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'बल्लेबाजी, गेंदबाजी या क्षेत्ररक्षण हो, मुझे दबाव वाली स्थिति में खेलना पसंद है' - दीप्ति शर्मा

दीप्ति के अहम योगदान की बदौलत भारतीय टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ टी20 सीरीज में बराबरी कर ली। ऑलराउंडर ने कहा कि उन्‍होंने स्थिति को पढ़ना और संभालना अच्छे से सीख लिया है

Deepti Sharma celebrates another late England wicket, England vs India, 2nd women's T20I, Hove, July 11, 2021

इंग्लैंड के बल्लेबाज के आउट होने का जश्न मनाती दीप्ति शर्मा  •  Getty Images

इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टी20 में भारत की जीत की नीव रखने वाली दीप्ति शर्मा ने कहा है कि उन्होंने मैच की मुश्किल स्थिति को पढ़ना और संभालना अच्छे से सीख लिया है और उन्हें दबाव भरी स्थिति में खेलना पसंद है।
149 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए इंग्लैंड की टीम टैमी बोमॉन्ट (59) और कप्तान हेदर नाइट (30) के क्रीज पर रहते अच्छी स्थिति में थी लेकिन शर्मा ने दोनों ही बल्लेबाजों को पवेलियन का रास्ता दिखाया। पारी के 14वें ओवर में लगातार दो गेंद पर पहले उन्होंने बोमॉन्ट को एलबीडब्ल्यू कराया और उसके बाद नाइट को एक विचित्र रन आउट करके पवेलियन भेजा और भारत की मैच में वापसी करा दी।
शर्मा ने मैच के बाद पत्रकार वार्ता में कहा कि मुझे दबाव भरी स्थिति में खेलना पसंद आता है, चाहे टीम में कोई भी जगह हो बल्लेबाजी, गेंदबाजी या क्षेत्ररक्षण। एक ऑलराउंडर के नाते मैं अपनी ओर से पूरा योगदान देना चाहती हूं और टीम को आगे ले जाना चाहती हूं। मैं आगे आकर नेतृत्व करना पसंद करती हूं, घरेलू टूर्नामेंट में भी मैं जब एक सीनियर खिलाड़ी के तौर पर खेलती हूं और टीम के लिए मैच जीतती हूं तो यह एक अलग तरह का आत्मविश्वास देता है।
उन्होंने कहा कि जब आप इस तरह का आत्मविश्वास यहां पर पाते हो, क्योंकि यह जगह इतना आसान नहीं है, लेकिन तब यह मायने रखता है कि आप इस स्​स्थिति को कैसे संभालते हैं। अब मैं जानती हूं कि स्थिति को कैसे पढ़ा और संभाला जाए, तो मुझे खेलने में आसानी होती है क्योंकि मुझे पता है मैं चीजों को आसानी से संभाल सकती हूं।
14 ओवर के बाद इंग्लैंड की टीम को 36 गेंद में 43 रन की दरकार थी और उनके हाथ में छह विकेट थे, लेकिन शर्मा की बेहतरीन गेंदबाजी की बदौलत वे मैच हार गईं।
शर्मा ने कहा कि वह अहम ओवर था और बोमॉन्ट का अहम विकेट ​भी मिला। इसी ओवर में हमने पहले बोमॉन्ट के खिलाफ डीआरएस भी लिया था, लेकिन हम अनलकी रहे थे। अगली बार जब मैंने बोमॉन्ट को गेंद की तो वह एलबीडब्ल्यू हो गई, लेकिन इस बार इंग्लैंड ने रिव्यू लिया, लेकिन यह अंपायर कॉल थी और गेंद स्टंप से टकरा रही थी। इससे हमें बहुत आत्मविश्वास मिल गया था। इसके बाद हमने वापसी की और तभी उस रन आउट से हमने मैच अपने पाले में कर लिया था।
23 वर्षीय शर्मा ने बल्लेबाजी में भी 27 गेंद में 24 रन बनाए जिससे भारतीय टीम चार विकेट पर 148 रन तक पहुंच पाई। ओपनर शेफाली वर्मा (38 गेंद में 48 रन) और कप्तान हरमनप्रीत कौर (25 गेंद में 31 रन) ने भी इसमें अपना योगदान दिया।
शर्मा ने कहा कि जब मैं बल्लेबाजी कर रही थी तो मेरी कोशिश साझेदारी बनाने पर थी, साथ ही मैं प्रति ओवर छह से सात रन की ओर देख रही थी। यह हमारा माइंडसेट था लेकिन हम उतना स्कोर नहीं बना सके जितना देख रहे थे। हमें अच्छी शुरुआत मिली, हमें लगा हम 160 रन तक पहुंच सकते हैं, 140 रनों का स्कोर भी बुरा नहीं था क्योंकि एक गेंदबाजी दल के तौर पर हम जानते थे कि हम साझेदारी में गेंदबाजी करते हैं और हम एक दूसरे का समर्थन कर रहे थे और हम अपने स्कोर को बचा सकते थे।
होव के काउंटी ग्राउंड में बल्लेबाजी के लिए स्थिति आसान नहीं थी। विकेट पर गेंद थोड़ा रुककर आ रही थी, पिछले मैच में गेंद सही बल्ले पर आ रही थी, लेकिन इस मैच में रुककर आ रही थी, जिससे बल्लेबाजी करना मुश्किल हो गया था।
सीरीज पर 1-1 की बराबरी पर है और भारत को तीसरे और आखिरी टी20 में इंग्लैंड के खिलाफ 14 जुलाई को खेलना है, ​यह इस दौरे पर भारतीय टीम का आखिरी मुकाबला होगा।

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