जायसवाल : इस खेल में निरंतरता के साथ प्रदर्शन करना बेहद ज़रूरी है
जायसवाल ने कहा कि मुख्य कोच गंभीर ने उनके साथ नेट्स पर काफ़ी काम किया है
Jaiswal after Oval ton: I wanted to do more
Yashasvi Jaiswal also talks about the feedback he is getting from coaches and seniorsइंग्लैंड के ख़िलाफ़ ओवल टेस्ट की दूसरी पारी में 118 रनों की पारी खेलकर भारत को एक मज़बूत स्थिति में पहुंचाने वाले युवा सलामी बल्लेबाज़ यशस्वी जायसवाल ने कहा कि वह अपनी पारी को और बड़ा करना चाहते थे लेकिन अंत में वह अपने प्रदर्शन से संतुष्ट हैं।
जायसवाल ने तीसरे दिन के खेल के बाद मीडिया से कहा, "मैं और बेहतर करना चाहता था, मैं इससे बड़ी पारी खेलना चाहता था। अगर ऐसा होता तो मैं कुछ और भी हासिल कर सकता था। लेकिन ठीक है, मैंने इसके लिए काफ़ी मेहनत की थी और मैं इसका लुत्फ़ उठा रहा हूं। जब मैं बल्लेबाज़ी करने जाता हूं तो मेरी कोशिश यही रहती है कि जितना संभव हो सके उतनी देर बल्लेबाज़ी कर सकूं और मैं अपनी बल्लेबाज़ी का लुत्फ़ उठा रहा हूं।"
जायसवाल ने दो शतक और दो अर्धशतक के साथ इस सीरीज़ में कुल 411 रन बनाए। ओवल में लगाया जायसवाल का शतक इंग्लैंड के ख़िलाफ़ टेस्ट में उनका चौथा शतक भी है। जायसवाल ने कहा कि सीनियर खिलाड़ियों और कोच से उन्हें यही फ़ीडबैक मिला था कि वह लगातार मेहनत करते रहें और उन्होंने कहा कि वह ख़ुद भी यह मानते हैं कि इस खेल में निरंतरता के साथ प्रदर्शन करना बेहद ज़रूरी है।
जायसवाल ने कहा, "फ़ीडबैक यही है कि लगातार मेहनत करते रहना है और जैसा कि हम सभी करते हैं। हम अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करते हैं और हर दिन बेहतर करने का प्रयास करते हैं। मेरा मानना है कि क्रिकेट निरंतरता का खेल है तो हम यह सुनिश्चित करने का पूरा प्रयास करते हैं कि हम अभ्यास सत्रो में कड़ी मेहनत करें। ताकि जब हम मैदान में उतरें तो खेल हमारे लिए आसान हो जाए। हम काफ़ी मेहनत कर रहे थे। हमें पता है कि हम कैसे शॉट्स खेल सकते हैं और मुझे लगता है कि एक ही चीज़ को लगातार निरंतरता से करता रहना बेहद ज़रूरी है।"
जायसवाल का यह पहला इंग्लैंड दौरा भी था और उन्होंने कहा कि इस दौरे से उन्हें बतौर खिलाड़ी काफ़ी कुछ सीखने को मिला है जिन्हें शब्दों में बयां कर पाना मुश्किल है।
जायसवाल ने कहा, "मुझे लगता है कि ज़रूरी यह है कि मैं कैसे चीज़ों से लड़ता हूं। मेरी मानसिकता यही रहती है कि जैसी भी परिस्थिति सामने हो उनसे लड़ूं और खेल का लुत्फ़ उठाऊं। मैं अपने आप को यही समझाता हूं कि अंत में यह एक खेल है और इसका लुत्फ़ उठाना ज़रूरी है। इस दौरे से मैंने काफ़ी कुछ सीखा है, मैं हर चीज़ तो नहीं बता सकता लेकिन मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक तौर पर इस सीरीज़ में मैंने काफ़ी कुछ सीखा है और जिस तरह से मैंने और पूरी टीम ने पिछले दो महीने से मेहनत की है और इंग्लैंड सीरीज़ का लुत्फ़ लिया है वो काबिले तारीफ़ है।"
भारतीय टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर से चर्चा भी जायसवाल के काफ़ी काम आई और बाएं हाथ के बल्लेबाज़ ने कहा कि गंभीर ने उनके साथ नेट्स पर मिलकर काफ़ी काम भी किया था।
जायसवाल ने कहा, "हमारे बीच काफ़ी चर्चा हुई है और हमने मिलकर नेट्स में काफ़ी काम किया है। विशेष तौर पर इस पर कि मैं कैसे रणनीति को मैदान पर अमली-जामा पहना सकता हूं और खेल का लुत्फ़ उठा सकता हूं। कैसे गेंदबाज़ पर दबाव बना सकता हूं। सर (गंभीर) काफ़ी मदद करते हैं और मैं लुत्फ़ उठा रहा हूं।"
नवनीत झा ESPNcricinfo हिंदी में कंसल्टेंट सब एडिटर हैं।
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