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अक्षर पटेल: मुझे बल्लेबाज़ी करने के दौरान ही पता लग गया था कि इस विकेट पर कैसी गेंदबाज़ी करनी है

तीन विकेट लेकर प्लेयर ऑफ़ द मैच बने अक्षर ने कहा कि उन्होंने बिना कुछ अलग किए चीज़ों को सिंपल रखा

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इंग्लैंड के ख़िलाफ़ सेमीफ़ाइनल में जब अक्षर पटेल को चौथे ओवर में उनके कप्तान रोहित शर्मा ने गेंदबाज़ी दी, तब उन्होंने यह भी कहा कि पिच धीमी और नीची रहकर स्किड कर रही है और यहां पर बड़े शॉट खेलना आसान नहीं है।

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अक्षर इसके बाद आए और बस छा गए। उन्होंने अपनी पहली ही गेंद पर पहले विपक्षी कप्तान जॉस बटलर को पवेलियन भेजा और फिर जॉनी बेयरस्टो और मोईन अली भी उनका शिकार हुए। 3/23 के बेहतरीन आंकड़े के साथ उन्हें प्लेयर ऑफ़ द मैच दिया गया।

अक्षर ने कहा, "मैंने पहली ही गेंद पर विकेट लेने की योजना नहीं बनाई थी, बस मेरा ध्यान सही लेंथ पर गेंदबाज़ी करना था। जब आप नॉकआउट खेलते हैं तो चाहते हैं कि आपकी शुरुआत अच्छी हो और आप अपने स्पेल को ख़त्म भी सही ढंग से करें। पावरप्ले में गेंदबाज़ी करना कठिन होता है, लेकिन जब आपको विकेट से मदद मिल रही हो तो आप बिना कुछ अलग और अतिरिक्त किए और बिना कुछ अधिक सोचे सब कुछ सिंपल रखना चाहते हैं। मैंने वही किया और इससे मुझे मदद मिली। पारी के ब्रेक के दौरान हमने इस पर चर्चा की थी कि यह विकेट बल्लेबाज़ी के लिए आसान नहीं है और मुझे यह भी पता था कि वे मुझ पर आक्रमण करने जाएंगे। लेकिन मुझे यह भी पता था कि चूंकि गेंद बल्ले पर अच्छे से नहीं आ रही है, इसलिए मुझ पर बैकफ़ुट से या फिर सीधा मारना आसान नहीं होगा। मेरी योजना थी कि मैं उनके लिए शॉट खेलना और भी कठिन बनाऊं और उन्हें कुछ अलग शॉट खेलने के लिए मज़बूर करूं। पहली गेंद पर ऐसा ही हुआ।"

क्या 170 का स्कोर पर्याप्त था? इस सवाल के जवाब में अक्षर ने कहा, "हमको पता था कि हम इस स्कोर को डिफ़ेंड कर सकते हैं। रोहित भाई ने अर्धशतक लगाने के बाद बताया कि विकेट आसान नहीं है और यहां पर बड़े शॉट खेलना मुश्किल है। कुछ-कुछ गेंदें नीची रहकर, स्पिन होकर स्किड हो रही हैं। 150-160 का भी स्कोर हमारे लिए पर्याप्त होता और हम उसको डिफ़ेंड कर लेते। जब हमने 170 बनाया तो यह 10-15 रन अतिरिक्त ही था।"

जब अक्षर नंबर आठ पर बल्लेबाज़ी करने आए तो क्रिस जॉर्डन और जोफ़्रा आर्चर डेथ ओवर में गेंदबाज़ी कर रहे थे। अक्षर ने देखा कि दोनों तेज़ गेंदबाज़ अपनी गति से धीमी स्लोअर गेंदें फेंक रहे हैं। इन गेंदों पर हिट लगाना आसान नहीं था। हालांकि फिर भी अक्षर ने जॉर्डन की एक धीमी गेंद पर छक्का लगाया।

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अक्षर ने कहा, "मुझे बल्लेबाज़ी के दौरान ही पता लग गया था कि क्या करना है और क्या नहीं। इस विकेट पर बल्लेबाज़ों को गति देना मतलब उनका काम आसान करना था। गुड लेंथ पर गेंदबाज़ी करना आदर्श था और मैंने जब भी गुड लेंथ पर गेंदबाज़ी की, मुझे कोई भी हिट नहीं लगा पाया। पावरप्ले में गुड लेंथ पर गेंदबाज़ी करना महत्वपूर्ण था।"

अक्षर ने आगे कहा, "जब आप एक बड़े लक्ष्य का पीछा कर रहे होते हैं और पिच से गेंदबाज़ों को मदद मिल रही होती है, तो बल्लेबाज़ पर दबाव होता है। इसलिए एक ओपनर या शीर्ष बल्लेबाज़ होते हुए आप पावरप्ले को हरसंभव भुनाने की कोशिश करते हैं। मुझे लग रहा है कि उनके साथ ऐसा ही हुआ। इस विकेट पर बड़े शॉट लगना या स्वीप या रिवर्स स्वीप खेलना आसान नहीं था। कुछ गेंदें नीची रह रही थी, जिससे बल्लेबाज़ों के दिमाग़ में स्वीप शॉट खेलने पर संदेह हो रहा था कि कहीं गेंद अधिक नीची रहे तो वह पैड पर भी लग सकती है। हमारे स्पिनरों ने स्टंप टू स्टंप गेंदबाज़ी की, जिससे स्वीप और रिवर्स स्वीप मारना भी मुश्किल था।"

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