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गाबा की तरह बर्मिंघम भी है एक क़िला, भारत नहीं जीत पाया है अभी तक एक भी टेस्ट

आइए डालते हैं इस मैदान पर भारत के अब तक प्रदर्शन पर एक नज़र

पिछले दौरे पर भारत बर्मिंघम में जीतते-जीतते हार गया था  PA Photos/Getty Images

सीरीज़ में 1-0 से पिछड़ने के बाद भारत और इंग्लैंड की टीमें दूसरे टेस्ट के लिए बर्मिंघम में बुधवार से एक-दूसरे से भिड़ेंगी। इंग्लैंड ने इस मैदान पर कुल 56 मैच खेले हैं, जिसमें उन्हें 30 में जीत, 11 में हार जबकि 15 मैच ड्रॉ रहे हैं। वहीं भारत यहां पर आठ टेस्ट खेला है और उन्हें एक भी मैच में जीत नहीं मिल पाई है। आठ में से सात हार और एक ड्रॉ के साथ भारत के लिए यह मैदान अभी तक एक अभेद्य क़िला बना हुआ है। इसमें से भी सात में से तीन में भारत को पारी की हार मिली है।

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आइए डालते हैं इस मैदान पर भारत के रिकॉर्ड पर एक नज़र।

जब भारतीय टीम 100 से कम के स्कोर पर सिमट गई, 1967

शॉट खेलते केन बेरिंगटन  PA Photos/Getty Images

यह वह दौर था, जब भारतीय टीम की कमान, टीम के सर्वश्रेष्ठ कप्तानों में से एक मंसूर अली ख़ान पटौदी के हाथों में थी और विदेशी दौरे पर भी भारतीय टीम अपनी स्पिन चौकड़ी के साथ खेलता था। भारतीय टीम सीरीज़ में 0-2 से पिछड़ने के बाद बर्मिंघम पहुंची थी और यह ढाई महीने के लंबे दौरे का आख़िरी मैच था।

इंग्लैंड की टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी का फ़ैसला किया था और जॉन मरी (77) व केन बेरिंगटन (75) के अर्धशतकों की मदद से उन्होंने 298 का एक सम्मानजनक स्कोर खड़ा किया। भारत की तरफ़ से भगवत चंद्रशेखर व ईरापल्ली प्रसन्ना ने तीन-तीन जबकि बिशन सिंह बेदी ने दो विकेट लिए। हालांकि भारतीय टीम इसके जवाब में सिर्फ़ 92 रन पर ऑलआउट हो गई और उनके 11 में से सात बल्लेबाज़ दहाई के स्कोर तक भी नहीं पहुंच सके।

इंग्लैंड ने दूसरी पारी में भी 203 रन बनाए। इस बार प्रसन्ना ने चार, चंद्रशेखर ने तीन जबकि बेदी ने दो विकेट लिया, जबकि एस वेंकटराघवन को एक भी विकेट नहीं मिला। दूसरी पारी में अजीत वाडेकर के 70 रनों की मदद से भारत ने 277 रन ज़रूर बनाए, लेकिन यह 410 रनों के लक्ष्य पाने के लिए नाकाफ़ी था। भारत 0-3 से सीरीज़ हारने के बाद घर वापस लौट रहा था।

जब डेविड लॉयड का दोहरा शतक पड़ा था भारी, 1974

अपने दोहरे शतक के दौरान डेविड लॉयड  Getty Images

एक बार फिर से भारतीय टीम सीरीज़ में 0-2 से पिछड़ने के बाद बर्मिंघम पहुंची थी और उनका बहुत कुछ दांव पर था। बारिश से प्रभावित इस मैच के दूसरे दिन भारतीय टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी का फ़ैसला किया और फ़ारूख़ इंजीनियर के अर्धशतक की मदद से सिर्फ़ 165 रन बना पाई। सुनील गावस्कर शून्य पर आउट हुए जबकि इंग्लैंड की तरफ़ से उनकी तेज़ गेंदबाज़ी जोड़ी जेफ़ अर्नाल्ड (3) और माइक हेंड्रिक (4) ने मिलाकर सात विकेट लिए और भारतीय बल्लेबाज़ी क्रम को तहस-नहस कर दिया।

इसके बाद डेविड लॉयड की आंधी आई जिन्होंने नाबाद दोहरा शतक (214) लगाकर भारतीय गेंदबाज़ों को दबाव में डाल दिया। कप्तान माइक डेनेस ने भी शतक लगाकर लॉयड का बेहतरीन साथ दिया, जबकि इंग्लैंड के अन्य दो बल्लेबाज़ों ने भी अर्धशतक लगाया। इंग्लैंड ने 459/2 के स्कोर पर अपनी पारी घोषित की और पहली पारी में 294 रनों की बड़ी बढ़त ली।

जवाब में भारतीय टीम दूसरी पारी में भी सिर्फ़ 216 रन बना पाई, जिसमें सुधीर नायक (77) का अर्धशतक शामिल था। गावस्कर ने एक बार फिर निराश करते हुए सिर्फ़ चार रन बनाए और भारतीय टीम यह मुक़ाबला पारी और 78 रनों से हार गई।

एक बार फिर मिली भारत को पारी की हार, 1979

डेविड गॉवर ने एक बेहतरीन पारी खेली थी  Getty Images

यह चार टेस्ट मैचों की सीरीज़ का पहला मैच था और इस बार डेविड गॉवर के दोहरे शतक (नाबाद 200) की मदद से भारतीय टीम को पारी की हार का सामना करना पड़ा। इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी का फ़ैसला किया और ज़्योफ़ बॉयकाट (155) और गॉवर की पारियों की मदद से पांच विकेट पर 633 रन का क बड़ा स्कोर खड़ा किया। इंग्लैड की तरफ़ से ग्राहम गूच और ज्योफ़ मिलर ने भी अर्धशतक लगाए, जबकि भारतीय गेंदबाज़ों ने भी 60 अतिरिक्त रन दिए। भारत की तरफ़ से युवा तेज़ गेंदबाज़ कपिल देव ने अकेले पांच विकेट लिया, जो कि उनके टेस्ट करियर का पहला पंजा था।

जवाब में भारतीय टीम दोनों पारियों में क्रमशः 297 और 253 का ही स्कोर खड़ा कर पाई और मैच को पारी और 83 रनों से हार गई। सुनील गावस्कर और गुंडप्पा विश्वनाथ दोनों ने दोनों पारियों में अर्धशतक लगाए, लेकिन यह नाकाफ़ी था। हालांकि इसके बाद भारत ने दौरे के बाक़ी तीन मैचों को ड्रॉ कराया, जो कि उस समय एक बड़ी उपलब्धि थी।

पहली बार मुक़ाबला हुआ ड्रॉ, 1986

भारत ने यह सीरीज़ 2-0 से जीता था  PA Photos/Getty Images

बर्मिंघम में पिछला दो मुक़ाबला पारी के अंतर से हारने के बाद यह परिणाम निश्चित रूप से भारत के लिए राहत भरा रहा होगा। इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करते हुए कप्तान माइक गैटिंग के नाबाद 183 रनों की मदद से 390 का एक बड़ा स्कोर खड़ा किया। भारत की तरफ़ से चेतन शर्मा ने चार और कप्तान कपिल देव ने दो विकेट लिए। जवाब में मोहिंदर अमरनाथ और मोहम्मद अज़हरूद्दीन के अर्धशतकों की मदद से भारत ने भी ठीक 390 का स्कोर खड़ा किया।

दूसरी पारी में इंग्लैंड का कोई भी बल्लेबाज़ अर्धशतक नहीं लगा सका और चेतन शर्मा के छह विकेटों की मदद से भारत ने उनको सिर्फ़ 235 रनों पर समेट दिया। हालांकि भारत भी दूसरी पारी में गावस्कर के अर्धशतक की मदद से निर्धारित समय तक पांच विकेट के नुक़सान पर सिर्फ़ 174 रन ही बना पाई और मुक़ाबला ड्रॉ रहा। यह सीरीज़ का आख़िरी मुक़ाबला था और भारत सीरीज़ के पहले दो मुक़ाबले जीतकर आ रहा था। यह सिर्फ़ दूसरी बार था, जब भारत ने इंग्लैंड में कोई टेस्ट सीरीज़ जीता हो।

जब हुसैन का शतक पड़ा था तेंदुलकर के शतक पर भारी, 1996

तेंदुलकर ने इस दौरे पर दो शतक लगाए थे  PA Photos

यह दौरे का पहला मैच था और एक तेज़ पिच पर भारतीय टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी का फ़ैसला किया, जिसे डमिनिक कॉर्क (4) और ऐलन मुलाली (3) की तेज़ गेंदबाज़ी जोड़ी ने तबाह कर दिया और भारतीय टीम सिर्फ़ 214 रनों पर सिमट गई। वह तो भला हो जवागल श्रीनाथ (51) और पारस म्हाम्ब्रे (28) की जोड़ी का, जिन्होंने नौवें विकेट के लिए 53 रनों की साझेदारी कर भारत को 200 के स्कोर के पार पहुंचाया।

बल्लेबाज़ी से कमाल करने के बाद श्रीनाथ ने गेंदबाज़ी से भी कमाल दिखाया और चार विकेट लिए, जबकि वेंकेटेश प्रसाद ने भी चार विकेट लेकर उनका अच्छा साथ दिया। हालांकि नासिर हुसैन के शतक की मदद से इंग्लैड की टीम 313 रन बनाकर पहली पारी की बढ़त लेने में सफल रही। भारत की तरफ़ से सचिन तेंदुलकर ने दूसरी पारी में शतक ज़रूर लगाया, लेकिन उनका साथ किसी भी बल्लेबाज़ ने नहीं दिया और भारतीय टीम फिर से 219 के स्कोर पर सिमट गई। इस बार क्रिस लुईस ने पंजा हासिल किया। इंग्लैंड ने कप्तान माइक अथर्टन के अर्धशतक की मदद से 121 के लक्ष्य को आसानी से दो विकेट खोकर हासिल कर लिया।

नई सदी, वही पुराना इतिहास, 2011

तिहरा शतक चूकने के कारण निराश थे कुक  Getty Images

यह इस मैदान पर भारत की तीसरी पारी की हार थी। टॉस हारकर भारतीय टीम पहले बल्लेबाज़ी करने उतरी और स्टुअर्ट ब्रॉड व टिम ब्रेसनन (4-4 विकेट) के आगे सिर्फ़ 224 रनों पर सिमट गई। भारत की तरफ़ से कप्तान एमएस धोनी (77) ही सिर्फ अर्धशतक तक पहुंच सके। जवाब में इंग्लैंड की तरफ़ से सलामी बल्लेबाज़ एलेस्टेयर कुक ने 294 रनों की पारी खेली और इंग्लैंड ने 700 के ऊपर का स्कोर खड़ा किया। इंग्लैंड की तरफ़ से ओएन मॉर्गन ने भी शतक लगाया।

दूसरी पारी में भी भारत की तरफ़ से सिर्फ़ धोनी (नाबाद 74) ही फिर से चल सके। इंग्लैंड की तरफ़ से इस बार जेम्स एंडरसन ने चार विकेट लिए और भारतीय टीम सिर्फ़ 244 रन पर सिमट कर मैच को पारी और 242 रन से हार गई। दूसरी पारी में तेंदुलकर ने भी 40 रन बनाए थे, लेकिन वह दुर्भाग्यपूर्ण तरीक़े से रनआउट हो गए और भारत की आस समाप्त हो गई। अंत में प्रवीण कुमार ने भले ही 18 गेंदों में पांच चौकों और तीन छक्कों की मदद से 40 रन बनाकर दर्शकों का ख़ूब मनोरंजन किया।

बर्मिंघम में पहला रोमांचक मुक़ाबला, 2018

अपनी शतकीय पारी के दौरान ड्राइव करते कोहली  Getty Images

यह बर्मिंघम में भारत-इंग्लैंड का पहला रोमांचक मुक़ाबला था और यह मैच भारत जीत भी सकता था। इंग्लैंड ने कप्तान जो रूट (80) और विकेटकीपर बल्लेबाज़ जॉनी बेयरस्टो (70) की मदद से 287 का स्कोर खड़ा किया। भारत की तरफ़ से आर अश्विन ने चार जबकि मोहम्मद शमी ने तीन विकेट लिए। जवाब में भारतीय टीम ने कप्तान विराट कोहली के शतक की मदद से 274 रन बनाए। अन्य किसी भी बल्लेबाज़ ने कोहली का साथ नहीं दिया, नहीं तो भारतीय टीम को बढ़त भी हासिल हो सकता था। इंग्लैंड की तरफ़ से सैम करन ने चार विकेट लिए।

दूसरी पारी में इंग्लैंड की टीम ने सिर्फ़ 180 रन बनाए, जिसमें करन का अर्धशतक शामिल था। भारत की तरफ़ से इशांत शर्मा ने पंजा हासिल किया, जबकि अश्विन ने फिर से तीन विकेट लिए। भारत को सिर्फ़ 194 रनों का लक्ष्य मिला था। कप्तान कोहली ने एक बार फिर से अर्धशतक लगाया, लेकिन फिर से उनको किसी अन्य बल्लेबाज़ का साथ नहीं मिला और भारतीय टीम मुक़ाबले को 31 रनों से हार गई। बेन स्टोक्स ने इस बार चार विकेट लिए।

भारत ने ना सिर्फ़ मैच नहीं बल्कि सीरीज़ भी जीतने का मौका गंवाया, 2022

साझेदारी के दौरान पंत और जाडेजा  Getty Images

कोविड के कारण पिछली बार भारतीय टीम ने जब दो हिस्सों में इंग्लैंड का दौरा किया था, तो वे बर्मिंघम पहुंचने तक सीरीज़ में 2-1 से आगे थे, लेकिन बर्मिंघम में हार के साथ ही सीरीज़ बराबरी पर छूटी। भारत ने ऋषभ पंत और रवींद्र जाडेजा के शतकों की मदद से 416 का एक बड़ा स्कोर खड़ा किया था। जवाब में इंग्लैंड की टीम जसप्रीत बुमराह (3) और मोहम्मद सिराज (4) के आगे सिर्फ़ 284 रनों पर सिमट गई। पहली पारी में 132 रनों की बड़ी बढ़त मिलने के बाद दूसरी पारी में भी भारत ने 245 का स्कोर खड़ा किया, जिसमें पंत की 57 रनों की पारी के अलावा पुजारा का भी अर्धशतक शामिल था।

इंग्लैंड को 378 रनो का रिकॉर्ड लक्ष्य मिला, लेकिन भारतीय गेंदबाज़ी दूसरी पारी में एकदम से नहीं चली और रूट और बेयरस्टो की शतकों की मदद से मैच को सात विकेट के बड़े अंतर से जीत लिया और भारत के बर्मिंघम में हारने का सिलसिला जारी रहा। हालांकि इस बार भारतीय टीम इस रिकॉर्ड को सुधारने का भरसक प्रयास करेगी, ताकि ना सिर्फ़ इस मैदान पर उन्हैं पहली जीत मिले बल्कि वह वर्तमान चल रही सीरीज़ में भी 1-1 से बराबरी पर आ जाए।

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दया सागर ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं.