जैसा कप्तान चाहता है, मैं वैसी गेंदबाज़ी करता हूं : आवेश
इस सीज़न के दूसरे सबसे सफल गेंदबाज़ के साथ ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो की विशेष बातचीत
Avesh Khan: 'It's good for me that the team management, especially Rishabh, has belief in me'
The Delhi Capitals bowler speaks about enjoying the faith of his captainचेन्नई सुपर किंग्स के ख़िलाफ़ पहले क्वालीफ़ायर में आवेश ख़ान दिल्ली कैपिटल्स के लिए सबसे महंगे गेंदबाज़ साबित हुए। उन्होंने इस मैच में 47 रन देकर एक विकेट लिया। हालांकि वह इस सीज़न दूसरे सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ हैं। क्वालीफ़ायर से पहले सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ों में आवेश ऐसे शीर्ष पांच गेंदबाज़ों में से हैं, जिनकी इकॉनमी सात से कम थी। सात अक्तूबर को हुई इस बात चीत में आवेश ने अपने गेंदबाज़ी दिमाग के बारे में बताया।
दिल्ली कैपिटल्स के साथ आप 2017 से हैं, लेकिन यह पहला सीज़न है जिसमें आपको हर एक मैच खेलने का मौक़ा मिला है। क्या ऐसा बदलाव आया है?
भारत के लिए खेलने का सपना देखने वालों के लिए इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) एक दरवाज़े की तरह है। इस सीज़न हर एक मैच खेलने से मुझमें आत्मविश्वास आया है। हर साल मैं यही तैयारी करता था कि मुझे पहले मैच से ही मौक़ा मिलेगा, लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा कभी नहीं हुआ। पिछले दो साल में मुझे बस एक-एक मैच मिले। इस सीज़न पहले दो मैचों के लिए कगिसो रबाडा और अनरिख़ नॉर्खिये उपलब्ध नहीं थे, जबकि इशांत भाई फ़िट नहीं थे। उस समय ऋषभ पंत ने मुझ पर विश्वास दिखाया। मेरा लक्ष्य था कि अगर मुझे पहले मैच से मौक़ा मिले तो मैं उसे दोनों हाथ से लपकूंगा और ऐसा प्रदर्शन करूंगा जो टीम की जीत में सहायक हो।
हमने इस साल 13 मैचों में से सिर्फ़ तीन मैच ही गवाएं हैं और ये भी एकदम निकट के मैच थे। कोई एक तरफ़ा मैच नहीं था। चेन्नई के ख़िलाफ़ पहले मैच में मैंने अच्छी लय पकड़ी। हमारी गेंदबाज़ी अच्छी रही। मानसिक रूप से मैं स्थिर और शांत था। धीरे-धीरे मैं डेथ ओवर के साथ-साथ पावरप्ले में भी गेंदबाज़ी करने लगा।
Avesh Khan: 'It's good for me that the team management, especially Rishabh, has belief in me'
The Delhi Capitals bowler speaks about enjoying the faith of his captainचेन्नई के ख़िलाफ़ पहले मैच में आपने धोनी का विकेट लिया? उसके बारे में बताइए?
जब माही भाई बल्लेबाज़ी करने आए, तो ऋषभ ने मुझसे मिड ऑन और मिड ऑफ़ रखने को कहा। उसने कहा कि अगर वह (धोनी) आपको सिर के ऊपर से भी मारेंगे, फिर भी कोई दिक़्क़त नहीं है। आप बस ओवरपिच गेंदे ना डाले और अपनी लेंथ को पकड़कर ही गेंदबाज़ी कीजिए। पहले तो मैं पंत से सहमत नहीं था लेकिन फिर मैंने उनकी बात मानी। दूसरी ही गेंद को धोनी ने ऊपर से मारना चाहा और हमें विकेट मिला।
आपको फिर दूसरे मैच में भी धोनी का विकेट मिला।
एक बार फिर से ऋषभ से मैंने बात की। उन्होंने मुझसे हार्ड लेंथ पर गेंद डालने को कहा, जहां से शॉट लगाना आसान नहीं होता। मैंने वैसी ही गेंद की और वह बाहरी किनारे का शिकार बने।
आपने उस ओवर में जो तीन गेंद डाली, वह फ़ुल लेंथ की तेज़ गेंदे थी। उस योजना के बारे में बताइए।
इस ओवर से पहले मेरी पंत से बात हुई थी। मैंने उनसे कहा था कि मैं वाइड यॉर्कर गेंद फेकूंगा। माही भाई के लिए अलग योजना थी, रायुडू भाई के लिए अलग। जड्डू भाई के लिए मैं लेग साइड की लंबी बाउंड्री का इस्तेमाल करना चाहता था। चूंकि उस समय जड्डू भाई अच्छी लय में थे और तेज़ गेंदों को अपने पक्ष में कर सकते थे, इसलिए मैंने उनको स्लोअर गेंदे की।
हर्षल पटेल और आप इस आईपीएल के दो सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ हैं। आप दोनों ने लगातार डेथ ओवर में यॉर्कर गेंदबाज़ी की है। आपने इस पर काफ़ी काम किया है?
यह मैच की परिस्थितियों पर निर्भर करता है। मुंबई के ख़िलाफ़ मैच में मैंने एक ओवर में चार यॉर्कर गेंदे फेंकी, जिसमें हार्दिक पंड्या का विकेट शामिल है। शारजाह की विकेट स्लो थी इसलिए मैंने स्लो यॉर्कर और स्लो बाउंसर गेंदों का मिश्रण किया। फ़्लैट विकेटों पर यॉर्कर गेंदे बहुत उपयोगी होती हैं। आपने छह बार 20वां ओवर किया है। आपको अच्छा लगता होगा कि टीम आप पर इतना विश्वास करती है? यह मेरे लिए अच्छा है कि टीम मैनेजमेंट और पंत मुझ पर विश्वास करते हैं। हमारी योजनाएं बहुत साफ़ हैं। मैं ऐसा गेंदबाज़ बनना चाहता हूं जो कि कप्तान से बात करे और उनकी सुन सके। मैं पंत के साथ अंडर-19 दिनों से साथ खेला हूं। मैं, पंत और अक्षर मैच के बाद हर रोज़ देर रात तक बैठते हैं और मैच के बारे में चर्चा करते हैं। पंत विकेट के पीछे से हमेशा इशारे करते रहते हैं। वह क्या चाहते हैं, मैं समझता हूं। सब कुछ टीवी पर नहीं दिख सकता।
कोच पोंटिंग के बारे में क्या कहना चाहेंगे?
इस सीज़न के तीसरे मैच के बाद उन्होंने मुझे 'गुमनाम नायक' (Unsung Hero) कहा था। लेकिन कोलकाता नाइट राइडर्स के ख़िलाफ़ तीन विकेट झटकने के बाद उन्होंने 'नायक' कहा। उन्हें सुनना आपको रोमांचित करता है। वह सबके सामने पूरे ड्रेसिंग रूम में आपकी तारीफ़ करते हैं, जो कि सुखद है। मैच के दिन वह आपके कंधे पर हाथ रखकर चीज़ों को सरल रखने के लिए कहते हैं। मैंने इस सीज़न के 13 मैचों में उनसे कुल आठ बार प्रशंसा बैज प्राप्त किया है, जो कि वह हर मैच के बाद टीम के तीन खिलाड़ियों को देते हैं।
नागराज गोलापुड़ी ESPNcricinfo के न्यूज़ एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर दया सागर ने किया है।
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