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पिता का सपना, जगदीशन का जुनून: एक ख़ाली फ़्रेम और इंडिया की जर्सी

तमिलनाडु के विकेटकीपर बल्लेबाज़ हाल ही में भारतीय टीम का हिस्सा थे और पिछले दो रणजी सीज़न में उनका प्रदर्शन काफ़ी शानदार रहा है

N Jagadeesan ने पिछले दो रणजी सीज़न में प्रभावशाली प्रदर्शन किया है  Getty Images

तमिलनाडु के विकेटकीपर-बल्लेबाज़ एन जगदीशन बहुत ही प्यारी सी आदत है। उन्होंने जिन टीमों के लिए भी खेला है, उन टीमों के जर्सियों को फ़्रेम करवाते हैं और कोयंबटूर में अपने घर की दीवार पर लगाते हैं।

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उनके पिता सीजे नारायण पहले मुंबई के टाटा इलेक्ट्रिक के लिए खेलते थे। उसके बाद वह मुंबई से कोयंबटूर आ गए। उन्होंने सालों से एक फ़्रेम खाली रखा था, जिसे उन्होंने अपने बेटे की इंडिया जर्सी के लिए रिज़र्व कर रखा था। पिछले महीने भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज़ के बीच जब ऋषभ पंत चोटिल हुए तो जगदीशन ने एक रिज़र्व खिलाड़ी के रूप में द ओवल में भारत की मशहूर टेस्ट जीत का हिस्सा बनकर अपने और अपने पिता के सपने को पूरा किया।

जगदीशन ने ESPNcricinfo को बताया, "इंडिया की जर्सी अब उस खाली फ़्रेम को भरने जा रही है। मुझे उम्मीद है कि मुझे और भी ऐसी जर्सियां मिलती रहेंगी। उस मैच का माहौल जिस तरह का था, उससे यह जर्सी और भी ज़्यादा ख़ास बन गई है। हमारी टीम एक ऐसी परिस्थिति में थी, जहां से मैच जीतना काफ़ी कठिन था। काफ़ी कम लोग ही हमारी जीत की उम्मीद कर रहे होंगे। उस मैच में निश्चित रूप से कुछ ऐसे पल आए थे, जिसने मेरे रोंगटे खड़े कर दिए।"

जगदीशन का पहली बार इंडिया टीम में चयन पिछले दो रणजी ट्रॉफ़ी सीज़न में उनके बेहतरीन प्रदर्शन का परिणाम था। इन दो सीज़न में उन्होंने 26 पारियों में कुल 1490 रन बनाए थे। साथ ही उनका औसत 65 के क़रीब का था। इन दो सीज़न में एलीट ग्रुप के बल्लेबाज़ों में सिर्फ़ करुण नायर (33 पारियों में 1553 रन) ने ही जगदीशन से ज़्यादा रन (1553) बनाए हैं।

जगदीशन लगभग एक साल से चयनकर्ताओं की नज़र में हैं और BCCI के सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस द्वारा शॉर्टलिस्ट किए गए खिलाड़ियों के बड़े पूल का हिस्सा हैं।

इस बारे में वह कहते हैं, "निश्चित रूप से ऐसा होने से आपका आत्मविश्वास काफ़ी बढ़ता है। यह एक नई सफलता की तरह है। मेरा मतलब है मेरी अंडर-13 ज़िला टीम के लिए कोयंबटूर में खेलना भी एक सफलता थी, है ना? उसी तरह हर बार जब आप एक कदम आगे जाकर सफलता का स्वाद चखते हैं, तो यह हमेशा आपको बहुत आत्मविश्वास देता है। ऐसे देश में जहां एक अरब लोग हैं, वहां ज़्यादा से ज़्यादा कुछ हज़ार खिलाड़ी ही ऐसा कर पाते है, जो मैं अभी तक कर रहा हूं।"

जगदीशन ने 20 साल की उम्र में अपने प्रथम श्रेणी डेब्यू पर ही एक ज़बरदस्त छाप छोड़ी थी। 2016 में कटक में मध्य प्रदेश के ख़िलाफ़ उन्होंने नंबर सात पर बल्लेबाज़ी करते हुए 204 गेंदों पर 123 रनों की नाबाद पारी खेली थी। हालांकि भारतीय टीम तक पहुंचने का सफर लंबा और घुमावदार रहा है। रन बनाने के बावजूद, ऐसे समय भी आए हैं जब अब 29 साल के जगदीशन को टीम से "बाहर" बैठना पड़ा है।

दिनेश कार्तिक के सहायक के रूप में शुरुआत करने के बाद जगदीशन अब कार्तिक की जगह ले रहे हैं। वह अपने पूर्व सीनियर खिलाड़ी की तरह ही अलग-अलग पोज़िशन पर बल्लेबाज़ी करने की क्षमता रखते हैं और कप्तान आर साई किशोर के साथ तमिलनाडु टीम के वरिष्ठ खिलाड़ियों में से एक हैं। यह संयोग की बात है कि स्काई स्पोर्ट्स की कमेंट्री के दौरान कार्तिक ने ही जगदीशन को वैश्विक दर्शकों से परिचित कराया था जब ओवल टेस्ट के दौरान कैमरा जगदीशन की ओर गया था।

जगदीशन कहते हैं, "पिछले 10 साल मेरा करियर एक सीनियर के तौर पर रहा है। सब कुछ तब शुरू हुआ जब मैं सात-आठ साल का था और क्रिकेट खेल रहा था। आख़िरी लक्ष्य हमेशा भारत के लिए खेलना होता है। ईमानदारी से कहूं तो, मैंने चढ़ाव से ज़्यादा उतार का अनुभव किया है। लोग हमेशा पिछले दो सीज़न के बारे में बात करते हैं, लेकिन अन्य आठ सीज़न में अच्छे पल से ज़्यादा बुरे पल रहे हैं। मैं सही समय पर रन बनाने में सफल नहीं रहा हूं। लेकिन उसी समय मैंने काफ़ी कुछ सीखते हुए, अपने खेल में सुधार किया है।"

जगदीशन के करियर में रॉबिन उथप्पा एक ऐसे व्यक्तित्व रहे हैं, जिन्होंने जगदीशन को बुरे दौर से निकालने में काफ़ी अहम भूमिका निभाई है।

उनके बारे में जगदीशन कहते हैं, "रॉबिन ने मुझे बहुत अनुशासित बनाया है। उन्होंने मुझे यह सिखाया कि हर एक सेशन में कैसे सोचना है। रॉबिन ने मुझे कई चीज़ें सिखाई हैं और मुझे शांत रहना सिखाया। सिर्फ़ एक क्रिकेटर के रूप में नहीं बल्कि एक इंसान के रूप में भी उन्होंने वर्तमान में रहना सिखाया है। जब बल्लेबाज़ी की बात आती है, तो गुरु सर (एजी गुरुस्वामी) और नरसिम्हा (दोनों तमिलनाडु में कोच) ने मेरी काफ़ी मदद की है।"

सुरक्षा और उद्देश्य की इस भावना के साथ जगदीशन ने हाल ही के TNPL 2025 में अपनी ओपनिंग की जगह छोड़ दी और चेपॉक सुपर गिलिज़ के लिए निचले क्रम में खेलने लगे। जगदीशन कई सालों से TNPL में एक भरोसेमंद ओपनर रहे हैं, लेकिन पिछले सीज़न में, वे कुछ अलग करना चाहते थे, और शीर्ष पर बहुत ज़्यादा रन बनाने के बजाय मध्य क्रम में अपनी टीम को मज़बूती देने का प्रयास कर रहे थे। वह कहते हैं, "मैं बहुमुखी प्रतिभा पर ज़्यादा ज़ोर दे रहा था। मुझे लगा कि मुझे मध्य क्रम में बल्लेबाज़ी का अनुभव लेना चाहिए। तमिलनाडु के लिए खेलने से पहले मैं T20 और वनडे में मध्य क्रम में खेलता था और रणजी ट्रॉफ़ी में भी मैंने मध्य क्रम में ही शुरुआत की थी

"किसी भी चीज़ से ज़्यादा, मैं यह सुनिश्चित करना चाहता था कि मैं टीम के लिए प्रभाव डाल सकूं। इन सभी सालों में मैंने सबसे ज़्यादा रन बनाने वाला बल्लेबाज़ बनने के बारे में सोचा है, लेकिन मुझे लगता है कि इस साल मेरी मानसिकता पूरी तरह से अलग थी। मैंने ख़ुद से कहा कि मुझे वह प्रभाव डालना है और मध्य क्रम में वह काम करना है। मध्य क्रम एक ऐसी जगह है, जहां कुछ भी हो सकता है। इस दौरान मुझे लगा कि मुझे अपनी पावर-हिटिंग पर काम करना होगा।"

TNPL के बाद जगदीशन ने लाल गेंद से खेलना शुरू कर दिया है। उन्होंने लंदन में इंडिया टीम के साथ ट्रेनिंग ली और चेन्नई पहुंचने पर, उन्होंने बेंगलुरु में दलीप ट्रॉफ़ी से पहले गुरु नानक कॉलेज मैदान में अपने क्लब विजय सीसी के लिए साई किशोर की टर्न होती गेंदों पर विकेटकीपिंग की। एक और शानदार घरेलू सीज़न जगदीशन को टेस्ट डेब्यू के और क़रीब ला सकता है।

उनका भी कुछ ऐसा ही मानना है, "भारत के लिए खेलना आख़िरी लक्ष्य है। मेरा तमिलनाडु के लिए रणजी ट्रॉफ़ी जीतने का भी लक्ष्य है। व्यक्तिगत रूप से, मुझे बस यह सुनिश्चित करना है कि मैं टीम में ज़्यादा से ज़्यादा योगदान दूं।"

जगदीशन इस सीज़न तमिलनाडु के अवसरों को लेकर ख़ास तौर पर उत्साहित हैं, जिसका श्रेय तेज़ गेंदबाज़ी के बढ़ते पूल को जाता है। संदीप वॉरियर और गुरजपनीत सिंह पूरी तरह से फ़िट हो गए हैं, जबकि डी दीपेश और आरएस अम्ब्रीश इंग्लैंड में भारत अंडर-19 के लिए खेलने के अनुभव के साथ लेकर आ रहे हैं। सोनू यादव और युवा ए एसाकिमुथु, जिन्होंने TNPL में 140 किमी/घंटा से ज़्यादा की गति से गेंदबाज़ी की, वह तेज़ गेंदबाज़ी आक्रमण को और गहराई देते हैं।

जगदीशन कहते हैं, "अब तक भले ही परिणाम हमारे पक्ष में नहीं आया है लेकिन मुझे पता है कि हम उस दिशा में अच्छी तरह से आगे बढ़ रहे हैं। तेज़ गेंदबाज़ी में हमें हमेशा विकल्पों की तलाश रहती है। इस सीज़न में हमारे पास तेज़ गेंदबाज़ों के बीच एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा है। पहले हमारे पास क़रीब तीन तेज़ गेंदबाज़ होते थे। अब हमारे पास छह-सात हैं। और यह निश्चित रूप से टीम के लिए एक बहुत अच्छा संकेत है।"

Narayan JagadeesanTamil NaduDuleep Trophy

देवरायण मुथु ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं।