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दीपक चाहर : विश्व कप जीतना किसी भी खिलाड़ी का सपना होता है

हैमस्ट्रिंग और पीठ के चोटों से उबरने के बाद तेज़ गेंदबाज़ भारतीय टीम में वापसी करने को बेताब हैं

दीपक चाहर पिछले कुछ सालों में चोटों से काफ़ी परेशान रहे हैं  BCCI

दीपक चाहर अपनी हैमस्ट्रिंग और पीठ के चोटों से उबर चुके हैं और 31-वर्षीय तेज़ गेंदबाज़ नेशनल टीम में अपनी जगह फिर से हासिल करने के लिए तत्पर हैं। चाहर पिछली बार भारत के लिए दिसंबर 2022 में खेले थे और इसके बाद से लगातार चोट के चलते काफ़ी मैच मिस कर चुके हैं। हैमस्ट्रिंग की परेशानी के चलते उन्हें इस सीज़न आईपीएल में भी चेन्नई सुपर किंग्स के लिए छह मैचों के लिए बाहर बैठना पड़ा था।

इससे पहले चाहर 2022 के आईपीएल को भी मिस कर गए थे और 2022 के टी20 विश्व कप में भी उनका चयन नहीं हो पाया था। दिल्ली में एक प्रमोशनल इवेंट के दौरान उन्होंने बताया, "किसी खिलाड़ी को इंजरी से हताश नहीं होना चाहिए। यह आपके नियंत्रण में नहीं होता। अब मेरी प्राथमिकता यह है कि मैं फ़िट रहूं और टीम के लिए उपलब्ध रहूं।

"आप यह भी कह सकते हैं कि मेरे लिए समय थोड़ा बुरा था। पिछले साल मुझे पीठ की चोट लगी थी, जो तेज़ गेंदबाज़ के लिए हमेशा परेशानी बनती है। अब मैं ठीक हूं। मैं फ़िलहाल अपनी गेंदबाज़ी से काफ़ी संतुष्ट हूं। मैं नेशनल टीम में वापसी करना चाहता हूं। मैंने हाल ही में आरपीएल (राजस्थान प्रीमियर लीग) खेला। रविवार तक मैं एनसीए में था और एशियाई खेलों में जा रही टीम के साथ अभ्यास कर रहा था।

चाहर ने अब तक भारत की ओर से 12 वनडे में 16 विकेट और 24 टी20आई में 29 अंतर्राष्ट्रीय विकेट लिए हैं। उन्हें आनेवाले वनडे विश्व कप के लिए भारतीय दल में नहीं रखा गया है लेकिन वह अपने करियर में एक बार विश्व कप जीतने वाली टीम का हिस्सा बनना चाहते हैं। उन्होंने कहा, "एक क्रिकेटर का सपना होता है विश्व कप खेलना और जीतना। मुझे जब भी मौक़ा मिलेगा मैं इसे साकार करना चाहूंगा। मैंने पहली बार खेलते हुए कई टूर्नामेंट जीते हैं। जब हमने 2018 में एशिया कप जीता था तब वह मेरा पहला संस्करण था। मैंने छह आईपीएल में पांच फ़ाइनल खेले हैं और तीन में जीत हासिल हुई। मैंने अब तक विश्व कप नहीं खेला और जब ऐसा होगा, तब अपनी टीम को जीत दिलाने की पूरी कोशिश करूंगा।"

चाहर ने सीएसके के लिए खेलते हुए अपने कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से सीखने की बात की। उन्होंने कहा, "मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मैंने माही भाई के साथ इतना वक़्त गुज़ारा है। मैं उनके साथ इतने सालों से खेल रहा हूं। मैं उन्हें अपना बड़ा भाई और उस्ताद मानता हूं। बतौर खिलाड़ी और एक व्यक्ति, मेरी नज़रों में उनकी बहुत इज़्ज़त है। उनसे बहुत कुछ सीखने को मिलता है।

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