डुप्लेसी : मैं आरसीबी के लिए कुछ ख़ास करना चाहता हूं
उनके अनुसार वह ख़ुशकिस्मत हैं कि उन्हें धोनी जैसे नेतृत्वकर्ता से सीखने को मिला है

फ़ाफ़ डुप्लेसी ने आईपीएल 2022 की शुरुआत से रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) की कप्तानी संभाली थी और वह अब इसमें अपनी छाप छोड़ना चाहते हैं।
आरसीबी की कप्तानी करते हुए पहले सीज़न में डुप्लेसी ने अच्छा नेतृत्व करते हुए टीम को प्लेऑफ़ तक पहुंचाया था।
आरसीबी पोडकास्ट के दूसरे सीज़न में बोलते हुए डुप्लेसी ने खुलासा किया कि किस चीज़ ने उन्हें उद्देश्य की भावना के साथ टीम का नेतृत्व करने के लिए प्रेरित किया।
डुप्लेसी ने कहा, "मुझे लगता है कि एक क्रिकेटर के रूप में जिस क्षण ने फिर से पुष्टि की और मुझे बताया कि मैं इस स्तर पर हूं और मैं इस स्तर पर रहना चाहता हूं, वह वही क्षण था जब मुझे अपने देश की कप्तानी मिली। तो उस समय मुझे लगा कि यही तो था जो मैं करना चाहता हूं। तो यह मेरे लिए एक ज़रिया बन गया। इसके बाद मैं साउथ अफ़्रीका की दिल की धड़कन बन गया, अगर मैं ऐसा कह सकता हूं। मैंने साउथ अफ़्रीका क्रिकेट को हर पल जिया है।"
उन्होंने आगे कहा, "इसके बाद मेरी ज़िंदगी का दूसरा मोड़ है, मुझे कुछ नया करने को मिला है और ख़ासतौर से आरसीबी के साथ, जैसा कि मैंने कहा कि आपके पास कुछ ऐसा है जो वास्तव में आपके भीतर आपकी इच्छा को उभारता है। हां, मैं कुछ ख़ास करना चाहता हूं और इससे आपको एक नया उद्देश्य मिलता है क्योंकि मैं बस खेलने के लिए नहीं खेलना चाहता। हमेशा कुछ ऐसा होता है जो मुझे प्रेरित करता है।"
डुप्लेसी ने केवल एक नेतृत्वकर्ता के तौर पर ही नहीं बल्कि आरसीबी की बल्लेबाज़ी का भी आगे आकर नेतृत्व किया। उन्होंने 16 मैचों में 468 रन बनाए जिसमें तीन अर्धशतक शामिल थे और सर्वश्रेष्ठ स्कोर 96 था। वह आईपीएल 2022 में सबसे अधिक रन बनाने वालों में सातवें नंबर पर थे।
हालांकि, कप्तान की भूमिका में परिपक्व होने के दौरान डुप्लेसी को लगातार सीखना पड़ा। इसका श्रेय उन्होंने शानदार नेतृत्वकर्ता साउथ अफ़्रीका के पूर्व कप्तान ग्रैम स्मिथ और चेन्नई सुपर किंग्स के साथ के दौरान एमएस धोनी और स्टीफ़न फ़्लेमिंग को दिया।
उन्होंने कहा, "मेरे पास हमेशा महान नेतृत्वकर्ताओं से सीखने का दृष्टिकोण था। मैं इसकी इच्छा करता था। जब मैं शुरुआत में साउथ अफ़्रीका की टीम में आया तो ग्रैम स्मिथ कप्तान थे। तब मैं कहता था कि वाह, इस इंसान की क्या बात होती है जब वह बोलते हैं और जब वह बोलते थे तो कमरे को डॉमिनेट करते थे। तब मैं ऐसे होता था कि - हां ऐसे ही नेतृत्वकर्ता होते हैं, हैं ना?"
इसके बाद 2011 में वह कप्तानी के नए स्कूल में पहुंचे जब वह चेन्नई से जुड़े और उन्हें धोनी का साथ मिला।
उन्होंने कहा, "मुझे चेन्नई जाने का मौक़ा अपने करियर की युवा दौर में ही मिल गया था। स्टीफ़न फ़्लेमिंग इस खेल के बेहतरीन नेतृत्वकर्ता रहे हैं। एक ऐसा इंसान जो केवल रिश्तों पर काम करता है। तब मैंने कहा - हां यह शानदार है। सीएसके के साथ पहले सीज़न में मैं फ़्लेमिंग के बगल में बैठा था और उनसे कप्तानी और नेतृत्व के बारे में सवाल पूछे, जितना हो सके उतना सीखना चाहा। तब एमएस आते हैं जो सबसे ऊपर हैं, तब मैं कहता था कि वाह, इस इंसान को कितनी अच्छी खेल की समझ है। वह कप्तान के रूप में शानदार रहे हैं।"
डुप्लेसी ने आगे कहा, "मुझे लगता है कि मेरे लिए यही सब अच्छा रहा है, मैं ग्रैम स्मिथ नहीं बनने जा रहा हूं, मैं स्टीफ़न फ़्लेमिंग भी नहीं बनने जा रहा हूं और ना एमएस धोनी बनने जा रहा हूं। मेरे लिए सबसे अहम यह है कि मैं इंसान के तौर पर कैसा हूं, मुझे वही बनने की ज़रूरत है। क्योंकि अगर आप, आप नहीं रहते हैं तो लोग इसके माध्यम से देखेंगे, शायद तब नहीं जब आप अच्छा कर रहे हों, लेकिन निश्चित रूप से जब आप दबाव में हों या कम प्रदर्शन कर रहे हों, तो आप वास्तविक रूप से खु़द को ज़ाहिर करेंगे।"
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