News

राहुल: मुझे कुलदीप को बाहर रखने के फ़ैसले पर नहीं है कोई अफ़सोस

"अगर यहां आईपीएल की तरह इम्पैक्ट प्लेयर नियम होता तो मैं दूसरी पारी में उन्हें टीम में रखना पसंद करता"

सिद्धार्थ मोंगा
जाफ़र : बांग्लादेश में तो भारत बच गया लेकिन ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ सरफ़राज़ और सूर्या को लाना होगा

जाफ़र : बांग्लादेश में तो भारत बच गया लेकिन ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ सरफ़राज़ और सूर्या को लाना होगा

वसीम जाफ़र से जानिए और समझिए क्यों 2-0 से क्लीन स्वीप के बावजूद भारत को कुछ कड़े फ़ैसले लेने होंगे

भारत के कार्यवाहक कप्तान के एल राहुल ने स्वीकार किया कि उन्हें कुलदीप यादव की कमी खली, लेकिन एक अतिरिक्त तेज़ गेंदबाज़ के लिए कुलदीप को बाहर करने के फ़ैसले पर उन्हें कोई अफ़सोस नहीं है क्योंकि सभी पांच दिनों के लिए टीम का चयन किया जाता है और उन्हें लगा कि तीन तेज़ गेंदबाज़ मीरपुर की परिस्थितियों के लिए सही संतुलन हैं।

Loading ...

इस टेस्ट में गेंदबाज़ों ने 36 विकेट (एक रन आउट पर विकेट गिरा था) लिए, जिसमें से 11 तेज़ गेंदबाज़ों ने और 25 स्पिनरों ने लिए। दूसरी पारी में बांग्लादेश पहली पारी की तुलना में अधिक स्कोर करने में सफल रहा और मैच की चौथी पारी में अपने तीन स्पिनरों के साथ भारत को बेहद दबाव में डाल दिया था। पिछले टेस्ट में प्लेयर ऑफ़ द मैच रहे कुलदीप को बाहर बैठाना पहली पारी में गरमागरम बहस का विषय था और दूसरी पारी में इस पर और चर्चा हुई।

चटगांव टेस्ट में प्लेयर ऑफ़ द मैच रहे कुलदीप को मीरपुर टेस्ट में भारतीय एकादश से बाहर कर दिया गया था  Associated Press

राहुल से तीन विकेट की नज़दीकी जीत के बाद चयन को लेकर में पूछा गया। उन्होंने कहा, "अगर यहां आईपीएल की तरह इम्पैक्ट प्लेयर नियम होता तो मैं दूसरी पारी में कुलदीप को रखना पसंद करता। यह जानते और समझते हुए कि उसने बस कुछ दिनों पहले हमारे लिए टेस्ट जीता है, यह एक कठिन फ़ैसला था, लेकिन मैच से पहले और पहले दिन पिच को देखकर हमें लगा कि यहां तेज़ गेंदबाज़ों और स्पिनरों दोनों को मदद मिलेगी। इसे ध्यान में रखते हुए हम सर्वश्रेष्ठ संतुलित टीम खेलना चाहते थे और यही वजह थी कि हमने यह फ़ैसला लिया।"

उन्होंने आगे कहा, "मुझे इसका कोई अफ़सोस नहीं है और यह सही फ़ैसला था। यदि आप देखें कि हमने जो 20 विकेट लिए हैं, उसमें से बहुत सारे विकेट (10) तेज़ गेंदबाज़ों ने भी लिए हैं। उन्हें काफ़ी मदद मिली और काफ़ी असंगत उछाल भी मिला। ये सारे फ़ैसले हमने यहां (मीरपुर) वनडे सीरीज़ में खेलने के अनुभव को ध्यान में रखते हुए लिए। हमने यहां दो वनडे खेले और हमने देखा कि स्पिन और तेज़ गेंदबाज़ों दोनों के लिए मदद थी। यह समझते हुए कि एक टेस्ट मैच चार या पांच दिनों तक चलता है, आपके पास दोनों होने चाहिए। आपको संतुलित आक्रमण की ज़रूरत होती है और मुझे लगता है कि यह सही फ़ैसला था।"

सिद्धार्थ मोंगा ESPNcricinfo में असिस्टेंट एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के एडिटोरियल फ़्रीलांसर कुणाल किशोर ने किया है।

Take ESPNcricinfo Everywhere

Download the #1 Cricket app