इंग्लैंड की टेस्ट टीम को फ़र्श से उठाना असली चुनौती : मक्कलम
इंग्लैंड के नए टेस्ट कोच का मानना है कि सीमित ओवर टीम का कोच बनना 'आरामदेय' होता

इंग्लैंड के नए टेस्ट कोच ब्रेंडन मक्कलम ने कहा है कि सफ़ेद गेंद टीमों को संभालने के 'आरामदेय' काम से इतर उन्होंने इंग्लैंड टेस्ट क्रिकेट को फ़र्श से उभारने की ज़िम्मेदारी को पसंद किया। मक्कलम के नियुक्ति की घोषणा गुरुवार को की गई और वह कोलकाता नाइट राइडर्स के आईपीएल अभियान की समाप्ति के तुरंत बाद न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ 2 जून से होने वाली सीरीज़ से पहले टीम के साथ जुड़ जाएंगे।
'एसईएनज़ेड' रेडियो से बात करते हुए उन्होंने कहा, "मैंने दोनों भूमिकाओं को देखा लेकिन सफ़ेद गेंद के कोच की भूमिका मुझे रास नहीं आई। इन प्रारूपों में इंग्लैंड शायद दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम है और वहां मेरे अच्छे दोस्त ओएन मॉर्गन ने बहुत बढ़िया सिस्टम बनाया है, जो मुझे लगता है कि उनके बाद भी अच्छे से चलती रहेगी। मेरे लिए ऐसी आरामदेय काम में कोई दिलचस्पी नहीं थी। मुझे हमेशा लगता है कि अगर आप अपने जीवन में कुछ बदलना चाहते हैं तो आपको कुछ ज़्यादा संघर्षपूर्ण चुनौती की ज़रूरत होती है। फ़िलहाल इंग्लैंड की [टेस्ट] टीम फ़र्श पर है और इसे आने वाले वक़्त में एक सफल टीम बनाने में ही असली चुनौती दिखी।"
मक्कलम ने यह भी माना कि अपने पिछले 17 में सिर्फ़ एक टेस्ट जीते हुए इंग्लैंड को सशक्त बनाना टेस्ट फ़ॉर्मैट के स्वास्थ्य के लिए भी ज़रूरी है। मक्कलम का अनुबंध चार साल का है अर्थात वह 2025-26 में ऑस्ट्रेलिया में होने वाले ऐशेज़ तक टीम के साथ होंगे।
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है टेस्ट क्रिकेट की लोकप्रियता दिन पे दिन कम हो रही है। मैं सीमित ओवर की क्रिकेट और फ़्रैंचाइज़ी क्रिकेट के साथ जुड़े रहने में काफ़ी भाग्यशाली रहा हूं, लेकिन मेरा असली प्यार टेस्ट क्रिकेट ही है। अगर टेस्ट क्रिकेट को कोई देश फिर से आकर्षक और लोकप्रिय बना सकता है तो वह इंग्लैंड ही है। अगर आप चहरे पर मुस्कान लिए एक आकर्षक टेस्ट शैली खेल सकते हैं तो ऐसे में मुझे लगा कि अगर मुझे इस काम के क़ाबिल समझा गया है तो यह मेरे लिए सही है।"
मक्कलम बेन स्टोक्स की कप्तानी को क़रीब से देखने के बारे में भी उत्साहित हैं। न्यूज़ीलैंड में जन्में स्टोक्स और अपने हमवतन होने के बारे में मज़ाक़ करने के बाद वह बोले, "जिस प्रकार स्टोक्स अपना क्रिकेट खेलते हैं वह मेरे खेल और कोचिंग शैली से काफ़ी मिलता है। वह स्वच्छंद रूप से विपक्ष पर दबाव डालते हैं। हालांकि लॉर्ड्स टेस्ट का पहला दिन काफ़ी रोचक होगा। लेकिन मज़ा भी आने वाला है।"
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