कैसे विराट कोहली ने लोगों की दीवानगी और प्यार को संभालते हुए ख़ुद को स्थिर रखा
अपने 35वें जन्मदिन पर कोहली साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ मैच खेलने वाले हैं और लोगों का सारा ध्यान उन पर रहेगा

विराट कोहली शनिवार शाम को ईडन गार्डंस में नेट्स में बल्लेबाज़ी करने के लिए जैसे ही आए, उनके पीछे स्टैंड में जमा एक छोटी सी भीड़ "किंग कोहली" के नारे लगाना शुरू कर देती है। वह प्रशिक्षण सत्र के दौरान उन्हें चुप रहने का इशारा करते हैं और तुरंत वहां चुप्पी छा जाती है। एक बार के लिए तो सुरक्षा अधिकारी, पुलिस और बाक़ी के स्टेडियम स्टाफ़ सभी निरर्थक लगने लगते हैं।
हार्दिक पंड्या बांग्लादेश के ख़िलाफ़ गेंदबाजी करते हुए चोटिल हो गए थे। इसके बाद कोहली ओवर पूरा करने आये तो पुणे की जनता का जोश देखने लायक़ था। श्रीलंका के ख़िलाफ़ वानखेड़े स्टेडियम में भी उन्होंने जनता का ख़ूब मनोरंजन कराया। धर्मशाला में जब कोहली अपने 49वें शतक के क़रीब थे तो विश्व कप की स्ट्रीमिंग करने वाले डिजिटल प्लैटफ़ॉर्म पर दर्शकों की संख्या के सारे रिकॉर्ड टूट गए थे।
कोहली के 35वें जन्मदिन पर भारत और साउथ अफ़्रीका के बीच मैच खेला जाएगा। बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन लोगों के बीच 70,000 कोहली के मुखौटे सौंपना चाहती थी। साथ ही प्रशंसकों के सामने एक भव्य केक-कटिंग समारोह की योजना भी बनाई गई था। हालांकि यह सब रद्द कर दिया गया है। क्या कोहली ने इन योजनाओं को रद्द करने के लिए अनुरोध किया था?
भारत का विश्व कप अभियान पूरे ज़ोरों पर है, लेकिन कभी-कभी उससे अलग और कभी-कभी उससे स्वतंत्र होकर, कोहली अपने प्रशंसकों के साथ अपनी सहानुभूति बनाए रखते हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि हर कोई अपनी भूमिका निभा रहा है। के एल राहुल सिंगल्स लेने से इनकार कर रहे हैं और रवींद्र जाडेजा डेथ ओवरों में रक्षात्मक शॉट खेल रहे हैं, ताकि कोहली शतक बना सकें।
जब कोच राहुल द्रविड़ से पूछा गया कि भारत छठे गेंदबाज़ के बिना अपनी योजना कैसे बना रहा है, तो उन्होंने कहा कि उनके ख़ेमे में "एक ग़लत पैर से इनस्विंग गेंदबाज़ी करने वाला घातक गेंदबाज़" है। साथ ही वह इस बात का समर्थन करेंगे कि उनसे कुछ ओवर गेंदबाज़ी करवाई जाए और उनहें कुछ विकेट भी मिले। दर्शक पिछले गेम में उनकी गेंदबाज़ी की मांग कर रही थी। भारत ने लगभग यह फ़ैसला ले लिया था कि उनसे एक-दो ओवर की गेंदबाज़ी करवाई जाए।
अगर कोई ऐसा खिलाड़ी है जिसके बारे में आप इतनी गहन सुर्ख़ियों के बारे में चिंता नहीं करेंगे, तो वह कोहली हैं। लेकिन वह भी इंसान है। जब सचिन तेंदुलकर भी अपने 100वें शतक के क़रीब थे तो उन्हें इसी तरह का समर्थन मिला था। इसलिए द्रविड़ से यह पूछा भी गया कि कोहली इन चीज़ों को कैसे संभाल रहे हैं।
द्रविड़ ने कहा, "मुझे लगता है कि विराट पूरी तरह से निश्चिंत हैं। यह आप उनके प्रदर्शन में भी देख सकते हैं। उन्होंने हमारे लिए वास्तव में अच्छी बल्लेबाज़ी की है। वह हमेशा की तरह अच्छा प्रदर्शन करने के लिए उत्सुक हैं। मैंने उनमें या उनके आचरण में कुछ भी अलग नहीं देखा है। वह हमेशा एक जैसे ही रहे हैं। वह हमेशा से ही एक कड़ी मेहनत करने वाले खिलाड़ी रहे हैं और अच्छा प्रदर्शन करने के लिए काफ़ी उत्सुक हैं।
"साथ ही मुझे यह भी नहीं लगता कि वह 49वें और 50वें शतक के बारे में बहुत अधिक सोच रहे हैं। मुझे लगता है कि वह वास्तव में टूर्नामेंट जीतने और हमारे लिए कुछ अच्छा क्रिकेट खेलने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।"
भले ही ऐसा प्रतीत हो सकता है लेकिन कोहली कहीं से भी ग़लत पैर से गेंदबाज़ी नहीं करते हैं। दो शतक से चूकने के अलावा वह बल्लेबाज़ी करते समय शायद ही कभी ग़लत स्थिति में रहे हों। ये सब उनके दिमाग में चल रहा है या नहीं, उन पर इसका असर हो रहा है या नहीं, ये तो कोहली ही बता सकते हैं। हालांकि एक बात स्पष्ट है - उन्होंने जिस तरह से बल्लेबाज़ी की है उसमें ऐसा कुछ भी नहीं दिखा है।
और यह क्यों मान लिया जाए कि किसी खिलाड़ी पर लोगों के इस प्यार का या उनके प्रति जो दीवानगी है, उसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है? कल्पना कीजिए कि पूरा देश आपके साथ आपका जन्मदिन मना रहा है, आपकी उपलब्धियों के लिए शुभकामनाएं दे रहा है और आपके साथ उनका उत्साहवर्धन कर रहा है, आपकी धुनों पर नाच रहा है। ऐसा भी तो हो सकता है कि कोहली वास्तव में इसका आनंद ले रहे हैं और इसका उनके खेल पर सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
सिद्धार्थ मोंगा ESPNcricinfo के असिस्टेंट एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर राजन राज ने किया है
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