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हरमनप्रीत : टीम जीतना चाहती थी ताकि हम लॉर्ड्स में झूलन के आख़िरी मैच का आनंद ले सकें

भारतीय कप्तान ने पुष्टि की है कि 24 सितंबर का तीसरा वनडे अनुभवी तेज़ गेंदबाज़ का आख़िरी अंतर्राष्ट्रीय मैच होगा

हम हमेशा मैच जीतने की सोच रखते हैं और आज तो यह और भी ज़रूरी था ताकि हम बिना किसी दबाव के लॉर्ड्स में जाएं: हरमनप्रीत कौर  ICC via Getty

भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर ने कहा है कि भारत इंग्लैंड के विरुद्ध दूसरा वनडे जीतने को अधिक उत्सुक इस वजह से भी था, ताकि वह तीसरे और अंतिम वनडे मैच में वरिष्ठ खिलाड़ी झूलन गोस्वामी को सटीक विदाई दे सकें। साथ ही भारत के 88 रनों की जीत के बाद हरमनप्रीत ने पुष्टि की कि शनिवार को लॉर्ड्स में खेला जाने वाला मैच झूलन के दो दशक लंबे करीयर का आख़िरी अंतर्राष्ट्रीय मैच होगा।

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भारत के 333 के स्कोर में 143 नाबाद बनाने पर प्लेयर ऑफ़ द मैच घोषित हरमनप्रीत ने कहा, "जब आप पहला गेम जीत जाते हैं, तो दूसरा मैच और ख़ास बन जाता है। हम हमेशा मैच जीतने की सोच रखते हैं और आज तो यह और भी ज़रूरी था ताकि हम बिना किसी दबाव के लॉर्ड्स में जाएं। लॉर्ड्स का मुक़ाबला एक बड़ा अवसर है क्योंकि यह झूलन का संन्यास से पहले आख़िरी मैच है। मैं बहुत ख़ुश हूं क्योंकि अब हम उस मैच में बिना किसी दबाव के मैच का आनंद उठा पाएंगे।"

तीसरा वनडे दोनों टीमों के लिए लॉर्ड्स में खेलने का पांच साल में पहला अवसर होगा। तब 2017 विश्व कप के एक रोमांचक मैच में भारत चेज़ करते हुए एक अच्छे स्थान से लड़खड़ा कर नौ रन से हारा था। हरमनप्रीत उस परिणाम को बदलने के लिए बेताब ज़रूर हैं लेकिन उन्होंने इस मैच का मज़ा लेने पर ज़ोर दिया। उन्होंने अपने सीनियर गेंदबाज़ का ज़िक्र करते कहा, "यह मैच जीतना बहुत ज़रूरी होगा क्योंकि यह उनका आख़िरी मैच होगा। यह एक भावनात्मक पल है और हम ज़रूर उसे जीत के साथ यादगार बनाना चाहेंगे।"

39-वर्षीय झूलन को इस साल के 50-ओवर विश्व कप के बाद श्रीलंका के दौरे पर आराम दिया गया था और उन्हें इंग्लैंड के विरुद्ध वर्तमान वनडे सीरीज़ में टीम में फिर से शामिल किया गया। अब तक के दो मैचों में दुनिया की सबसे ज़्यादा अंतर्राष्ट्रीय विकेट लेने वाली महिला - उन्होंने तीनों प्रारूप मिलाकर 353 विकेट अपने नाम किए हैं - ने सिर्फ़ एक ही विकेट लिया है लेकिन वह अपने अनुभव का फ़ायदा उठाते हुए इंग्लैंड के बल्लेबाज़ों को बांधने में सफल रहीं हैं।

झूलन की कप्तानी में ही हरमनप्रीत ने 2009 विश्व कप में भारत के लिए डेब्यू किया था, और अपने पुराने कप्तान की तारीफ़ में हरमनप्रीत ने कहा, "वह सबको काफ़ी कुछ सिखाती हैं। जब मैंने डेब्यू किया था तब वह नेतृत्व के स्थान पर थीं और उन्होंने मेरा मार्गदर्शन भी किया। अब रेणुका [सिंह] और मेघना सिंह जैसे युवा गेंदबाज़ उनसे सीख रहे हैं कि वह कैसे अपनी गेंदबाज़ी करती हैं और कैसे उन्हीं के लय में खेला जाए। वह हम सब के लिए एक बड़ी प्रेरणास्रोत रहीं हैं और हमको उन्होंने बहुत कुछ सिखाया है।"

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वैल्केरी बेंस ESPNcricinfo की जेनरल एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सहायक एडिटर और स्थानीय भाषा लीड देबायन सेन ने किया है।