'मानसिक थकान' दूर करने के लिए नियमित खेल मनोवैज्ञानिक का होना ज़रूरी: हरमनप्रीत
भारतीय कप्तान के अनुसार बैक टू बैक मैच खेलने से मानसिक तौर पर काफ़ी नुक़सान होता है

भारतीय महिला टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने एक बार फिर से ज़ोर देकर कहा है कि टीम में एक खेल मनोवैज्ञानिक का होना काफ़ी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि एक मनोवैज्ञानिक की उपस्थिति खिलाड़ियों को टीम के माहौल में मानसिक रूप से होने की अनुमति देती है। इसके कारण आप वर्कलोड ज़्याजा होने पर ख़ुद को आराम देने के बारे में सोच सकते हैं।
इंग्लैंड के ख़िलाफ़ पहले टी20 मैच की पूर्व संध्या पर हरमनप्रीत ने कहा, "एक टीम के तौर पर हम इन चीज़ों पर काफ़ी चर्चा करते हैं। आपका प्रदर्शन ऊपर-नीचे होते रहता है। ऐसे समय में ख़ुद को खेलने के लिए मज़बूर करने से बेहतर ब्रेक लेना बेहतर होता है। एक टीम के रूप में हम उस खिलाड़ी की मदद करना चाहते हैं, जो मानसिक रूप से थोड़ा थका हुआ होता है।"
उनकी यह टिप्पणी इंग्लैंड के ऑलराउंडर नेट सीवर के द्वारा लिए गए फ़ैसले के बाद आया, जहां उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए भारत के ख़िलाफ़ होने वाली सीरीज़ से अलग होने के फ़ैसला किया है। इससे पहले भी हरमनप्रीत एक मानसिक-स्वास्थ्य कोच होने के लाभों के बारे में मुखर रही हैं, जिन पर खिलाड़ी चुनौतीपूर्ण चरणों के दौरान विश्वास कर सकते हैं और उनसे बातचीत कर सकते हैं।
हरमनप्रीत ने कहा, "पिछले साल मैं बैक-टू-बैक क्रिकेट खेलते हुए इन चीज़ों से गुज़री हूं। इस साल हमने राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा लिया और फिर हम द हंड्रेड खेलने के लिए चल गए। हालांकि मैं एक ब्रेक लेना चाहती थी। बैक टू बैक मैच खेलने से मानसिक तौर पर काफ़ी नुक़सान होता है, और कई बार ख़ुद को खेलने के लिए पुश करने के बजाय ब्रेक लेना अच्छा होता है।"
जब भारत ने इस साल विश्व कप से ठीक पहले न्यूज़ीलैंड का दौरा किया था, तब डॉ. मुग्धा बावरे एक मानसिक-स्वास्थ्य कंडीशनिंग कोच के रूप में टीम के साथ जुड़ी थीं।
इसके बाद हरमनप्रीत ने कहा था कि इससे उन्हें बहुत फ़ायदा हुआ है। "जब हम न्यूज़ीलैंड दौरे पर थे, बावरे ने हमारी बहुत मदद की। मुझे उम्मीद है कि भविष्य में भी हम उन्हें अपने साथ ला सकते हैं, क्योंकि अभी हम अपनी शारीरिक फ़िटनेस और कौशल पर बहुत अधिक ध्यान दे रहे हैं। लेकिन मानसिक कौशल एक ऐसी चीज़ है जिसे हमें गंभीरता से लेने की ज़रूरत है।
"हम अपने देश का प्रतिनिधित्व करते हैं और इसका बहुत दबाव होता है। कभी-कभी आप केवल अपने आप पर दबाव डालते हैं क्योंकि आप अपने खेल और अपनी क्षमता को जानते हैं। इसलिए कभी-कभी बहुत अधिक उम्मीद करना भी आपको पीछे धकेल सकता है।"
एस सुदर्शनन ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर राजन राज ने किया है।
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