संभवतः 25 जनवरी को हो सकता है महिला आईपीएल फ़्रैंचाइज़ी टीमों का ऐलान
बीसीसीआई ने पूरे भारत के 10 शहरों के एक पूल को भी शॉर्टलिस्ट किया है जहां से टीमें संचालित होंगी

25 जनवरी को बीसीसीआई महिला आईपीएल के पहले सीज़न में भाग लेने वाली पांच फ़्रैंचाइज़ियों के नाम बताएगा। महिला आईपीएल के 5 से 23 मार्च के बीच होने की संभावना है। वर्तमान में सीलबंद लिफ़ाफ़ों में जमा की गई इन फ़्रैंचाइज़ियों की वित्तीय बोलियां 25 जनवरी को ही खोली जाएंगी। हालांकि बीसीसीआई ने अपने टेंडर डाक्यूमेंट में बताया है कि वह "सबसे ज़्यादा रक़म वाली बोली को स्वीकार करने के लिए बाध्य नहीं है" और भारत में महिला क्रिकेट के विकास को बढ़ाने की दिशा में बोलीदाताओं के काम करने का तरीक़ा भी महत्वपूर्ण होगा।
पिछले हफ़्ते बीसीसीआई ने महिला आईपीएल में पांच फ़्रैंचाइज़ियों के स्वामित्व और संचालन के लिए बोलियां आमंत्रित करते हुए टेंडर जारी किया था। टेंडर आमंत्रण डॉक्यूमेंट (आईटीटी), जिसका समरी ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो ने देखा है, में बीसीसीआई ने बताया है कि सिंगल बिडर एक से अधिक शहरों के लिए कंटेस्ट कर सकता है।
दस शहरों का प्रस्ताव
बीसीसीआई ने टेंडर में 10 शहरों के एक पूल को शॉर्टलिस्ट किया है और उनकी संबंधित क्षमता सहित ग्राउंड्स को सूचीबद्ध किया है। इस सूची में अहमदाबाद (नरेंद्र मोदी स्टेडियम, क्षमता 112,560), कोलकाता (ईडन गार्डंस, 65,000), चेन्नई (एमए चिदंबरम स्टेडियम, 50,000), बेंगलुरु (एम चिन्नास्वामी स्टेडियम, 42,000), दिल्ली (अरुण जेटली स्टेडियम, 55,000), धर्मशाला ( एचपीसीए स्टेडियम, 20,900), गुवाहाटी (बरसापारा स्टेडियम, 38,650), इंदौर (होल्कर स्टेडियम, 26,900), लखनऊ (अटल बिहारी वाजपेयी एकाना क्रिकेट स्टेडियम, 48,800) और मुंबई (वानखेड़े/डीवाई पाटिल/ब्रेबॉर्न स्टेडियम)। मुंबई के लिए तीन ग्राउंड्स को सूचीबद्ध किया गया है, बीसीसीआई ने कहा है कि तीन में से एक का उपयोग "उपलब्धता और अन्य फ़ैक्टर्स" के आधार पर किया जाएगा।
10 शहरों का पूल बनाने का वर्तमान प्लान उस प्लान से अलग है, जिसे बीसीसीआई ने मूल रूप से पिछले साल अपनी वार्षिक आम सभा की बैठक में राज्य संघों को प्रस्तुत किया था। तब बीसीसीआई ने कहा था कि उसका इरादा या तो देश के छह ज़ोनों में से प्रत्येक से एक शहर चुनना है या इन पांच टीमों के लिए बिना होम बेस के आधा दर्जन शहरों में टूर्नामेंट आयोजित करना है।
उच्चतम बोली का निर्धारण
धर्मशाला, गुवाहाटी और इंदौर को छोड़कर शेष सात शहर पहले से ही पुरुष आईपीएल टीमों के होम बेस के रूप में हैं। बीसीसीआई ने कोई आधार मूल्य निर्धारित नहीं किया है, लेकिन बोलीदाताओं को 10 सीज़न के लिए क़ीमत लगाने के लिए कहा गया है। बोलीदाताओं को एक से अधिक फ़्रैंचाइज़ी/शहर के लिए कंटेस्ट करने का विकल्प दिया गया है, लेकिन बीसीसीआई ने कहा है कि सफल बोलीदाता को सिर्फ़ एक फ़्रैंचाइज़ी दी जाएगी।
बीसीसीआई ने कहा, "उच्चतम बोली राशि वाले स्टेडियम को पहले अवॉर्ड दिया जाएगा। इसके बाद अगली उच्चतम बोली राशि वाले स्टेडियम को पुरस्कृत किया जाएगा।"
यदि किसी एक वेन्यू के लिए दो उच्चतम बोलियां बराबर होती हैं, तो बीसीसीआई ने कहा है कि फिर से बोली लगाई जाएगी। यदि दो अलग-अलग बोलीदाताओं का दो वेन्यू के लिए उच्चतम बोली समान है, तो बीसीसीआई के पास "आदेश तय करने का विवेकाधिकार" होगा। एक से अधिक मैदानों के लिए कोई बोलीदाता टॉप बोली हासिल कर लेता है, तो बीसीसीआई के पास वेन्यू तय करने की स्वतंत्रता है।
पहले तीन सीज़न का फ़ॉर्मैट
आईटीटी की जानकारी के आधार पर पहले तीन सीज़न (2023-25) में 22-22 मैच होंगे। महिला आईपीएल के लीग चरण में प्रत्येक टीम एक-दूसरे से दो-दो बार (कुल 20 मैच) खेलेगी और तालिका में शीर्ष पर रहने वाली टीम सीधे फ़ाइनल में पहुंचेगी। लीग में दूसरे और तीसरे स्थान पर रहने वाली टीमें फ़ाइनल खेलने वाली दूसरी टीम बनने के लिए एलिमिनेटर खेलेंगी।
बीसीसीआई ने यह भी कहा है कि मार्च महीना महिला आईपीएल के लिए विंडो रहेगा। 2026 सीज़न से महिला आईपीएल में "33-34" मैच हो सकते हैं, लेकिन बीसीसीआई ने इस टूर्नामेंट संरचना पर कोई विवरण नहीं दिया है।
फ़्रैंचाइज़ियों को केंद्रीय राजस्व पूल से 80% हिस्सा मिलेगा
16 जनवरी को बीसीसीआई महिला आईपीएल के मीडिया राइट्स के लिए सीलबंद बोलियां खोलेगा। कोई आधार मूल्य तय नहीं किया गया है। पिछले साल पुरुष आईपीएल के राइट्स के लिए रिकॉर्ड राशि को देखते हुए बीसीसीआई को कड़ी प्रतिस्पर्धा की उम्मीद है।
जैसा कि आईपीएल में देखा गया है मीडिया राइट्स आय बीसीसीआई और फ़्रैंचाइज़ियों दोनों की आय का एक अभिन्न हिस्सा है। बीसीसीआई ने एक बार फिर उसी राजस्व-साझाकरण फ़ॉर्मूले पर टिके रहने का फ़ैसला किया है, जिसका उपयोग आईपीएल में केंद्रीय राजस्व पूल से फ़्रैंचाइज़ियों को वितरण के लिए किया जाता है।
आईटीटी में बोर्ड ने कहा, "बीसीसीआई हर साल सभी केंद्रीय टीम लाइसेंसिंग आय का 80% फ़्रैंचाइज़ियों को भुगतान करेगा। बीसीसीआई पहले पांच वर्षों में फ़्रैंचाइज़ियों को केंद्रीय राइट्स आय का 80%, अगले पांच वर्षों में 60% और उसके बाद 50% हिस्स भुगतान करेगा।"
नागराज गोलापुड़ी ESPNcricinfo में न्यूज़ एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के एडिटोरियल फ़्रीलांसर कुणाल किशोर ने किया है।
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