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लेग स्पिनर अमित मिश्रा ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को कहा अलविदा

IPL के सबसे सफल गेंदबाज़ों में से एक मिश्रा ने आख़‍िरी T20 मैच भारत के लिए 2017 में खेला

ESPNcricinfo स्‍टाफ़
04-Sep-2025 • 5 hrs ago
Amit Mishra bowls during India's practice, Colombo, August 5, 2015

Amit Mishra ने लिया संन्‍यास  •  AFP

भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज लेग स्पिनर अमित मिश्रा ने गुरुवार को क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने की घोषणा कर दी। 42 वर्षीय हरियाणा के इस गेंदबाज़ ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत साल 2003 में की थी और 2017 तक भारत का प्रतिनिधित्व किया। अमित मिश्रा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर अपने संन्‍यास की घोषणा की।
उन्होंने एक्स पर लिखा, "आज, 25 साल बाद मैं क्रिकेट से संन्यास की घोषणा करता हूं, एक ऐसा खेल जो मेरा पहला प्यार, मेरा गुरु और मेरी खु़शी का सबसे बड़ा स्रोत रहा है। यह सफ़र अनगिनत भावनाओं से भरा रहा है जिसमें गर्व, कठिनाई, सीख और प्यार के पल शामिल रहे। मैं BCCI, हरियाणा क्रिकेट एसोसिएशन, अपने कोचों, सहयोगी स्टाफ़, सहकर्मियों और सबसे बढ़कर, प्रशंसकों का तहे दिल से आभारी हूं, जिनके विश्वास और समर्थन ने मुझे हर कदम पर ताक़त दी।"
उन्‍होंने आगे लिखा, "शुरुआती दिनों के संघर्षों और त्यागों से लेकर मैदान पर बिताए अविस्मरणीय पलों तक, हर अध्याय एक ऐसा अनुभव रहा है जिसने मुझे एक क्रिकेटर और एक इंसान के रूप में आकार दिया है। मेरे परिवार को मेरे उतार-चढ़ाव भरे समय में मेरे साथ मज़बूती से खड़े रहने के लिए धन्यवाद। मेरे साथियों और मार्गदर्शकों को इस सफ़र को इतना खास बनाने के लिए धन्यवाद। इस अध्याय को समाप्त करते हुए, मेरा दिल कृतज्ञता और प्रेम से भर गया है। क्रिकेट ने मुझे सब कुछ दिया है और अब, मैं उस खेल को कुछ वापस देने के लिए उत्सुक हूं जिसने मुझे वो बनाया जो मैं हूं।"
मिश्रा ने PTI से कहा, "मैंने तीन दशकों में 25 साल क्रिकेट खेला है, सचिन तेंदुलकर जैसे दिग्गजों के साथ, एमएस धोनी जैसे कप्तानों के साथ और रोहित शर्मा जैसे मौजूदा सितारों के साथ।" उन्होंने आगे कहा, "अब जब मैं धीरे-धीरे क्रिकेट से दूर जा रहा हूं, तो यह निश्चित रूप से भावनात्मक है। क्रिकेट ने मुझे सब कुछ दिया सम्मान, पहचान और उद्देश्य।"
"हर किसी को भव्य विदाई या बड़ी प्रेस कॉन्फ्रेंस का मौक़ा नहीं मिलता और यह ठीक भी है। मेरे लिए जो मायने रखता है वह यह है कि मैंने अपना सब कुछ दिया। मैंने पूरे दिल से खेला। जब भी मुझे मौक़ा मिला, मैंने अच्छा प्रदर्शन किया।"
मिश्रा IPL में चार टीमों के लिए खेले: दिल्ली डेयरडेविल्स (अब कैपिटल्स), डेक्कन चार्जर्स, सनराइज़र्स हैदराबाद और लखनऊ सुपर जायंट्स। IPL 2022 के अलावा, उन्होंने 2008 से 2024 तक टूर्नामेंट के बाक़ी सभी सीज़न खेले। उन्होंने 162 मैचों में 174 IPL विकेट लिए हैं, जो ओवरऑल सूची में आठवें स्थान पर है। उन्होंने IPL में 2008, 2011 और 2013 में सबसे अधिक हैट्रिक (तीन) भी ली हैं।
मिश्रा ने कहा, "मैं कहूंगा कि [मेरे IPL करियर का] सबसे अहम पल 2008 के IPL में ली गई हैट्रिक थी, जहां मैंने मैच में पाँच विकेट भी लिए थे।" उन्होंने आगे कहा, "वहां से मैंने भारतीय टीम में वापसी की। इससे पहले, मैं घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहा था, हर सीज़न में 35-45 विकेट ले रहा था, लेकिन मैं राष्ट्रीय टीम में वापसी नहीं कर पाया।"
"उस IPL हैट्रिक ने मेरे लिए चीज़ें बदल दीं। मैंने पिछले साल सैयद मुश्ताक़ अली में भी अच्छा प्रदर्शन किया था और 25 विकेट लिए थे, जिससे मुझे IPL अनुबंध (दिल्ली डेयरडेविल्स के साथ) हासिल करने में मदद मिली।"
"उस हैट्रिक के बाद मैं लगातार भारतीय टीम में वापस आ गया और T20 में मेरा करियर भी शुरू हो गया।"
मिश्रा ने अपने करियर की शुरुआत हरियाणा के साथ घरेलू क्रिकेट में की और 2000-01 में प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण किया। उन्होंने अपनी क्लासिक लेगब्रेक और प्रभावी गुगली से प्रभावित किया। उन्होंने 2003 में ढाका में साउथ अफ़्रीका के ख़‍िलाफ़ वनडे मैच में अंतरर्राष्‍ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया। उस समय हरभजन सिंह और अनिल कुंबले टेस्ट मैचों में स्पिनरों की भूमिका निभा रहे थे, लेकिन मिश्रा का टेस्ट डेब्यू अक्टूबर 2008 में मोहाली में ऑस्ट्रेलिया के ख़‍िलाफ़ हुआ, जब कुंबले चोट के कारण बाहर हो गए थे। उन्होंने अपने पहले ही मैच में पांच विकेट लिए, लेकिन वह भारत के शीर्ष स्पिनरों में कम ही शामिल रहे और किसी भी प्रारूप में उन्हें लगातार मौक़े नहीं मिले।
मिश्रा ने कहा, "अनिल कुंबले की जगह लेना बहुत बड़ी बात थी, दबाव था।"
मिश्रा ने हरियाणा के लिए घरेलू क्रिकेट और IPL में अच्छा प्रदर्शन जारी रखा, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें भारतीय टीम में वापसी मिली, जिसमें 2013 चैंपियंस ट्रॉफ़ी और 2014 T20 विश्व कप भी शामिल हैं।
मिश्रा ने वर्षों तक टीम से अंदर-बाहर रहने के बारे में कहा, "यह बहुत निराशाजनक था। कभी आप टीम में होते हैं, कभी बाहर। कभी आपको प्लेइंग इलेवन में मौक़ा मिलता है, कभी नहीं। बेशक, यह निराशाजनक है, और इसमें कोई शक़ नहीं कि मैं कई बार निराश हुआ हूं।"
"लेकिन फिर आपको याद आता है कि आपका सपना भारत के लिए क्रिकेट खेलना है। आप राष्ट्रीय टीम के साथ हैं, और लाखों लोग वहां पहुंचने के लिए इतनी मेहनत कर रहे हैं। आप भारतीय टीम के 15 खिलाड़ियों में से एक हैं। इसलिए, मैंने सकारात्मक रहने की कोशिश की।"
"जब भी मैं निराश होता था, तो सोचता था कि मैं और क्या सुधार कर सकता हूं। चाहे वह मेरी फ़‍िटनेस हो, बल्लेबाज़ी हो या गेंदबाज़ी, मैंने हमेशा बेहतर होने पर ध्यान केंद्रित किया। जब भी मुझे भारतीय टीम के लिए खेलने का मौक़ा मिला, मैंने अच्छा प्रदर्शन किया और मैं इस बात से बहुत खु़श हूं। मैं कड़ी मेहनत से कभी पीछे नहीं हटा।"
मिश्रा ने 152 प्रथम श्रेणी मैचों में 535 विकेट, 152 लिस्ट ए मैचों में 252 विकेट और 259 टी20 मैचों में 285 विकेट लिए हैं। उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में दिसंबर 2012 में रणजी ट्रॉफ़ी में कर्नाटक के ख़‍िलाफ़ नाबाद 202 रन भी बनाए थे।
मिश्रा ने भारत के लिए 22 टेस्ट, 36 वनडे और 10 T20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले। टेस्ट में वह एक पारंपरिक लेग-ब्रेक गेंदबाज के तौर पर जाने जाते रहे। उन्होंने अपने करियर में कई बार टीम को मुश्किल हालात से बाहर निकाला। अमित मिश्रा ने 22 टेस्ट में 76 विकेट लिए। 71 रन देकर पांच विकेट उनका सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन रहा। 36 वनडे में उन्होंने 64 विकेट लिए। 48 रन देकर छह विकेट उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा। इस दौरान उनका इकॉनमी रेट 4.73 का रहा। T20 अंतर्राष्‍ट्रीय में उन्होंने 10 मैचों में 16 विकेट लिए। 24 रन देकर तीन विकेट उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा।