वापसी पर शमी : मुझे उस बच्चे की तरह महसूस हो रहा था जो चलना सीख रहा होता है
शमी ने कहा कि भारतीय टीम के लिए दोबारा खेलने की उनकी इच्छा वापसी करने में उनके लिए प्रेरणा साबित हुई
मोहम्मद शमी जब पूरे 2024 में क्रिकेट से दूर थे तब इस दौरान उन्हें इस बात की चिंता सताने लगी थी कि कहीं उनका अंतर्राष्ट्रीय करियर समाप्त नहीं हो गया हो। अब शमी चैंपियंस ट्रॉफ़ी में जब भारत के तेज़ गेंदबाज़ी आक्रमण की अगुवाई कर रहे हैं, तो उन्होंने अपनी वापसी की तुलना उस बच्चे से की है जो चलना सीख रहा होता है।
शमी ने icc.tv से कहा, "मैं यह सोचता रहता था कि कब मैं मैदान पर अपने क़दम रखूंगा। एक ऐसा आदमी जो मैदान पर दौड़ने का आदी था वह अब बैसाखी के सहारे था। मेरे ज़ेहन में काफ़ी चीज़ें चल रही थीं, क्या मैं दोबारा वैसी ही गेंदबाज़ी कर पाऊंगा? क्या मैं बिना लंगड़ाए चल पाऊंगा? पहले दो महीने तक तो मैं यही सोचता रहता कि मैं दोबारा खेल पाऊंगा या नहीं।
डॉक्टर से मेरा सबसे पहला सवाल यही था 'मुझे मैदान पर वापसी करने में कितने दिन लगेंगे।' तो उन्होंने यही कहा, 'मेरी पहली प्राथमिकता यही है कि आपको पहले चलने के लिए सक्षम करूं, फिर जॉग करने के लिए और फिर दौड़ने के लिए। प्रतिस्पर्धी क्रिकेट खेलने के बारे में सोचना अभी काफ़ी दूर है।'
"60 दिन बाद जब उन्होंने मुझे अपने पैर ज़मीन पर रखने के लिए कहा तो आपको विश्वास नहीं होगा कि मुझे ज़मीन पर पैर रखने में भी डर लग रहा था। ऐसा लगा जैसे में एक नई शुरुआत कर रहा हूं, जैसे एक बच्चा चलना सीखता है। और मुझे चोट को लेकर काफ़ी चिंता सता रही थी।"
टखने की चोट से उबरने के बाद शमी को मार्च 2024 में सर्जरी से गुज़रना पड़ा। उन्हें घुटने में लगातार समस्या आती रही जिसके चलते उनकी वापसी में भी देर होती चली गई। रणजी सीज़न के लिए बंगाल की टीम में वापसी करने के बाद शमी इंग्लैंड के ख़िलाफ़ घरेलू सफ़ेद गेंद दौरे के लिए भारतीय दल में शामिल किए गए और उन्होंने चैंपियंस ट्रॉफ़ी के लिए अपनी फ़िटनेस साबित की।
शमी अपने पिछले ICC टूर्नामेंट - वनडे वर्ल्ड कप 2023 में सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ थे, वह भी तब जब उन्होंने उस टूर्नामेंट में सिर्फ़ सात मैच खेले थे। चैंपियंस ट्रॉफ़ी में जसप्रीत बुमराह की अनुपस्थिति में उनके ऊपर बड़ी ज़िम्मेदारी है।
शमी ने कहा, "मैं भारत के लिए दोबारा खेलना चाहता था। काफ़ी दर्द से गुज़र रहा था लेकिन मैंने अपना धैर्य नहीं खोया। मेरे लिए प्रेरणा यही थी कि मुझे अपने देश के लिए जितना संभव हो सके उतना खेलना है। क्योंकि जब आप दूर हो जाते हैं तो आप किसी अन्य व्यक्ति की तरह होते हैं।"
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