मौजूदा कप्तान
जयदवे उनादकट पोरबंदर से हैं। इस शहर को इतिहास में महात्मा गांधी के जन्म स्थान के रूप में याद किया जाता है। उनादकट जब क्रिकेट में आए तो वह पुजारा-जाडेजा के कारनामे से प्रेरित थे। विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी जीताकर सौराष्ट्र को भारतीय क्रिकेट के मैप पर स्थापित करने के दो साल बाद पुजारा और उनादकट दोनों ने अपना टेस्ट डेब्यू किया।
पुजारा और जाडेजा का भारत के लिए शानदार करियर रहा है और उनादकट ने सौराष्ट्र में क्रिकेट की क्रांतिकारी अगुआई करते हुए ख़ुद को एक घरेलू दिग्गज के रूप में स्थापित किया है। 2020 में उन्होंने सौराष्ट्र को
पहला रणजी ख़िताब जिताया। उस सीज़न उनादकट ने 67 विकेट चटकाए थे, जो ऑलटाइम रिकॉर्ड से सिर्फ़ एक कम था। यह कई वर्षों की कोशिश और अंतिम बाधा को पार करने में बिखर जाने का परिणाम था, विशेष रूप से मुंबई के ख़िलाफ़ दो बार।
जब लाल गेंद से सफलता हासिल हो गई तो सौराष्ट्र ने अपने सफ़ेद गेंद टेंपलेट को सिरे से सुधारने का फै़सला किया। एक टीम, जिसके पास इस सीज़न की शुरुआत तक फ़ुलटाइम फ़िटनेस ट्रेनर नहीं था, ने वनडे मैच के लिए बेहतर तालमेल बनाने की क़सम खाई। सुरक्षित विकल्प अपनाने वाले खिलाड़ियों को तेज़ खेलने के लिए कहा गया।
जहां टीमें एक तेज़ गेंदबाज़ी ऑलराउंडर के लिए तरसती हैं, वहीं सौराष्ट्र ने दो तेज़ गेंदबाज़ी ऑलराउंडरों
प्रेरक मांकड़ और
चिराग जानी को ढूंढा और उन्हें तराशा। उनादकट ने भी ख़ुद को एक निचले क्रम के उपयोगी हिटर के रूप में स्थापित किया। बीच में उन्होंने 2018 अंडर-19 विश्व कप विजेता टीम के अहम सदस्य विकेटकीपर
हार्विक देसाई को आज़माया। अब फिर से
शेल्डन जैक्सन अपनी भूमिका में आ वापस गए हैं।
सौराष्ट्र सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी (टी20) में बदक़िस्मत रहा, जहां उन्होंने क्वार्टर फ़ाइनल में मुंबई के ख़िलाफ़
आख़िरी ओवर में हार झेलने से पहले ग्रुप चरण में अपना दबदबा बनाया था। यहां 50 ओवर के टूर्नामेंट में सौराष्ट्र ने
क्वार्टरफ़ाइनल और
सेमीफ़ाइनल में सफ़ेद गेंद की दो दिग्गज टीमों तमिलनाडु और कर्नाटका को आसानी से पटखनी दी है।
उनके रास्ते में महाराष्ट्र खड़ा है, जिसे
ऋतुराज गायकवाड़ ने रनों का अंबार लगाकर यहां तक लाया है। महाराष्ट्र की टीम आत्मविश्वास से लबरेज है, उन्हें ग्रुप चरण में मुंबई और बंगाल से कड़ी प्रतिस्पर्धा मिली थी।
जहां सौराष्ट्र के अलग-अलग खिलाड़ियों ने टीम की जीत में योगदान दिया है तो वही महाराष्ट्र लगभग पूरी तरह से ऋतुराज और
अंकित बावने के पावर-पैक शो शीर्ष क्रम पर निर्भर रहा है। बावने ने आठ पारियों में 571 रन ठोके हैं। ऋतुराज ने सिर्फ़ चार मैचों में 552 रन ठोके हैं, जिसमें एक रिकॉर्डतोड़ नाबाद 220 रन की पारी शामिल है, जहां उन्होंने एक ही ओवर में सात छक्के जड़ दिए थे। बावने और ऋतुराज
इस सीज़न सबसे अधिक रन बनाने वालों की सूची में तीसरे और चौथे स्थान पर हैं।
सौराष्ट्र की तरह महाराष्ट्र भी युवा ऑलराउंडर
राजवर्धन हंगारगेकर पर दांव लगा रहा है। 20 वर्षीय हंगारगेकर इस साल अंडर-19 विश्व कप में भारत की ख़िताबी जीत के हीरो में से एक रहे थे। उनके पास अच्छी गति है और निचले क्रम में बड़े शॉट्स लगा सकते हैं। उन्होंने अपनी इन ख़ूबियों को क्वार्टरफ़ाइनल और सेमीफ़ाइनल में दो प्रभावी प्रदर्शनों के साथ दिखाया भी, इससे पहले बंगाल के ख़िलाफ़ ग्रुप मैच में उन्होंने
आख़िरी गेंद पर छक्का जड़कर महाराष्ट्र को जीत दिलाई थी।
शुक्रवार को कोई एक टीम चैंपियन के रूप में उभरेगी। अगर सौराष्ट्र जीतता है तो यह सभी प्रारूपों में ताक़तवर टीम बनने की दिशा में एक और क़दम होगा। यदि महाराष्ट्र जीतता है तो यह अतीत के उनके गौरवशाली दिनों को पुनः प्राप्त करने के एक बड़े लक्ष्य की ओर पहला क़दम होगा।
सौराष्ट्र- जीत, जीत, हार, जीत, जीत
महाराष्ट्र- जीत, जीत, जीत, जीत, जीत
शेल्डन जैक्सन के लिए यह टूर्नांमेंट उनके स्टैंडर्ड के अनुसार निराशाजनक रहा है। नौ पारियों में उन्होंने एक अर्धशतक के साथ कुल 164 रन बनाए हैं। उनकी आईपीएल फ़्रैंचाइज़ी कोलकाता नाइट राइडर्स ने भी उन्हें रीलीज़ कर दिया है। फ़्रैंचाइज़ियां इन मैचों पर कड़ी नज़र रखती हैं और यह शेल्डन लिए एक बार फिर साबित करने का मौक़ा है कि 36 साल की उम्र में भी उनके पास वह सबकुछ है जो फ़्रैंचाइज़ियों को चाहिए।
बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़
मुकेश चौधरी के लिए यह साल शानदार रहा है। आईपीएल में एमएस धोनी के नेतृत्व में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए में धूम मचाने के बाद उनसे कुछ सफलता के साथ महाराष्ट्र के आक्रमण की अगुवाई करने की उम्मीद की गई होगी। लेकिन वह ऐसा नहीं कर पाए हैं और छह मैचों में सिर्फ़ छह विकेट ही चटका पाए हैं लेकिन फ़ाइनल में उनके लिए अपना कमाल दिखाने का एक और मौक़ा है।
सौराष्ट्र: 1 हार्विक देसाई (विकेटकीपर), 2 शेल्डन जैक्सन, 3 जय गोहिल, 4 समर्थ व्यास, 5 प्रेरक मांकड़, 6 अर्पित वसावड़ा, 7 चिराग जानी, जयदेव उनादकट (कप्तान), 9 धर्मेंद्रसिंह जाडेजा, 10 पार्थ भट
महाराष्ट्र: 1 ऋतुराज गायकवाड़ (कप्तान), 2 पवन शाह, 3 सत्यजीत बच्चव, 4 अंकित बावने, 5 आज़मी काज़ी, 6 राजवर्धन हंगारगेकर, 7 कौशल तांबे, 8 शम्शुज़मा काज़ी, 9 सौरभ नावाले (विकेटकीपर), 10, मुकेश चौधरी, 11 मनोज इंगाले