सिराज : पंत और श्रेयस का आना बाक़ी है जिससे चिंता करने की कोई बात नहीं
वहीं लिटन ने कहा, "अगर हम कल सुबह एक या दो विकेट जल्दी लेते हैं तो मैच को जीता जा सकता है"
जाफ़र : भारतीय बल्लेबाज़ों का रवैया काफ़ी निराशाजनक रहा और अब अक्षर पर सब है निर्भर
मीरपुर टेस्ट के तीसरे दिन का लेखा जोखा और चौथे दिन की रणनीति वसीम जाफ़र के साथजहां एक तरफ़ बांग्लादेश के लिटन दास आश्वस्त थे कि चौथे दिन की सुबह विकेट बांग्लादेश के लिए लाभदायक होंगे, भारत के मोहम्मद सिराज ने इन सभी बातों को दरकिनार किया। सिराज ने कहा कि अक्षर पटेल की मानसिकता मेहमान टीम के लिए एक सकारात्मक पहलू है और ऋषभ पंत और श्रेयस अय्यर का शेष रहना इस टेस्ट मैच के अंतिम पड़ाव में मज़बूती प्रदान करेगा।
लिटन ने कहा कि बांग्लादेश शुरुआत में आक्रामक होकर दोनों नाइट-वॉचमैन अक्षर और जयदेव उनादकट को आउट करने का प्रयास करेगी। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि पंत का अंदाज़ इस मैच के नतीजे को तय करने में अहम होगा।
लिटन ने तीसरे दिन के खेल के बाद कहा, "अगर हम कल सुबह एक या दो विकेट जल्दी लेते हैं तो मैच को जीता जा सकता है। सकारात्मक रहना हमारा लक्ष्य होगा। विश्व की नंबर एक टेस्ट टीम को हराने जैसा और कुछ नहीं है। यह हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि होगी। हम जानते हैं कि मीरपुर की चौथी पारी में बल्लेबाज़ी करना कितना कठिन होता है।"
उन्होंने आगे कहा, "हम जानते थे कि हमें उन्हें 200-220 का लक्ष्य देना था। जो स्कोर हमने खड़ा किया, वह भी कठिन है। अगर हम कल एक या दो विकेट जल्दी लेंगे तो वह दबाव में होंगे। मुझे लगता है कि यह लक्ष्य मैच जीतने के लिए पर्याप्त है। अगर ऋषभ हमेशा की तरह बल्लेबाज़ी करेंगे तो यह मुश्किल होगा और समीकरण बदल जाएगा। हम अच्छी गेंदबाज़ी कर रहे हैं और पिच मदद कर रही है। अब देखते हैं कि आगे क्या होगा।"
वहीं सिराज ने कहा कि अक्षर को ऊपर भेजना एक अच्छी रणनीति है क्योंकि इससे दाहिने और बाएं हाथ का संयोजन बना रहेगा जो बांग्लादेशी गेंदबाज़ों की लाइन और लेंथ को बिगाड़ेगा। तीन चौकों की मदद से 54 गेंदों पर नाबाद 26 रन बनाने वाले अक्षर सबसे सहज बल्लेबाज़ नज़र आए।
सिराज ने कहा, "(अक्षर को ऊपर भेजना) प्रबंधन का फ़ैसला था लेकिन मुझे ऐसा लगा कि अगर बाएं हाथ और दाएं हाथ का बल्लेबाज़ होगा तो गेंदबाज़ों के लिए कठिन होगा। हमने उम्मीद के विपरीत दो अधिक विकेट गंवाए हैं लेकिन हमें चिंता नहीं करनी चाहिए। अक्षर सेट हैं और अच्छी मानसिकता दर्शा रहे हैं। ऋषभ और श्रेयस का आना बाक़ी है और चिंता करने की बात नहीं है।"
भारतीय तेज़ गेंदबाज़ को लगा कि भारत ने तीसरे दिन की शाम बांग्लादेशी पारी के अंतिम पड़ाव में थोड़े अधिक रन ख़र्च किए। सिराज ने कहा, "उनके विकेटकीपर (नुरुल हसन) आए और उन्होंने आक्रमण किया। उसके बाद लिटन ने भी वैसा किया और लय पलट गई। हमने 30 अधिक रन ख़र्च किए लेकिन चिंता करने की कोई बात नहीं है। "
अगर बांग्लादेश कल जल्दी विकेट झटकता है तो लिटन को लगता है कि पंत और श्रेयस के बाद की कमज़ोर बल्लेबाज़ी भारत के लिए परेशानी का सबब बनेगी। लिटन ने कहा, "आप कितने ही बड़े बल्लेबाज़ क्यों ना हो, अगर आपके बाद विकेट नहीं हो तो मन चाही बल्लेबाज़ी करना कठिन है। ऋषभ (पंत) और (श्रेयस) अय्यर निश्चित तौर पर अच्छे खिलाड़ी हैं लेकिन वह इस स्थिति में दबाव में होंगे।"
लिटन को लगा कि शाकिब द्वारा भारतीय पारी की शुरुआत से तीन फ़ील्डरों को सीमा रेखा पर रखकर आक्रमण करना एक स्मार्ट फ़ैसला था।
उन्होंने कहा, "हम अपने गेंदबाज़ों की गुणवत्ता जानते हैं। मीरपुर में बल्लेबाज़ी करना हमेशा कठिन होता है। उसी समय हमारे पास एक बड़ा स्कोर नहीं था। अगर आप आक्रमण करने के प्रयास में रन दे देंगे तो बचाने के लिए ज़्यादा कुछ बचेगा नहीं। हम जानते थे कि बल्ले के पास वाले फ़ील्डरों के हाथों विकेट गिरेंगे लेकिन हमने संरक्षण रखा। यह एक अच्छा निर्णय था क्योंकि इसने बल्लेबाज़ों को संशय में डाला।"
बांग्लादेश द्वारा 144 रनों की बढ़त लेने में लिटन की अहम भूमिका रही। सर्वाधिक 73 रन बनाते हुए उन्होंने दो महत्वपूर्ण साझेदारियां निभाई। लिटन ने कहा कि उन्होंने अपने साथी बल्लेबाज़ों को टूटती हुई पिच पर जवाबी हमला करने को कहा।
लिटन ने कहा, "जब (मेहदी हसन) मिराज बल्लेबाज़ी करने आए, मैंने कहा कि ज़्यादा देर तक डिफ़ेंड करके कोई फ़ायदा नहीं है। वह बहुत अच्छी गेंदबाज़ी कर रहे थे। हमें जवाबी हमला करना था। मिराज नहीं कर पाए लेकिन मैंने वही बात (नुरुल हसन) सोहन भाई से कही और उन्होंने महत्वपूर्ण रन बनाए।"
उन्होंने आगे कहा, "मैंने तस्कीन को भी वही बात बताई कि अगर हम ज़्यादा डिफ़ेंड करेंगे तो वह हम पर हावी हो जाएंगे। इस पिच पर आपको रन चाहिए, आप ना तो लंबे समय तक टिक पाएंगे और ना ही मैच ड्रॉ होगा। रन कैसे आए इससे फ़र्क़ नहीं पड़ता लेकिन आने चाहिए। 100 रनों का बचाव करना कठिन है लेकिन 150 के लक्ष्य के साथ समीकरण अलग होता है। अगर बढ़त 200 की होती तो और अच्छा होता। यह मैच पांचवें दिन तक नहीं जाएगा तो मैं तस्कीन से कहता रहा कि हमें हमला करना चाहिए। मुझे लगता है कि हम सफल रहे।"
इस पूरी टेस्ट सीरीज़ में बांग्लादेश की फ़ील्डिंग निराशाजनक रही है। उन्होंने कई मौक़े गंवाए हैं। यह करो या मरो वाली स्थिति में चिंता का विषय है और लिटन ने कहा कि 100 रनों का बचाव करते हुए कैच लपकना अहम होगा।
लिटन ने कहा, "जब गेंद में टर्न और उछाल हो तब फ़ील्डिंग करना बहुत कठिन होता है। गेंद तेज़ी से आती है। वह 100 रनों से पीछे हैं तो हमें मैच जीतने के लिए अच्छी फ़ील्डिंग करनी होगी।"
मोहम्मद इसाम ESPNcricinfo के बांग्लादेशी संवाददाता हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।
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