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प्यार और परिश्रम : कैसे अर्शदीप सिंह बने भारत का तुरुप का इक्का

एशिया कप में कैच छोड़ने बाद उन्हें भला-बुरा कहा गया था लेकिन अब वह बुमराह की भरपाई कर रहे हैं

Arshdeep: 'Have been working on a straighter run-up to be more consistent'

Arshdeep: 'Have been working on a straighter run-up to be more consistent'

The India quick talks to Irfan Pathan on Star Sports about his preparation coming into the T20 World Cup

अर्शदीप सिंह ने कैच टपकाया। क्रिकेट में ऐसा होता है। एशिया कप में तब तक 28 कैच ड्रॉप हो चुके थे। इस ड्रॉप की ख़ास बात थी कि यह पाकिस्तान के विरुद्ध एक क़रीबी मैच में आया। बावजूद इसके कि अर्शदीप यह कैच पकड़ते तो भारत की जीत पक्की नहीं थी। र्शदीप ही आख़िरी गेंद डालते हैं और भारत हारता है।

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अर्शदीप सिख समुदाय के हैं और उनकी आलोचना करते हुए उन्हें 'खालिस्तानी' कह कर चिढ़ाया जाता है। उनके पिता के केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ़) की नौकरी में दिए गए 25 सालों को अनदेखा कर दिया गया। अगर आप सिखों के इतिहास, खालिस्तान आंदोलन का संदर्भ और 2020 और 2021 में किसान आंदोलन से परिचित हैं, तो आपको समझ आएगा कि इस प्रकार की भाषा कितनी घिनौनी है।

यह बात आपकी नहीं है। यह एक अल्पसंख्यक 23 वर्षीय युवा की बात है जिसने अपने क्रिकेट के सपने को साकार करने के लिए कनाडा जाने का मौक़ा गंवा दिया था। उनको गाली देने वाले भले ही संख्या में कम हो, उनके व्यवहार ने अर्शदीप को काफ़ी समय तक परेशान किया है। उन्हें ज़रूर लगा होगा कि क्या पाकिस्तान के विरुद्ध एक मैच से ही ऐसा होना संभव है?

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एक साल पहले, एक और भारतीय गेंदबाज़ के साथ ऐसा हुआ था जब मोहम्मद शमी को पाकिस्तान जाने को कहा गया था। हालांकि उस मैच में असली नाकामी भारत के बल्लेबाज़ों की रही थी। 23 अक्तूबर 2022 को शमी और अर्शदीप एक बार फिर पाकिस्तान के सामने खड़े हैं। वेन्यू है मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड और मौक़ा है विश्व कप।

अर्शदीप के पास नई गेंद है। उन्होंने इससे पहले ऑस्ट्रेलिया में कभी कोई औपचारिक मैच नहीं खेला है। भुवनेश्वर कुमार ने पहले ओवर में डीप थर्ड और डीप फ़ाइन लेग का उपयोग किया लेकिन अर्शदीप डीप थर्ड और डीप बैकवर्ड स्क्वेयर लेग के साथ शुरुआत करेंगे।

पाकिस्तानी कप्तान बाबर आज़म को शॉर्ट गेंद से कई टीमों ने टारगेट किया है लेकिन क्या अर्शदीप पहली गेंद पर ऐसा करेंगे? अर्शदीप दौड़ते हुए आते हैं और एक परफ़ेक्ट इन स्विंग गेंद से बाबर को क्रीज़ में फंसाते हैं। शायद बाबर फ़ील्ड को ध्यान में रखते हुए सोच में थे या पहले ओवर में भुवी को मिले उछाल से।

नए बल्लेबाज़ शान मसूद के आने पर भी डीप स्क्वेयर लेग बरक़रार रहता है लेकिन शॉर्ट गेंद न तो उन्हें मिलती है न मोहम्मद रिज़वान को। बाउंसर आख़िर में उनके दूसरे ओवर में आता है और रिज़वान को सटीक क़द और दिशा का बाउंसर है यह। रिज़वान को इसे ऑफ़ स्टंप से खींचकर मारने की कोशिश करनी पड़ी। ऐसे में वह इसे नियंत्रण में नहीं ला पाए और अपना विकेट गंवा बैठे।

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बांग्लादेश के ख़िलाफ़ अंतिम ओवर में लगातार यॉर्कर डालकर अर्शदीप सिंह ने भारत को मैच जिताया  Getty Images

अर्शदीप कहते हैं, "वह अनुभव बेहतरीन था। इतना सारा प्यार मिला।"

आपको टीवी पर भले ही नहीं दिखा हो लेकिन उन्हें अपने कप्तान रोहित शर्मा से हमेशा प्यार और समर्थन मिला है। उस एशिया कप घटना के बाद उन्होंने अपने युवा गेंदबाज़ को और बैक किया। अर्शदीप मैदान पर पटका लगाकर खेलते हैं लेकिन उसके बाहर गर्व से दस्तार पहनते हैं।

पाकिस्तान के ख़िलाफ़ डाले उन दो ओवरों की तैयारी में भी प्यार की भूमिका रहती है। अर्शदीप ख़ुद कहते हैं, "हमने शॉर्ट गेंद को सही जगह टप्पा दिलाने के लिए बहुत बातचीत की थी। कोचिंग स्टाफ़ ने मुझे बताया कि ऑस्ट्रेलिया में अतिरिक्त उछाल के चलते शॉर्ट गेंद को भी ज़्यादा आगे टप्पा दिलाना होता है। गेंद सही पड़ी और कैच भी बढ़िया था लेकिन इसके पीछे काफ़ी सोच गई थी। स्क्वेयर बाउंड्री लंबी थी और हमें उसका फ़ायदा उठाना था।"

अर्शदीप जानते हैं कि रोज़ ऐसा नहीं होगा। किसी दिन वैसी ही गेंद पर छक्का लगेगा। पुछल्ले बल्लेबाज़ देख कर अर्शदीप विकेट के लिए लालची हो जाते हैं और शाहीन शाह अफ़रीदी को लेंथ गेंद डालते हैं। इस पर शाहीन छक्का जड़ देते हैं। अर्शदीप को समझ आता है कि आप टी20 क्रिकेट में क्षण भर के लिए भी फ़ोकस नहीं खो सकते।

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गेंदबाज़ी कोच पारस म्हाम्ब्रे ने अर्शदीप को अपने रन-अप को और सीधे करने की हिदायत दी है। वह अर्शदीप के कौतुहल स्वभाव से प्रभावित हैं। म्हाम्ब्रे कहते हैं, "वह ऐसे खिलाड़ी हैं जो लगातार बात करना पसंद करते हैं और शमी और भुवी जैसे सीनियर गेंदबाज़ों से बहुत कुछ पूछते हैं। यह दोनों ऐसी परिस्थितियों को देख चुके हैं और उन्हें बहुत कुछ बता सकते हैं। अर्शदीप के बारे में सराहनीय बात यह है कि वह इस बात को सुनकर मैच में अमल में लाते हैं। बातचीत करना एक बात है लेकिन उसे मैच में ले आकर करने में व्यक्तिगत कौशल की ज़रूरत पड़ती है।"

जिस तरह उनके कोच अर्शदीप के सीखने की शक्ति की प्रशंसा करते हैं उसमें आपको जसप्रीत बुमराह की झलक दिखाई देती है। इस विश्व कप में अगर बुमराह रहते तो शायद अर्शदीप के लिए एकादश में स्थान बनाना कठिन होता। उनका चयन मुख्यतया डेथ ओवरों के लिए हुआ था। 2021 के शुरुआत से टी20 क्रिकेट के इस पड़ाव में उनकी इकॉनमी विश्व में चौथी सबसे सर्वश्रेष्ठ है। इस पड़ाव में उनकी यॉर्कर की निपुणता तीसरी सर्वाधिक है। जब वह यॉर्कर मिस भी करते हैं तब भी उनकी इकॉनमी तीसरे नंबर पर है। राउंड द विकेट से भी उनकी यॉर्कर की निपुणता दुनिया में दूसरे नंबर पर है और यॉर्कर मिस करने पर सर्वश्रेष्ठ इकॉनमी रेट भी उन्हीं के नाम है।

टी20 विश्व कप 2022 में भारत की ओर से सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ हैं अर्शदीप  ICC via Getty Images

भारत ने इस बार ऑस्ट्रेलिया में आकर कुछ अपरिचित परिस्थितियों का सामना किया है। गेंद ने ज़्यादा हरकत की है और मौसम ज़्यादा ठंडा रहा है। ऐसे में अर्शदीप ने गेंद को दोनों तरफ़ स्विंग करवाकर मुख्य कोच राहुल द्रविड़ का काम आसान कर दिया है। द्रविड़ कहते हैं, "अगर आप मुझे इस पद पर आने के बाद [पिछले साल के] नवंबर में पूछते कि कौन से गेंदबाज़ मेरे दिमाग़ में हैं तो अर्शदीप उसमें होते ज़रूर लेकिन उन्होंने केवल एक अच्छा आईपीएल खेला था। हालांकि तब से उन्होंने अपने प्रदर्शन से टीम में जगह बनाई है और लगातार अच्छा किया है। यह एक बहुत अच्छी बात रही है।"

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मैदान गीला है। शाकिब अल हसन घास पर हाथ सहलाकर अंपायरों को अपने हाथ में नमी को दिखा रहे हैं। बारिश ख़त्म होने के इतनी जल्दी खेल का पुन: शुरू होना शायद बांग्लादेश के लिए थोड़ा अन्यायपूर्ण था लेकिन ऐसे में चुनौती भारत के लिए कहीं ज़्यादा थी। भारत को गीले मैदान पर फ़ील्ड करना होगा और गेंद जब भी आउटफ़ील्ड में जाएगी तब गेंदबाज़ों के लिए गेंद ठीक से पकड़ना और कठिन होगा। बांग्लादेश के 10 विकेट हाथ में हैं और उन्हें नौ रन प्रति ओवर बनाने हैं।

एडिलेड की पिच पर शुरुआत धीमी होती है लेकिन दूसरी पारी तक गेंद बल्ले पर अच्छे से आने लगती है। लिटन दास इस बात का फ़ायदा उठाते हैं और अर्शदीप के पहले ओवर में तीन चौके मारते हैं। अर्शदीप बारिश के बाद 12वें, 14वें और 16वें ओवर के लिए लौटते हैं। इस सिलसिले के पहली ही ओवर में वह दो विकेट गिरा देते हैं। इसके बाद वह लगातार अपनी फ़ील्ड के हिसाब से गेंदबाज़ी करते हैं।

बांग्लादेश को आख़िरी ओवर में जीतने के लिए 20 रन चाहिए। पहली गेंद पर सटीक यॉर्कर। दूसरी गेंद छोटी लंबाई की है और बड़ा छक्का लगता है। इस बार अर्शदीप लालच को अपने प्लान का हिस्सा नहीं बनने देते। गीले मैदान पर वह लगातार चार यॉर्कर के साथ मैच को समाप्त करते हैं और भारत को जीत दिलाते हैं।

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जब अर्शदीप की मां उन्हें साइकिल के कैरियर पर बिठाकर क्रिकेट अभ्यास के लिए ले जातीं थीं तो युवा अर्शदीप अपना टिफ़िन यात्रा के दौरान ही ख़त्म कर देते थे। कुछ साल बाद अर्शदीप चंडीगढ़ के पार्क में दौड़कर थक जाते थे तो वहीं लेटकर आकाश में सितारों को देखते रहते। आज उन्हें पता है कि टी20 एक अनिश्चितता से भरा खेल है। जब अर्शदीप बात करते हैं तो आपको समझ आता है कि कोई भी बात उन्हें ना तो विचलित करती है और ना ही अति उत्साहित। इस प्रारूप में परिणाम सबसे ज़्यादा उसी बात पर निर्भर है कि आप गेंदबाज़ी कैसे करते हैं। एक दिन आपको गालियां सुनाई देती हैं तो अगले दिन तालियां। और इस बीच आता है ढेर सारा प्यार, प्रशिक्षण और परिश्रम।

Arshdeep SinghIndiaIndia vs ZimbabweMen's T20 Asia Cup

सिद्धार्थ मोंगा ESPNcricinfo के असिस्टेंट एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo के सीनियर असिस्टेंट एडिटर और स्थानीय भाषा प्रमुख देबायन सेन ने किया है।