनी पारी में नौ रन और जोड़ने में कामयाब हो गईं।
मैडी ने आखिरकार करके दिखाया
स्मृति को अगर फ्रेया डेविस ने पवेलियन भेजा तो कुछ देर बाद मैडी विलियर्स ने भी शेफाली को अपना अर्धशतक पूरा करने से रोक दिया। विलियर्स ने अपने पहले ओवर में मात्र एक रन दिया और कुल दो ओवर करने में उन्होंने मात्र नौ रन देकर एक विकेट लिया।
बायें हाथ की स्पिनर एकलस्टन ने भी अहम भूमिका निभाई और अपने पहले ओवर में मात्र 11 रन दिए। उन्होंने पावरप्ले में मेडन ओवर करके दिखाया और अपने आखिरी दो ओवर में मात्र 11 रन खर्च किए। यह भारतीय टीम की पारी के 17वां और 20वां ओवर रहा, जिसकी वजह से मेहमान टीम एक बड़ा स्कोर नहीं खड़ा कर सकी।
घोष का कमाल या बचकाना हरकत?
शेफाली की ही 17 वर्षीय साथी ऋचा घोष की जितनी तारीफ की जाए कम होगी। एक गेंद पहले सीवर की गेंद पर उन्होंने छक्का लगाया। इससे अगली गेंद पर वह पवेलियन लौट गई होती अगर कवर प्वाइंट पर तैनात सोफिया डंकली ने यह मौका गंवा दिया, लेकिन सीवर ने अपनी ही गेंद पर घोष का कैच लेकर उन्हें पवेलियन भेज दिया, वह मात्र आठ रन बना सकीं।
इंग्लैंड की पारी के दौरान अरुंधति रेड्डी की गेंद पर शफल करके मारने के प्रयास ने डैनी वायट को पवेलियन भेज दिया और नैट सीवर की क्रीज पर एंट्री करा दी। शिखा पांडे ने जब बोमॉन्ट को वाइड गेंद की और घोष ने विकेट के पीछे गेंद छोड़ दी, यहीं से घोष सितारा बनकर उभरी, क्योंकि रन लेने के प्रयास में घोष ने सीवर को विकेट पर डायरेक्ट थ्रो करके पवेलियन भेज दिया। सीवर मात्र एक रन पर पवेलियन में थीं।
बोमॉन्ट का संघर्ष
बोमॉन्ट लेकिन हार नहीं मानने वाली थीं, उन्होंने 39 गेंद में अपना नौवां टी20 अंतर्राष्ट्रीय अर्धशतक पूरा किया। वह 50 गेंद में 59 रन बनाकर लौटीं। यह ऐसी पारी थी जब मेजबान टीम ने 31 रन के अंदर दो विकेट गंवा दिए थे। भारत के खिलाफ मल्टी फार्मेट सीरीज के अंदर यह उनका पहला अर्धशतक था। इससे पहले पिछले दो वनडे मे उन्होंने 10, 0 रन बनाए और पहले टी20 में 18 रन।
इस मौके पर बोमॉन्ट ने ऐसी पारी खेली, जिसकी उनकी टीम को जरूरत थी। उन्होंने सात चौके लगाए और नाइट के साथ 65 गेंद में 75 रन जोड़े। इस बीच 14वें ओवर में दीप्ति आईं और उनके ओवर में वह एलबीडब्ल्यू के लिए भारत के रिव्यू में बच भी गई, रिप्ले में दिखा कि गेंद ऑफ स्टंप के बाहर पिच हुई थी, लेकिन दो गेंद बाद बोमॉन्ट अपने खिलाफ एलबीडब्ल्यू के फैसले को रिव्यू लेकर बदल नहीं सकीं। वह दीप्ति की गेंद पर स्वीप लगाने के प्रयास में पवेलियन लौटी। हालांकि जिस तरह की इंग्लैंड के बल्लेबाजी क्रम में गहराई थी, उससे मेजबान टीम को इस विकेट से फर्क नहीं पड़ना चाहिए था।
पेचीदा तरीके से आउट हुई नाइट
भारतीय टीम को एक और विकेट लेने में देर नहीं हुई तब इंग्लैंड को 38 गेंद में 43 रन की दरकार थी। एमी जोंस मिडऑन की ओर दीप्ति की गेंद को धकेलना चाहती थीं, लेकिन दीप्ति अपने दायीं ओर गेंद को लपकने को गिरी और नाइट के पैरो में जा गिरी, नाइट उस वक्त क्रीज के बाहर थी और दीप्ति के शरीर से उचटकर गेंद विकेट पर जा लगी। नाइट ने क्रीज पर लौटने की कोशिश की लेकिन उनके आगे दीप्ति थी। अंपायर का मानना था कि दीप्ति ने जानबूझकर ऐसी कोशिश नहीं की थी, जिसे नाइट ने पोस्ट मैच पत्रकार वार्ता में भी माना।
इसके बाद पहले डंकली रन आउट हुई और पूनम की गेंद पर जोंस, राणा को कैच थमाकर पवेलियन लौट गई। पूनम ने अपने अगले ओवर में ब्रंट को भी पवेलियन भेज दिया। वहीं विलियर्स को हरलीन ने घोष की ओर थ्रो करके रन आउट करा दिया। आखिरी चार गेंदों में इंग्लैंड को 12 रन की दरकार थी और यह साबित करने के लिए काफी हैं कि जीत किसकी हुई होगी।