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एर्विन : हमारे कंधे पर से ज़िम्मेदारी का बड़ा बोझ हट गया है

ज़िम्बाब्वे के कप्तान के अनुसार टीम आने वाले मैचों का आनंद ले सकती है

होबार्ट में दो अफ़्रीकी शेर भरेंगे हुंकार - साउथ अफ़्रीका के सामने ज़िम्बाब्वे की चुनौती

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साउथ अफ़्रीका और ज़िम्बाब्वे के बीच होने वाले मुक़ाबले का प्रीव्यू दीप दासगुप्ता के साथ

सुपर 12 चरण की बस शुरुआत हुई है लेकिन ज़िम्बाब्वे ने यहां तक पहुंचकर टी20 विश्व कप के अपने बड़े लक्ष्य को हासिल कर लिया है।

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कोच डेव हाउटन ने पहले कहा था कि उनके लिए सुपर 12 से ही असली टूर्नामेंट की शुरुआत होगी। अब उनकी टीम ने यह हासिल कर लिया है और उन्हें "विपक्ष को नुक़सान पहुंचाने की पूरी आज़ादी" दी गई है। ज़िम्बाब्वे के कप्तान क्रेग एर्विन ने कहा, "हर कोई बड़ी टीमों के विरुद्ध खेलने तथा अच्छा प्रदर्शन करते हुए अब तक की लय को बरक़रार रखने के लिए उत्साहित है।"

चार साल पहले यूएई के विरुद्ध बारिश से प्रभावित 40 ओवरों के मैच में 230 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए ज़िम्बाब्वे ने ग़लतियां की और उसे 2019 विश्व कप से हाथ धोना पड़ा। शुक्रवार को स्कॉटलैंड के विरुद्ध करो या मरो वाले मैच में भी टीम एक समय सात रन पर दो विकेट गंवा चुकी थी और एक समय पर ज़िम्बाब्वे को लगा होगा कि इतिहास फिर से ख़ुद को दोहराएगा। हालांकि इस मैच को जीतकर टीम ने पुराने घावों को भरने का काम किया है।

एर्विन ने कहा, "क्वालीफ़ाई करते हुए उस यूएई मैच के ज़ख्मों को पीछे छोड़कर अच्छा लगा। स्कॉटलैंड के विरुद्ध दो विकेट गंवाने के बाद कई खिलाड़ियों के दिमाग़ में वह विचार आए थे लेकिन उस मैच को जीतना हमारे लिए बहुत अहम था। ख़ेमे में राहत है और अब खिलाड़ियों के कंधों पर अधिक बोझ नहीं होगा और वह आने वाले मैचों का आनंद ले पाएंगे।"

बिना किसी उम्मीद या लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए, ज़िम्बाब्वे स्पष्ट मन के साथ सुपर 12 में प्रवेश करेगी। हालांकि उसे पता है कि उसका सामना किन टीमों से होगा। कप्तान ने कहा, "इन बड़ी टीमों का सामना करना दिल-दहलाने वाला हो सकता है लेकिन यह अच्छा प्रदर्शन करने का मौक़ा भी है। पिछले हफ़्ते क्वालीफ़ायर के दौरान हमने जो दबाव महसूस किया, वह अब कम हो गया है। मुझे लगता है कि खिलाड़ी अब आज़ादी के साथ खुलकर ख़ुद को व्यक्त कर पाएंगे और क्रिकेट खेलेंगे।"

पूर्ण सदस्य होने के बावजूद ज़िम्बाब्वे टॉप आठ टीमों की तुलना में कम क्रिकेट खेलता है। अगले भविष्य दौरा कार्यक्रम (एफ़टीपी) में भी यह टीम सबसे कम मैच खेलेगी। सर्वश्रेष्ठ टीमों के विरुद्ध आज़माने के मौक़े इस टीम को कम ही मिलते है लेकिन उसे पता है कि क्या किया जाना चाहिए। ज़िम्बाब्वे ने अगस्त में भारत और बांग्लादेश का, पिछले साल पाकिस्तान का और 2018 में अपनी विपक्षी टीम साउथ अफ़्रीका का सामना किया था। साथ ही पिछले हफ़्ते में इस टीम ने इन सब के मुक़ाबले ऑस्ट्रेलिया में अधिक क्रिकेट खेला है।

मुज़ाराबानी, चतारा और रज़ा ने गेंदबाज़ी में महत्वपूर्ण योगदान दिया है  AFP/Getty Images

अब तक ज़िम्बाब्वे ने दर्शाया है कि उनके पास विविधता वाला गेंदबाज़ी क्रम है जो ऑस्ट्रेलियाई परिस्थितियों के लिए पर्याप्त है। एर्विन ने कहा, "नई गेंद के साथ उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया है। हमने शुरुआत में विकेट झटके हैं। यहां ऑस्ट्रेलिया में ब्लेसिंग (मुज़ाराबानी) ने अतिरिक्त उछाल प्राप्त किया है, रिचर्ड एनगरावा ने भी गेंद को हरकत करवाते हुए अच्छा काम किया है। और टेंडई चतारा भी गेंद को दोनों तरफ़ ले जाते हुए शानदार रहे हैं।"

इसके अलावा ज़िम्बाब्वे के पास कम से कम तीन स्पिनर हैं। अपनी एक्शन बदलने के बाद सिकंदर रज़ा ने कैरम बॉल को भी अपने तरकश में जोड़ा है। एर्विन ने कहा, "वह हमेशा हमारे लिए महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। उनका योगदान हमेशा महत्वपूर्ण है क्योंकि वह बढ़िया प्रहार करते हैं। वह तेज़ गति से रन बनाते हैं और उनके चार ओवर बहुत अहम है। विपक्षी टीम के रन रेट को धीमा करने में यह मायने रखता है।"

ज़िम्बाब्वे की बल्लेबाज़ी कमज़ोर कड़ी रही है लेकिन एर्विन को उम्मीद है कि टीम अपनी प्रतिभा के अनुसार निडर होकर प्रदर्शन करेगी। उन्होंने कहा, "दूधिया रोशनी में पहले कुछ ओवर कठिन रहे हैं क्योंकि गेंद ने हरकत की है। हम उन शुरुआती ओवरों को देखकर खेलना चाहते हैं, यह देखते हुए कि क्या हो रहा है। वहां से आपको गेंदबाज़ों को अपने दम पर खेलना है। सभी के पास आवश्यक शॉट है और ज़िम्बाब्वे आग उगलने के लिए तैयार है।"

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फ़िरदौस मूंडा ESPNcricinfo की साउथ अफ़्रीकी संवाददाता हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।