मेंडिस को मिले चार जीवनदान ने बांग्लादेश को सुपर 4 में जाने से रोक दिया
लक इंडेक्स के ज़रिए जानिए कि मेंडिस को मिले जीवनदान से बांग्लादेश को कितने रनों का घाटा हुआ
क़िस्मत के घोड़े पर सवार मेंडिस और जोश से लबरेज़ शनका ने बांग्लादेश का किया बैग पैक
सुपर-4 में पहुंची श्रीलंका ने कैसे क़रीब क़रीब हारी हुई बाज़ी की अपने नाम जानिए वसीम जाफ़र के साथकुसल मेंडिस ने बांग्लादेश के ख़िलाफ़ 37 गेंदों में 60 रनों की पारी खेली। सुपर 4 में प्रवेश करने के लिए इस अहम मुक़ाबले में मिली जीत के वह हीरो रहे। हालांकि उनकी पारी काफ़ी पहले ख़त्म हो सकती थी लेकिन बांग्लादेशी फ़ील्डरों ने उन्हें चार बार जीवनदान दे दिया। ईएसपीएनक्रिकइंफ़ों के लक इंडेक्स के ज़रिए हम यह मांपने का प्रयास करेंगे कि मेंडिस को दिए गए चार जीवनदान के कारण बांग्लादेश को कितने रनों का नुक़सान हुआ।
मेंडिस को पहला जीवनदान दूसरे ओवर में मिला और यह बांग्लादेश को सबसे ज़्यादा महंगा पड़ा। उस वक़्त मेंडिस तीन गेंदों में दो रन बना कर खेल रहे थे। मुशफ़िकुर रहीम ने कीपिंग करते हुए एक मुश्किल कैच को पकड़ने का प्रयास तो किया लेकिन वह उस प्रयास में सफल नहीं हो पाए। ईएसपीएनक्रिकइंफ़ों के लक इंडेक्स के अनुसार बांग्लादेश को इस कैच ड्रॉप के कारण 37 रनों का नुक़सान हुआ। कुल मिला कर साफ़- साफ़ शब्दों में यह कहा जा सकता है कि अगर मुशफ़िकुर इस कैच को पकड़ लेते तो उनकी टीम आराम से यह मैच जीत कर सुपर 4 में चली जाती।
बांग्लादेश के पास मेंडिस को आउट करने के तीन अन्य अवसर थे, लेकिन हर बार वे असफल रहे। सातवें ओवर में जब मेंडिस 16 गेंदों पर 29 रन बना कर खेल रहे थे, तब वह कैच आउट हो गए लेकिन फिर पता चला कि वह एक नो बॉल थी। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के कारण बांग्लादेश को 10 रन का घाटा हुआ। वहीं एक कैच के लिए रिव्यू नहीं लेने पर बांग्लादेश को सात रनों का घाटा हुआ। उस गेंद को वाइड भी करार दिया गया था।
कैसी की जाती है यह गणना
इन आंकड़ों की गणना एक जटिल एल्गोरिथम के माध्यम से की जाती है, जो यह मानता है कि बल्लेबाज़ उस गेंद पर आउट हो जाता, जिस पर वह आउट होने से बच गया था। इसके बाद वह उतने ही गेंद खेलता जितना एक नॉट आउट बल्लेबाज़ या फिर ऐसा बल्लेबाज़ खेलता, जिसे बैटिंग करने का मौक़ा ही नहीं मिला।
इस मामले में चूंकि लक्ष्य का पीछा करने में श्रीलंका ने आठ विकेट खो दिए थे। इसलिए केवल तीन बल्लेबाज़ ऐसे थे जिन्हें उन अतिरिक्त गेंदों को आवंटित किया जा सकता था - नाबाद रहे महेश थीक्षाना और असिथा फ़र्नांडो, और दिलशान मदुशंका, जिन्होंने बल्लेबाज़ी नहीं की। अब यह देखते हुए कि वे सभी निचले क्रम के बल्लेबाज़ हैं और श्रीलंका की टीम अगर ऑलआउट हो जाती तो 58 के बजाय 34 अतिरिक्त गेंदों पर केवल 21 रन बनते। एल्गोरिथम से पता चलता है कि अगर मुशफ़िकुर ने मेंडिस को जल्दी आउट करने का मौका लिया होता तो बांग्लादेश को काफ़ी फ़ायदा होता।
एस राजेश ESPNcricinfo के स्टेट्स एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर राजन राज ने किया है।
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