बड़े भाई का सपना पूरा करना चाहते हैं विवरांत शर्मा
जम्मू-कश्मीर के ऑलराउंडर को सनराइज़र्स हैदराबाद ने 2.60 करोड़ रुपये में ख़रीदा

रणजी ट्रॉफ़ी में गुजरात के हाथों मिली हार के बाद विवरांत शर्मा अहमदाबाद के अपने होटल के कमरे में सामान बांध रहे थे। टीवी पर आईपीएल 2023 की नीलामी का प्रसारण हो रहा था लेकिन कैप्ड खिलाड़ियों पर बोली लगने के बाद उन्हें पता था कि उनका नंबर आने ही वाला है।
जम्मू-कश्मीर के जम्मू शहर के इस 23 वर्षीय ऑलराउंडर ने देखा कि सनराइज़र्स हैदराबाद और कोलकाता नाइट राइडर्स उनके लिए बोली लगा रही थी। देखते ही देखते 20 लाख की बेस प्राइस एक करोड़ तक जा पहुंची और अंततः 2.60 करोड़ रुपये में उन्हें ख़रीदा गया। विवरांत को उम्मीद थी कि उन्हें चुना जाएगा लेकिन यह रक़म 'अविश्वसनीय' थी।
सबसे पहले विवरांत ने अपनी मां और बड़े भाई विक्रांत को फ़ोन किया। बड़े भाई से ही विवरांत को क्रिकेटर बनने की प्रेरणा मिली। 2020 में अपने पिता सुशांत शर्मा की मृत्यु के बाद यूनिवर्सिटी स्तर पर तेज़ गेंदबाज़ी करने वाले विक्रांत ने परिवार के रसायनिक व्यवसाय को संभालना शुरू कर दिया।
पारिवारिक व्यवसाय के साथ-साथ विक्रांत का ध्यान यह सुनिश्चित करना था कि विवरांत अपने जुनून को पूरा करे। वह सपना फ़रवरी 2021 में आकार लेना शुरू हुआ, जब उन्होंने अपने राज्य के लिए लिस्ट ए में पदार्पण किया। इस महीने की शुरुआत में उनके रणजी ट्रॉफ़ी करियर की शुरुआत हुई। शुक्रवार को उन्होंने अगला क़दम बढ़ाया।
विवरांत ने पीटीआई से कहा, 'मेरा क्रिकेट रुक जाता लेकिन विक्रांत ने यह सुनिश्चित किया कि यह बिना रुके चलता रहे क्योंकि उन्होंने पारिवारिक व्यवसाय संभाला और मेरे माध्यम से अपने सपनों को पूरा करना शुरू किया। यह सब मेरे भाई के बलिदान के कारण हुआ है। नहीं तो मैं यहां नहीं होता। मैं पढ़ाई में अच्छा नहीं था लेकिन विक्रांत ने सुनिश्चित किया कि मैं क्रिकेट पर ध्यान देना जारी रखूं और प्रगति करता रहूं।"
हालांकि यह आईपीएल में विवरांत का पहला अनुभव नहीं होगा। इस साल की शुरुआत में अब्दुल समद की सिफ़ारिश पर वह सनराइज़र्स हैदराबाद के एक नेट गेंदबाज़ थे। एक प्रशिक्षण सत्र के दौरान, जहां रिज़र्व खिलाड़ी रेंज हिटिंग कर रहे थे, विवरांत ने बड़े शॉट लगाने की अपनी क्षमताओं की झलक दी।
अक्तूबर में खेली गई सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी में चार पारियों में 145.45 के स्ट्राइक रेट से 128 रन बनाकर उन्होंने अपनी प्रतिभा का एक और सबूत दिया। इसमें कर्नाटका के विरुद्ध उनकी एक पारी शामिल थी जिसे वह 'टर्निंग प्वाइंट' मानते हैं।
चंडीगढ़ के मुल्लांपुर स्टेडियम की कठिन सतह पर 148 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए जम्मू-कश्मीर ने 31 पर छह विकेट गंवा दिए। निचले क्रम के साथ बल्लेबाज़ी करते हुए विवरांत ने छह चौकों और दो छक्कों की मदद से 46 गेंदों पर 63 रन बनाए। टीम मैच हार गई लेकिन विवरांत ने अपनी छाप छोड़ी। इस प्रतियोगिता में उन्होंने 4.80 की इकॉनमी से गेंदबाज़ी करते हुए कुल छह विकेट लिए।
इसके बाद उन्होंने विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी में ठोस वापसी की, जहां वह आठ पारियों में 56.42 की औसत और 94.72 के स्ट्राइक रेट से 395 रन बनाकर टीम के दूसरे सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी थे। इसमें उत्तराखंड के ख़िलाफ़ 124 गेंदों में 154 रनों की पारी शामिल थी जिसने जम्मू-कश्मीर को प्रारंभिक क्वार्टर-फ़ाइनल में पहुंचाया। उन्होंने टूर्नामेंट में पांच विकेट भी लिए थे।
इन आंकड़ों के मद्देनज़र उन्हें आईपीएल में चुने जाने की उम्मीद थी लेकिन उन्होंने कहा, "मैंने इतनी बड़ी राशि की उम्मीद नहीं की थी। मैं उम्मीद कर रहा था कि कोई मुझे चुन ले।"
विवरांत, युवराज सिंह के बड़े प्रशंसक हैं। वह भारत के पूर्व ऑलराउंडर इरफ़ान पठान के भी शुक्रगुज़ार हैं, जो दो सत्रों के लिए जम्मू-कश्मीर के मेंटॉर थे। उन्होंने कहा, 'ख़ुद बाएं हाथ के बल्लेबाज़ होने के नाते इरफ़ान ने भी मुझे काफ़ी प्रभावित किया है। वह एक खिलाड़ी के कोच हैं और अभी भी हमारे संपर्क में हैं। मुझे यकीन है कि वह आज बहुत ख़ुश होंगे।"
आईपीएल में विवरांत हैदराबाद के कोच ब्रायन लारा से सीखना चाहते हैं। फ़िलहाल उनका ध्यान रणजी ट्रॉफ़ी में जम्मू-कश्मीर के लिए अच्छा प्रदर्शन करने पर है। उन्होंने कहा, "[मुझसे] बहुत सारी उम्मीदें हैं। मैं बस ज़मीन से जुड़े रहना और सीखना जारी रखना चाहता हूं।"
शशांक किशोर ESPNcricinfo में सीनियर सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।
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