विदर्भ 380/3 (राठौड़ 116, शौरी 114, नायर 88*) ने महाराष्ट्र 311/ 7 (कुलकर्णी 90, बावने 50, नाईक 49, नालकंडे 3-64, भूटे 3-68) को 69 रनों से हराया
सलामी बल्लेबाज़ों
ध्रुव शौरी व
यश राठौड़ के शतकों और
करूण नायर व
जितेश शर्मा की आतिशी पारियों की मदद से विदर्भ ने महाराष्ट्र को 69 रनों से
हराकर विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी (VHT) के फ़ाइनल में प्रवेश कर लिया है। अब शनिवार को फ़ाइनल में विदर्भ की भिड़ंत कर्नाटक से होगी, जिन्होंने बुधवार को हरियाणा को 5 विकेट से हराया था।
शानदार फ़ॉर्म में चल रहे नायर अपने लगातार पांचवें लिस्ट ए शतक से सिर्फ़ 12 रन चूक गए, नहीं तो यह विश्व रिकॉर्ड होता। उन्होंने अपनी 88 रनों की पारी में सिर्फ़ 44 गेंदें लीं और नौ चौकों के साथ पांच गगनचुंबी छक्के लगाए।
48वें ओवर की समाप्ति तक नायर का स्कोर 35 गेंदों पर 51 रन था। उन्होंने अंतिम दो ओवरों में चार छक्के और तीन चौके लगाए, जिसमें अंतिम ओवर में 4, 0, 6, 4, 4 और 6 का स्कोर शामिल था। इन 88 रनों की मदद से नायर ने इस टूर्नामेंट की सात पारियों में सिर्फ़ एक बार आउट हुए 752 रन बना लिए हैं, जिसमें पांच शतक शामिल हैं।
विदर्भ ने अंतिम सात ओवरों में 108 रन बनाए, जिसमें नायर के साथ-साथ विकेटकीपर बल्लेबाज़ जितेश शर्मा का भी 33 गेंदों में तीन चौकों और तीन छक्कों की मदद से 51 रनों का योगदान शामिल था। दोनों के बीच तीसरे विकेट के लिए सिर्फ़ 59 गेंदों में 93 रनों की साझेदारी हुई, जिसकी मदद से विदर्भ की टीम 380 के स्कोर तक पहुंची।
इससे पहले टॉस हारकर पहले बल्लेबाज़ी करने उतरे विदर्भ टीम के सलामी बल्लेबाज़ों राठौड़ और शौरी ने महाराष्ट्र के निर्णय को ग़लत साबित किया और पहले विकेट के लिए 34.4 ओवरों में 224 रन जोड़े। दोनों ने अपनी शतकीय पारी के दौरान एक समान 14 चौके और एक छक्के लगाए।
विशाल लक्ष्य का पीछा करने उतरी महाराष्ट्र कभी भी लक्ष्य के क़रीब नहीं जाती दिखी। 31 ओवर की समाप्ति पर महाराष्ट्र का स्कोर 151 रन पर तीन विकेट था। कप्तान ऋतुराज गायकवाड़ सिर्फ़ सात और अनुभवी राहुल त्रिपाठी सिर्फ़ 27 रन बनाकर पवेलियन में थे।
हालांकि सिर्फ़ दूसरा मैच खेल रहे युवा अर्शिन कुलकर्णी ने एक छोर संभाले रखा और चौथे विकेट के लिए अनुभवी अंकित बावने के साथ 94 रन जोड़े। पिछले मैच में शतक लगाने वाले कुलकर्णी ने 101 गेंदों में 90 रनों की पारी खेली, जिसमें आठ चौके और एक छक्का शामिल था। वहीं बावने ने 49 गेंदों में 50 रन बनाए, जिसमें पांच चौके शामिल थे।
दोनों के विकेट लगातार ओवरों में दर्शन नालकंडे ने लिए, जिन्होंने इससे पहले नई गेंद से गायकवाड़ को भी पवेलियन भेजा था। हालांकि गायकवाड़ के इस विकेट का श्रेय विकेटकीपर जितेश को अधिक जाना चाहिए, जिन्होंने गायकवाड़ के पुल शॉट को शॉर्ट फ़ाइन लेग की तरफ़ दौड़कर एक बेहतरीन डाइव कैच लपका।
बावने और कुलकर्णी का विकेट गिरने के बाद विकेटकीपर बल्लेबाज़ निखिल नाईक ने ज़रूर 26 गेंदों में चार चौकों और तीन छक्कों की मदद से 49 रन बनाए, लेकिन यह नाकाफ़ी साबित हुआ। नाईक ने पहली पारी के दौरान शौरी और जितेश के दो महत्वपूर्ण और आसान कैच छोड़े थे, जबकि राठौड़ की एक आसान स्टंपिंग भी मिस की थी, जो महाराष्ट्र के लिए बहुत महंगी साबित हुई।