कुलदीप : टेस्ट क्रिकेट में गिल भारतीय टीम का नेतृत्व करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं
उन्होंने यह भी बताया कि वह अब टीम बस में रोहित की सीट पर बैठते हैं, और जाडेजा से बहुत कुछ सीख रहे हैं
Kuldeep: 'Spending time with Jadeja is helping me'
Kuldeep Yadav on Gill's captaincy, spending time with Jadeja and moreकुलदीप यादव इंग्लैंड में भारत की पांच टेस्ट मैचों की सीरीज़ से पहले साथी स्पिनर रवींद्र जाडेजा के साथ मैदान के अंदर और बाहर काफ़ी समय बिता रहे हैं, ताकि उनसे अनुभव और सुझाव ले सकें।
कुलदीप ने अब तक इंग्लैंड में सिर्फ़ एक टेस्ट खेला है। वह टेस्ट 2018 में लॉर्ड्स में खेला गया था। उस मैच में उन्होंने नौ ओवर में 44 रन दिए थे और कोई विकेट नहीं लिया था। हालांकि, तब से वह एक अधिक परिपक्व गेंदबाज़ बन गए हैं और अब उनके नाम 13 टेस्ट में 22.16 की औसत और 37.3 की स्ट्राइक रेट से 56 विकेट हैं - जो टेस्ट इतिहास में किसी भी स्पिनर से बेहतर है (कम से कम 50 विकेट लेने वाले गेंदबाज़ों में)।
इस दौरे पर भारत के प्रमुख स्पिनर के तौर पर जाडेजा का चयन लगभग तय माना जा रहा है, लेकिन अगर हालात ने दो स्पिनरों को खिलाने की अनुमति दी, तो कुलदीप को मौक़ा मिल सकता है। घरेलू सीरीज़ में जब भारत ने 1-0 से पिछड़ने के बाद इंग्लैंड को 4-1 से हराया था, तब कुलदीप की बाएं हाथ की स्पिन गेंदबाज़ी ने अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने चार टेस्ट में 20.15 की औसत से 19 विकेट लिए थे।
कुलदीप ने कहा, "जाडेजा के साथ खेलना मेरे लिए बहुत बड़े सम्मान की बात है। जाहिर है, जाडेजा और [आर] अश्विन पिछले कुछ सालों में शानदार रहे हैं। जब मैंने भारत में डेब्यू किया था, तब उन्होंने मेरी काफ़ी मदद की थी। और अब भी हम लगातार इस बात पर चर्चा करते हैं कि इंग्लैंड के बल्लेबाज़ों के ख़िलाफ़ किस तरह की गेंदबाज़ी करनी चाहिए।
"मैं उनके साथ सिर्फ़ मैदान पर नहीं, मैदान के बाहर भी काफ़ी वक़्त बिता रहा हूं। इससे मुझे रणनीति, फील्ड प्लेसमेंट और उनकी सलाह से काफ़ी कुछ सीखने को मिल रहा है।"
टीम बस में कुलदीप अब जाडेजा के बगल में बैठते हैं। वो सीट जो पहले रोहित शर्मा लिया करते थे, जो अब टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं। जब इस बारे में कुलदीप से पूछा गया, तो उन्होंने मुस्करा दिए।
उन्होंने कहा, "मैं रोहित भाई की जगह कभी नहीं ले सकता। बस इतना है कि अब मैं जड्डू भाई के साथ ज़्यादा समय बिता रहा हूं। एक स्पिनर के तौर पर यह मेरे लिए बेहद ज़रूरी है, क्योंकि ऐश भाई [अश्विन, जो अब रिटायर हो चुके हैं] अब नहीं हैं। मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा है, और अब जब वो नहीं हैं, तो जो भी सीनियर खिलाड़ी साथ है, मैं उनसे सीखने की कोशिश कर रहा हूं।"
इस समय भारत बेकेनहम में इंट्रा-स्क्वाड मैच खेल रहा है। रविवार को मैच का तीसरा दिन है और धूप निकलने के कारण कुलदीप को उम्मीद है कि पिच स्पिनरों को मदद देना शुरू करेगी। पिछले कुछ सालों में इंग्लैंड ने हरियाली से हटकर फ्लैट और बल्लेबाज़-हितैषी पिचें तैयार की हैं, जिससे अगर टेस्ट लंबे चलते हैं तो स्पिन की भूमिका अहम हो सकती है।
कुलदीप ने कहा, "ऐसा लग रहा है कि स्पिनरों के लिए अच्छी पिचें मिल सकती हैं। प्रैक्टिस मैच की पिच बल्लेबाज़ी के लिए अच्छी थी। पहले दिन हल्की नमी थी जिससे सीमर को थोड़ी मदद मिली, लेकिन जैसे-जैसे खेल आगे बढ़ा, स्पिनरों को उछाल मिला। पहले दिन के शुरुआती स्पेल में मुझे ज़्यादा टर्न नहीं मिला, लेकिन आज तीसरा दिन है, तो अब गेंदबाज़ी के दौरान देखूंगा कि पिच कैसी है। अभी तक की प्रैक्टिस में तो गेंद घूम रही थी। अगर टेस्ट मैचों के दौरान भी हालात ऐसे ही रहे तो बहुत अच्छा रहेगा।"
"अगर मौसम गर्म रहा -- जैसे पिछले तीन-चार दिन रहा है - और पिचें ऐसी ही रहीं, तो स्पिनरों को मदद मिल सकती है। मुझे हालात की ज़्यादा चिंता नहीं रहती, लेकिन हां, अगर पिच मददगार हो तो गेंदबाज़ी करने में मज़ा आता है।"
जब कुलदीप से पूछा गया कि इंट्रा-स्क्वाड मैच का उद्देश्य क्या होता है, तो उन्होंने कहा, "पिछले चार-पांच महीने में हमने बहुत T20 क्रिकेट खेली है, तो अब वॉल्यूम बहुत ज़रूरी है। सभी गेंदबाज़ों को उतने ओवर डालने को कहा गया है जितने वो मैच में डालते। तेज़ गेंदबाज़ 15-20 ओवर तक डालेंगे ताकि टेस्ट के लिए ख़ुद को तैयार कर सकें। स्पिनरों के लिए भी यही है, जितना ज़्यादा गेंदबाज़ी करेंगे, उतना बेहतर होगा।"
रोहित के संन्यास के बाद भारत ने टेस्ट कप्तानी की ज़िम्मेदारी शुभमन गिल को सौंपी है। कुलदीप का मानना है कि गिल इस भूमिका के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
कुलदीप ने कहा, "शुभमन जानते हैं कि टीम को कैसे लीड करना है। उन्होंने पिछले कुछ सालों में सीनियर खिलाड़ियों के साथ रहकर बहुत कुछ सीखा है। पिछले एक साल में आपने उन्हें रोहित भाई के साथ कई चर्चाओं में देखा होगा - सिर्फ़ टेस्ट ही नहीं, बल्कि वनडे में भी। मुझे लगता है उन्होंने काफ़ी कुछ सीखा है। लेकिन बतौर कप्तान, अब तक मैंने जो देखा है, उससे लगता है कि वो काफ़ी मोटिवेटेड हैं और टीम को प्रेरित करने में सक्रिय हैं।"
"पिछले तीन-चार सेशनों में मैंने देखा है कि शुभमन में वही गुण हैं जो हमने पहले की कप्तानी में देखे हैं। वो हमें लीड करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।"
Read in App
Elevate your reading experience on ESPNcricinfo App.