एंजेलो मैथ्यूज़: पूर्व चयनकर्ताओं ने मेरे ख़िलाफ़ एजेंडा किया
नई चयन समिति के अध्यक्ष थरंगा ने मैथ्यूज़ से कहा है कि वह टी20 विश्व कप की योजनाओं में शामिल हैं

एंजेलो मैथ्यूज़ को इस साल श्रीलंका की टी20 टीम में और अधिक देखे जाने की उम्मीद है और वह टी20 विश्व कप में भी शामिल हो सकते हैं। मैथ्यूज़ अपने करियर के अंत में हैं, जो वर्षों तक केवल टेस्ट के लिए चुने जाने के बाद टी20 क्रिकेट में वापसी कर रहे थे। उन्हें लंबे समय टी20 क्रिकेट से दूर रहने की शिकायतें भी हैं।
तीन साल में अपना पहला टी20आई खेलने वाले मैथ्यूज़ ने सफ़ेद गेंद क्रिकेट में अपनी अनुपस्थिति का दोष प्रमोदय विक्रमासिंघे की अध्यक्षता वाली पिछली चयन समिति को दिया। उन्होंने साथ ही बताया कि उपुल थरंगा की अध्यक्षता वाली नई चयन समिति ने उन्हें भरोसा जताया है कि वह टी20 विश्व कप की योजनाओं में शामिल हैं।
मार्च 2021 के बाद से अपने पहले अंतर्राष्ट्रीय टी20 में खेल रहे मैथ्यूज़ ने रविवार को श्रीलंका की ज़िम्बाब्वे पर आख़िरी गेंद की जीत में अहम भूमिका निभाई और 38 गेंद में 46 रन बनाकर शीर्ष स्कोरर रहे। इससे पहले उन्होंने नई गेंद से गेंदबाज़ी की और दो ओवर में केवल 13 रन दिए। उनका मानना है कि उनको सफ़ेद गेंद क्रिकेट से दूर नहीं रखा जाना चाहिए था।
उन्होंने प्लेयर ऑफ़ द मैच बनने के बाद कहा, "पिछली दो लंका प्रीमियर लीग (LPL) में मैंने अच्छी बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी की थी, लेकिन दुर्भाग्य से मैं पिछले दो टी20 विश्व कप में नहीं चुना जा सका और मुझे इसका कारण भी नहीं बताया गया था। अगर आप अपने एजेंडा से फ़ैसले लेते हो तो ऐसी चीज़ें होती हैं। हम यहां तक कि चैंपियंस ट्रॉफ़ी तक के लिए भी क्वालीफ़ाई नहीं कर सके।"
"लेकिन एक चीज़ पर मैं विश्वास करता हूं कि अगर आप कड़ी मेहनत करते हो और दिल से खेलते हो तो आप अपने लिए ऐसा माहौल बना सकते हो, जहां पर आप प्रदर्शन कर सको। मैंने कुछ सालों में कड़ी मेहनत की है। मुझे लगता है कि मैं अभी थोड़ा और लंबा खेल सकता हूं", मैथ्यूज़ ने आगे बताया।
मैथ्यूज़ की गेंदबाज़ी पिछले कुछ सालों से उनके लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। वह 2007 से 2014 के बीच श्रीलंका के सर्वश्रेष्ठ सफ़ेद गेंद खिलाड़ी थे, जहां वह टी20 में पावरप्ले के अंदर लगातार गेंदबाज़ी करते थे। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में चोटों की बढ़ती सूची ने या तो उन्हें गेंदबाज़ी करने से रोक दिया या उन्हें केवल एक विशेषज्ञ बल्लेबाज़ के रूप में खेलने की स्थिति में डाल दिया। हालांकि उन्होंने फिर से नियमित गेंदबाज़ी करना शुरू कर दिया है और उन्हें गेंदबाज़ी करना पसंद भी है।
उन्होंने कहा, "नए चयनकर्ताओं के साथ मेरी बातचीत स्पष्ट थी। उन्होंने मेरे भविष्य की योजना पूछी और अपनी योजना के बारे में भी बताया। हमारे बीच बहुत अच्छी बातचीत हुई। उन्होंने कहा कि अगर मैं कुछ ओवर कर सकता हूं तो मैं उनकी टी20 विश्व कप योजनाओं में शामिल हूं। मैंने कहा, 'बिल्कुल, यदि मैं किसी भी तरह टीम की मदद कर सकूं'।"
"मैं LPL में भी गेंदबाज़ी कर रहा था और हाल ही में आपने मुझे घरेलू वनडे में भी गेंदबाज़ी करते हुए देखा होगा। अगर मेरे कुछ ओवर गेंदबाज़ी करने से टीम का संतुलन बनता है तो कप्तान को एक अधिक बल्लेबाज़ या एक अतिरिक्त गेंदबाज़ को एकादश में शामिल करने की सहूलियत मिलती है।"
इस मैच की कठिन परिस्थितियों में मैथ्यूज़ ने अपने अनुभव पर भरोसा किया। श्रीलंका को आख़िरी छह ओवरों में 61 रन चाहिए थे और चार विकेट हाथ में थे। इस समय मैथ्यूज़ और दसून शनाका क्रीज़ पर थे। दोनों ने 34 गेंद में 55 रन जोड़े। अंत में मैथ्यूज़ विजयी शॉट लगाने के चक्कर में आउट हो गए।
मैथ्यूज़ ने कहा, "जब हम बल्लेबाज़ी कर रहे थे तो मैंने दसून से कहा कि यदि हम में से कोई एक आउट हो जाता है तो यह बहुत मुश्किल हो जाएगा। हमने सोचा कि अगर हम 16 या 17 ओवर तक बल्लेबाज़ी कर गए और ज़रूरी रन रेट को क़रीब 10 रन प्रति ओवर तक रखा, तो हम जीत सकते हैं। आख़िर में उनके सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़ आने थे तो हमने सोच समझकर जोखिम लिया। दसून ने भी एक अच्छी पारी खेली और अंत में दुश्मांता चमीरा ने एक बहुत ही अहम किरदार निभाया। अंतिम दो गेंद पर छह रन चाहिए थे, अगर वह रन नहीं बनाते तो हमारी सारी मेहनत का कोई मोल नहीं रह जाता।"
ऐंड्रयू फिडल फ़र्नांडो ESPNcricinfo में लेखक हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।
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