IND v ENG : कोहली से पहले इंग्लैंड का यह बल्लेबाज़ तोड़ेगा सचिन का रिकॉर्ड
जाडेजा-अश्विन की जोड़ी मचाएगी कमाल या इंग्लैंड के पास है इनका जवाब?

भारत ने कुछ ही महीनों पहले विश्व कप जीतने का मौक़ा गंवाया है। साउथ अफ़्रीका में एक बार फिर पहली बार टेस्ट सीरीज़ जीतने की उम्मीदें धराशायी हुई हैं। हालांकि इंग्लैंड के ख़िलाफ़ घरेलू टेस्ट श्रृंखला के मद्देनज़र भारतीय टीम के सामने इस बार सवाल घर पर बादशाहत को कायम रखने का है जो इस बार भारत के लिए उतना आसान नहीं रहने वाला है। मौजूदा भारतीय और इंग्लैंड टीम में पांच ऐसे खिलाड़ी हैं, जिनका टेस्ट में एक दूसरे की टीम के ख़िलाफ़ प्रदर्शन बेहद शानदार है। ये पांच वो खिलाड़ी हैं, जो भारतीय सरज़मीं पर भारत को मिली पिछली सीरीज़ हार का भी हिस्सा थे।
जाडेजा और अश्विन
सबसे पहले ज़िक्र रवींद्र जाडेजा का करते हैं। इंग्लैंड, जाडेजा की दूसरी सबसे पसंदीदा टीम है। जाडेजा ने अपने टेस्ट करियर में सिर्फ़ दो टीमों के ख़िलाफ़ ही 50 से अधिक टेस्ट विकेट लिए हैं- ऑस्ट्रेलिया (89) और इंग्लैंड (51)। 2016-17 में जब इंग्लैंड की टीम भारत आई थी, तब जाडेजा उनकी राह में रोड़ा बने थे। जाडेजा जितनी तेज़ी से अपना ओवर समाप्त करने के लिए जाने जाते हैं, वह उतने ही किफ़ायती गेंदबाज़ भी हैं। भारत इंग्लैंड के बीच खेले गए टेस्ट मैचों में कम से कम 16 टेस्ट खेलने वाले गेंदबाज़ों में वह तीसरे सबसे किफ़ायती गेंदबाज़ (2.44 की इकोनॉमी) भी हैं।
ख़ासकर टेस्ट क्रिकेट में भारतीय टीम के परिप्रेक्ष्य में जाडेजा का नाम अकेले लिया ही नहीं जा सकता। जाडेजा और रविचंद्रन अश्विन की जोड़ी भारत की कई यादगार जीतों का सूत्रधार बनी है। 2016-17 की सीरीज़ में अकेले अश्विन और जाडेजा की जोड़ी ने इंग्लैंड के 93 विकेटों में से 54 विकेट चटकाए थे। अश्विन तो इंग्लैंड के ख़िलाफ़ पिछली दो घरेलू सीरीज़ में सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ भी रहे हैं और इस बार उनके पास इंग्लैंड के ख़िलाफ़ टेस्ट में 100 विकेट लेने का भी अवसर है, ऐसे कारनामा जो अब तक कोई अन्य भारतीय गेंदबाज़ नहीं कर पाया है।
पिछली सीरीज़ में अश्विन प्लेयर ऑफ़ द सीरीज़ (8 पारियों में 32 विकेट) थे। जाडेजा ने भी इंग्लैंड के ख़िलाफ़ टेस्ट में जो 51 विकेट लिए हैं उनमें से आधे (26) उन्होंने 2016-17 में लिए थे। घर पर खेली गई पिछली टेस्ट सीरीज़ में जाडेजा और अश्विन की जोड़ी के आंकड़े भी उन्हें कमतर ना आंकने की तस्दीक करते हैं। पहले दो टेस्ट में विराट कोहली की अनुपस्थिति से बल्लेबाज़ी क्रम में गहराई पर असर पड़ने की शंका उत्पन्न हो गई है। हालांकि अश्विन और जाडेजा की जोड़ी के पास इसका समाधान भी है।
जेम्स एंडरसन
41 वर्षीय जेम्स एंडरसन अपने करियर के अंतिम पड़ाव पर हैं। दोनों टीमों के टेस्ट इतिहास में एंडरसन एक दूसरी टीम के ख़िलाफ़ 100 से अधिक विकेट लेने वाले इकलौते गेंदबाज़ भी हैं। लेकिन यह आंकड़ा सिर्फ़ सिक्के का एक पहलू भर है। भारत के ख़िलाफ़ एंडरसन ने 35 टेस्ट में सर्वाधिक 139 विकेट तो लिए हैं, लेकिन इनमें से 105 विकेट उन्होंने इंग्लैंड में लिए हैं। यानी भारत में एंडरसन के नाम 13 टेस्ट में 34 विकेट ही हैं।
इस बार एंडरसन के लिए परीक्षा और भी कठिन होने वाली है। क्योंकि इस सीरीज़ में उनका साथ देने के लिए स्टुअर्ट ब्रॉड नहीं हैं और ना ही जोफ़्रा आर्चर। हालांकि एंडरसन अपने संभवतः अंतिम भारतीय दौरे पर ज़रूर छाप छोड़कर जाना चाहेंगे।
जो रूट
दोनों टीमों की टेस्ट प्रतिद्वंद्विता के इतिहास में जो रूट (2,626) सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज़ बनने से सचिन तेंदुलकर (2,635 रन) से सिर्फ़ नौ रन पीछे हैं। रूट ने ये रन भारत के ख़िलाफ़ खेले अब तक 25 मैचों की 45 पारियों में बनाए हैं, जबकि सचिन ने इंग्लैंड के ख़िलाफ़ 32 मैच और 53 पारी में इतने रन बनाए थे। पिछली सीरीज़ में रूट ने दोहरा शतक भी लगाया था और भारतीय सरज़मीं पर उनका औसत भी 50 के ऊपर है।
पिछली सीरीज़ में इंग्लैंड को जिस एकमात्र टेस्ट में जीत रूट के दोहरे शतक (218 रन) की बदौलत ही मिली थी। हालांकि रूट अपनी इस पारी के अलावा अन्य सात पारियों में 150 रन ही जोड़ पाए लेकिन इसके बावजूद वह दोनों टीम में से उस सीरीज़ में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज़ रहे। जबकि 2016-17 में उन्होंने इंग्लैंड की ओर से 49.10 की औसत से सर्वाधिक 499 बनाए थे। इस बार भी रूट इसी प्रदर्शन को दोहराने की मंशा से उतरेंगे। इंग्लैंड के पास इस सीरीज़ में जैक लीच के अलावा कोई अन्य अनुभवी स्पिनर नहीं है। बेन स्टोक्स के भी गेंदबाज़ी करने की संभवाना ना के बराबर है। ऐसे में रूट इंग्लैंड के लिए ऑलराउंडर की भूमिका निभाते भी नज़र आ सकते हैं।
रूट ने पिछली सीरीज़ में भारत के ख़िलाफ़ विकेट भी चटकाए थे। अहमदाबाद में खेले गए तीसरे टेस्ट में रूट ने भारत के पांच बल्लेबाज़ों (8/5) को पवेलियन भेजा था और पहली पारी में एक छोटे स्कोर (112) पर सिमट गई इंग्लैंड के ख़िलाफ़ भारत (145) को अधिक लीड ना देने में अग्रणी भूमिका निभाई थी।
विराट कोहली
कोहली ने भले ही टेस्ट में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ 2 हज़ार का आंकड़ा (1991 रन) पार नहीं किया हो लेकिन इंग्लैंड उनकी दूसरी सबसे पसंदीदा टीम भी है। कोहली 2016-17 में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज़ थे। उन्होंने 100 से अधिक की औसत से कुल 655 रन बनाए थे, जिसमें एक दोहरा शतक भी शामिल था।
कोहली ने 2016-17 में मुंबई में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ 235 रन की पारी खेली थी। इस पारी के बाद ही वह टेस्ट में सर्वोच्च स्कोर बनाने वाले भारतीय कप्तान भी बने थे। इससे पहले यह रिकॉर्ड महेंद्र सिंह धोनी के नाम था। धोनी ने 2012-13 में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ चेन्नई में 224 रनों की पारी खेली थी। हालांकि धोनी का रिकॉर्ड तोड़ने के बाद ख़ुद कोहली ने अपना ही रिकॉर्ड दो बार और तोड़ा और उन्होंने कप्तानी करते हुए 2017-18 में श्रीलंका के ख़िलाफ़ 243 और 2019-20 में साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ 254 रनों की नाबाद पारी खेली।
कोहली पहले दो टेस्ट में भारतीय टीम का हिस्सा नहीं होंगे लेकिन इसके बाद भी अगले तीन मैचों में वह भारतीय टीम के लिए निर्णायक साबित हो सकते हैं। हालांकि कोहली की काट भी इंग्लैंड के पास मौजूद है। मोईन अली ने कोहली को टेस्ट में घर पर तीन बार, आदिल रशीद ने दो बार और जैक लीच ने एक बार आउट किया है। रशीद ने 2016-17 और लीच ने 2021-22 में इंग्लैंड की तरफ़ से सर्वाधिक विकेट लिए थे। हालांकि इस बार इंग्लैंड के दल में रशीद और मोईन दोनों ही मौजूद नहीं हैं। ऐसे में कोहली को इनकी अनुपस्थिति का लाभ मिल सकता है।
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