रिकी पोंटिंग : इस स्थिति में पहुंचने का ख़ुद ज़िम्मेदार है ऑस्ट्रेलिया
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान इस विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया के अब तक के प्रदर्शन से काफ़ी नाख़ुश हैं

पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग का मानना है कि यदि ऑस्ट्रेलिया टी20 वर्ल्ड कप के सेमीफ़ाइनल में नहीं पहुंचती है तो ज़ाहिर तौर पर कई सवाल खड़े किए जाएंगे। पोंटिंग जिनकी अगुआई में ऑस्ट्रेलिया ने दो वनडे विश्व कप अपने नाम किए और जिनके नेतृत्व में टीम टी20 वर्ल्ड कप के पहले संस्करण में सेमीफ़ाइनल तक पहुंची, उनका मानना है वह वर्तमान में जारी वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलियाई टीम के प्रदर्शन से काफ़ी अचरज में हैं।
पोंटिंग ने गुरुवार को कहा, "यदि वह सेमीफ़ाइनल में जगह नहीं बना पाते हैं तो निश्चित तौर पर सवाल पूछे जाएंगे क्योंकि मैं ख़ुद इस विश्व कप से पहले उन्हें शीर्ष तीन टीमों में गिन रहा था। मुझे लग रहा था कि फ़ाइनल ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और भारत में से ही किन्हीं दो टीमों के बीच खेला जाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि यूएई में खेले गए पिछले विश्व कप में जहां कोई भी ऑस्ट्रेलियाई टीम पर दांव नहीं लगा रहा था,वहां उन्होंने इतना अच्छा प्रदर्शन किया और इस बार तो वह घरेलू सरज़मीं पर खेल रहे थे, जहां ना सिर्फ़ उनके खिलाड़ी बड़े हुए हैं बल्कि काफ़ी क्रिकेट भी खेली है। मुझे लगा कि सेमीफ़ाइनल में प्रवेश पाना उनके लिए उतना मुश्किल नहीं होगा, इसके बावजूद इस विश्व कप की शुरुआत से पहले वह उतनी अच्छी लय में नहीं थे। यहां आने से पहले उन्होंने काफ़ी क्रिकेट खेली थी, इसलिए वह यह बना नहीं दे सकते कि उन्हें पर्याप्त तैयारी करने का अवसर नहीं मिला।"
अफ़ग़ानिस्तान के ख़िलाफ़ अपना आख़िरी मुक़ाबला खेलने से पहले ऑस्ट्रेलिया सेमीफ़ाइनल की दौड़ से बाहर होने के मुहाने पर खड़ा है। ऑस्ट्रेलिया के सेमीफ़ाइनल में पहुंचने के लिए इंग्लैंड और न्यूज़ीलैंड में किसी एक टीम का अपना अंतिम मुक़ाबला हारना ज़रूरी है, अगर ऐसा नहीं हो पाता है तो ऑस्ट्रेलिया को अफ़ग़ानिस्तान पर एक बड़े अंतर से जीत प्राप्त करनी होगी।
इस टूर्नामेंट में आने से पहले ऑस्ट्रेलिया अपने नौ टी20 मुक़ाबलों में से पांच मुक़ाबले हारा था। भारत के ख़िलाफ़ अभ्यास मैच में लक्ष्य का पीछा करते हुए उसने मुक़ाबले पर नियंत्रण बनाया हुआ था लेकिन अंत में उसे हार का स्वाद चखना पड़ा। सुपर 12 के मुक़ाबले के अपने पहले मुक़ाबले में उसे न्यूज़ीलैंड के हाथों शर्मनाक हार झेलनी पड़ी जबकि कैनबरा में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ खेला जाने वाला मुक़ाबला बारिश की भेंट चढ़ गया। न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ मिली इकलौती हार के साथ ऑस्ट्रेलिया संभवतः यह ग्रुप स्टेज समाप्त कर सकता है लेकिन नेट रन रेट के आधार पर उसे इसके बावजूद सेमीफ़ाइनल से बाहर रहना पड़ सकता है।
ऑस्ट्रेलिया को एक बेहतर नेट रन रेट के लिए इतना तरसता नहीं पड़ता यदि 16 गेंदों पर 42 रनों की पारी खेलने वाले फ़िन ऐलेन का कैच 19 के निजी स्कोर पर टपकाया नहीं गया होता। अगर गाबा में 35 के स्कोर पर बल्लेबाज़ी कर रहे आयरलैंड के लोर्कान टकर का कैच ले लिया गया होता तो संभवतः ऑस्ट्रेलिया का नेट रन रेट आज बेहतर होता। ऑस्ट्रेलिया 89 पर सात विकेट खो चुकी आयरलैंड को 110 के भीतर रोक देती अगर टकर ने जीवनदान मिलने के बाद 71 रनों की पारी नहीं खेली होती और आयरलैंड का स्कोर 137 तक न पहुंचाया होता।
यही वजह है कि पोंटिंग मानते हैं कि ऑस्ट्रेलिया ने हर विभाग में लचर प्रदर्शन किया है और अपनी योजनाओं को अमलीजामा पहनाने में नाक़ाम रहा है। उन्होंने कहा, "मैच में आपको इन्हीं लम्हों को अपने नाम करना होता है और यदि आप पिछले विश्व कप की तरफ़ मुड़ कर देखेंगे तो आप पाएंगे कि ऑस्ट्रेलिया ने हर छोटे लम्हों को अपने नाम किया था। मुझे लगता है कि ऑस्ट्रेलिया ने हर विभाग में उम्मीद से कमतर प्रदर्शन किया है। उनकी फ़ील्डिंग लचर रही है। अधिकांश मौक़ों पर उनकी गेंदबाज़ी उतनी प्रभावशाली नहीं रही है और बल्लेबाज़ों ने उस हिसाब से रन नहीं बनाए जैसे उनसे अपेक्षा थी। यदि वह सेमीफ़ाइनल में जगह नहीं बना पाते हैं तो उनके पास ख़ुद को कोसने का अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं बचेगा।"
ऐलेक्स मैल्कम ESPNcricinfo के असोसिएट एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के एडिटोरियल फ़्रीलांसर नवनीत झा ने किया है।
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