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ओवल टेस्ट से बुमराह हो सकते हैं बाहर, अर्शदीप का हो सकता है डेब्यू!

ESPNcricinfo को पता चला है कि BCCI की मेडिकल टीम ने बुमराह को सूचित किया है कि यह फ़ैसला उनके लंबे समय के करियर को ध्यान में रखते हुए लिया गया है

Jasprit Bumrah ओवल टेस्ट नहीं खेलेंगे  Getty Images

भारत गुरुवार से ओवल में शुरू होने वाले एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफ़ी के आख़िरी टेस्ट में जसप्रीत बुमराह के बिना उतरेगा। ESPNcricinfo को पता चला है कि BCCI की मेडिकल टीम ने बुमराह को सूचित किया है कि यह फ़ैसला उनकी पीठ की सुरक्षा और उनके लंबे समय के करियर को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

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यह फ़ैसला पूरी तरह से चौंकाने वाला नहीं है। मेडिकल टीम ने बुमराह, भारतीय टीम प्रबंधन और चयनकर्ताओं के साथ मिलकर पहले ही तय किया था कि यह प्रमुख तेज़ गेंदबाज़ इंग्लैंड दौरे पर पांच में से केवल तीन टेस्ट मैचों में ही खेलेगा। बुमराह ने हेडिंग्ले में पहला टेस्ट खेला, एजबेस्टन में हुए दूसरे टेस्ट में वह नहीं खेले थे जिसे भारत ने जीता था। उन्होंने इसके बाद लॉर्ड्स में अगले दो टेस्ट और पिछले हफ़्ते ओल्ड ट्रैफ़र्ड में खेला। वहां शुभमन गिल की कप्तानी वाली भारतीय टीम ने ड्रॉ खेलकर इस रोमांचक सीरीज़ को जीवित रखा।

यदि भारत ओवल में जीतता है तो सीरीज़ 2-2 से बराबर करने का मौक़ा है। ऐसे में भारत ने शायद बुमराह के लिए अपनी मूल योजना बदलने पर विचार किया होगा। बुमराह मोहम्मद सिराज के साथ 14 विकेट लेकर सीरीज़ में संयुक्त रूप से दूसरे सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ हैं। ओल्ड ट्रैफ़र्ड में चौथे दिन की सुबह से उन्होंने गेंदबाज़ी नहीं की थी, और आख़िरी दो टेस्ट के बीच तीन दिन का ब्रेक भी था। तो क्या बुमराह ओवल में खेल सकते थे? ओल्ड ट्रैफ़र्ड में ड्रॉ के बाद यह सवाल जायज हो गया था।

हालांकि, चौथे टेस्ट में धीमी और सपाट पिच के साथ-साथ कार्यभार ने बुमराह की गति को प्रभावित किया था। उन्होंने अपने 33 ओवरों में दो विकेट लिए, जो एक पारी में उनके द्वारा किए गए सबसे ज़्यादा ओवर थे। साथ ही, पहली बार उनके रन का आंकड़ा 100 के पार चला गया था।

मैनचेस्टर में ड्रॉ के बाद, भारत के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने कहा था कि बुमराह आख़िरी टेस्ट के लिए चयन के लिए फ़िट हैं। लेकिन दो दिन बाद, भारत ने अपने सबसे महत्वपूर्ण गेंदबाज़ को आराम देने का फ़ैसला किया है।

बुमराह इस सीरीज़ में मोहम्मद सिराज के साथ संयुक्त रूप से दूसरे सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ हैं। दोनों के नाम 14 विकेट हैं। मैनचेस्टर में ड्रॉ के बाद भारत के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने कहा था कि बुमराह अंतिम टेस्ट के लिए उपलब्ध हैं, लेकिन दो दिन बाद भारत ने उन्हें आराम देने का फ़ैसला किया है।

बुमराह की जगह आकाश दीप के खेलने की संभावना

बुमराह की जगह कौन लेगा, इसका अंदाज़ा मंगलवार को भारत के वैकल्पिक अभ्यास सत्र में मिल गया। जांघ की चोट के कारण चौथा टेस्ट नहीं खेल पाने वाले आकाश दीप अभ्यास सत्र के दौरान अच्छी लय में दिखे और उन्होंने हरी घास वाली पिचों पर गेंद को सटीक स्विंग कराया। बर्मिंघम में खेले गए दूसरे टेस्ट में उन्होंने कुल दस विकेट लिए थे, जिसमें दूसरी पारी में 99 रन देकर छह विकेट भी शामिल थे।

हालांकि, लॉर्ड्स में खेले गए अगले टेस्ट में वह ख़ास प्रभाव नहीं छोड़ पाए और उनकी लाइन और लेंथ में निरंतरता नहीं दिखी। उस टेस्ट में उन्हें सिर्फ एक विकेट मिला। लेकिन द ओवल की सीमिंग पिचें आकाश को वापसी का बेहतर मौक़ा दे सकती हैं।

फिर भी शुभमन गिल और गंभीर के सामने गेंदबाज़ी आक्रमण में सही संतुलन बनाने की चुनौती रहेगी। यह चुनौती इस कारण भी है कि सीरीज़ में अब तक खेले तीन अन्य तेज़ गेंदबाज़ों - प्रसिद्ध कृष्णा, शार्दुल ठाकुर और अंशुल कम्बोज - का प्रदर्शन उम्मीद से कम रहा है। प्रसिद्ध ने दूसरे टेस्ट की जीत के बाद से कोई मैच नहीं खेला, जबकि ठाकुर और कम्बोज को मैनचेस्टर में अपनी पहली स्पेल के बाद ज़्यादा गेंदबाज़ी का मौका नहीं मिला।

बुमराह की गैरमौजूदगी में सीरीज़ के सभी टेस्ट में खेले सिराज एक बार फिर तेज़ गेंदबाज़ी आक्रमण की अगुआई करेंगे। सिराज ने अब तक सीरीज़ में तेज़ गेंदबाज़ों में चौथे सबसे ज़्यादा 139 ओवर डाले हैं और उनका जोश बरकरार है। भारत उनकी फ़िटनेस और वर्कलोड को लेकर चिंतित होगा, लेकिन उनके खेलने के अलावा कोई विकल्प नज़र नहीं आ रहा। इसके बावजूद भारत को तीसरे तेज़ गेंदबाज़ को लेकर भी निर्णय लेना होगा।

यह स्थान संभवतः प्रसिद्ध या अर्शदीप सिंह को मिल सकता है, जिन्होंने अभ्यास के दौरान गेंदबाज़ी और बल्लेबाज़ी दोनों बिना किसी परेशानी के की, जिससे साफ़ हुआ कि वह चौथे टेस्ट से पहले हाथ पर लगी चोट से अब पूरी तरह उबर चुके हैं।

ऋषभ पंत के ओवल टेस्ट से बाहर होने के चलते ध्रुव जुरेल विकेटकीपिंग और मध्य क्रम में बल्लेबाज़ी करेंगे। उनकी बल्लेबाज़ी में आत्मविश्वास है जो ध्यान खींचती है, लेकिन इंग्लैंड में खेलने का अनुभव न होना भारत को शार्दुल ठाकुर को टीम में बनाए रखने के लिए प्रेरित कर सकता है ताकि बल्लेबाज़ी की गहराई बनी रहे। इसका मतलब यह हो सकता है कि कुलदीप यादव को एक बार फिर बाहर बैठना पड़े।

भारत यह भी मान सकता है कि कुलदीप की ज़रूरत नहीं पड़ेगी, ख़ासकर पिच और मौसम को देखते हुए, जहां बादल छाए रहने की संभावना है। मैच से दो दिन पहले पिच पर घास के निशान दिखे, ऐसे में भारत रवींद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर की स्पिन जोड़ी के साथ जारी रह सकता है।

इसके अलावा इस घरेलू सीज़न में द ओवल के गेंदबाज़ी आंकड़े तेज़ गेंदबाज़ों के पक्ष में रहे हैं। पांच मैचों में 150 में से 131 विकेट तेज़ गेंदबाज़ों ने लिए हैं। सरी ने घर पर दो मैच जीते हैं, जबकि तीन ड्रॉ रहे हैं, जिनमें से एक मुकाबला डरहम के ख़िलाफ़ था।

इस मैच में काउंटी क्रिकेट का चौथा सबसे बड़ा स्कोर बना था। सरी ने डॉम सिबली के तिहरे शतक के दम पर नौ विकेट पर 820 रन बनाकर पारी घोषित की थी। हालांकि यह मैच ECB की योजना के तहत कूकाबुरा गेंद से खेला गया था ताकि गेंदबाज़ों की स्किल को बेहतर किया जा सके।

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